कोई भूख के लिए खाता है तो कोई सेल्फी के लिए – Hindi Kahani on Modern Society

मैं हिमाचल के धर्मशाला शहर में रहता हूँ. जिन लोगों को नहीं पता, उन्हें बता दू कि धर्मशाला एक टूरिस्ट प्लेस है. क्यूंकि यहाँ का मौसम काफी ठंडा है, हर साल गर्मियों में लाखों लोग यहाँ घूमने आते है. मेरे घर के पास एक कैफ़े ( Cafe ) है जहाँ मैंने अक्सर कॉफ़ी या जूस पीने जाता हूँ और साथ में अपना लैपटॉप भी ले जाता हूँ ताकि कोई नयी कहानी लिख सकू, काफी शांत जगह पर बना है ये कैफ़े.

Hindi Kahani on Modern Society

एक दिन शाम के वक़्त मैं उसी कैफ़े में गया और कैफ़े के बाहर एक टेबल पर बैठ कर कॉफ़ी पीते पीते कुछ सोच रहा था कि कही से 2 लड़का और लड़की मेरे पास आये और पैसे मांगने लगे. देख कर लग रहा था कि वो दोनों भाई बहन है, उनके कपडे काफी गंदे थे. हमारे यहाँ धर्मशाला में अक्सर ऐसे मांगने वाले आते रहते है. मैंने पैसे देने को मना कर दिया और उन्हें इग्नोर कर दिया। फिर भी 1 मिनट तक वो मुझसे मांगते रहे लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया.

कुछ समय बाद वो दोनों सड़क पर आते जाते लोगो से पैसे मांगने लगे. उन्हें 2 मिनट तक देखने के बाद मैंने उन्हें आवाज़ लगायी और अपने पास बुलाया.

“मैं पैसे तो नहीं दूंगा लेकिन अगर भूख लगी है तो कुछ खिला देता हूँ” मैंने उन दोनों को कहा.

उन्होंने कैफ़े में लगी मसाला डोसा की तस्वीर की तरफ इशारा किया। मैंने उन्हें कहा जाओ, आर्डर कर दो, मैं पैसे दे दूंगा. जैसे ही उनका मसाला डोसा आया उन्होंने महज़ 2 मिनट में खा लिया। मैंने आज तक इतना भूखा किसी को नहीं देखा था, उन पर दया आ रही थी. “यकीनन उन्होंने काफी देर से कुछ नहीं खाया होगा …..अच्छा किया जो इन बेचारो को खिला दिया ” मैंने मन ही मन सोचा और अपने लैपटॉप पर कुछ लिखना शुरू कर दिया.

दो मिनट बाद मेरा ध्यान सामने से आ रही तीन लड़कियों पर गया. एक दम मॉडर्न लड़कियां, अपने अपने हाथ में iPhone पकडे हुए कैफ़े की तरफ आ रही थी. करीब 15 से 16 साल की लग रही थे वे तीनो लड़कियां और उन्हें देख कर कोई भी अंदाज़ा लगा सकता था कि वे काफी अमीर घर से है.

“भईया….2 पास्ता, एक स्माल पिज़्ज़ा और तीन ऑरेंज जूस” उन लड़कियों में से एक ने कैफ़े के वेटर को आर्डर किया. मैं उन्हें देख नहीं रहा था लेकिन मेरा ध्यान उनकी तरफ और उनकी बातो पर ही था.

एक लड़की ने पास्ता ज़रा सा चखा और मुंह बना लिया “अरे…ये कैसा बनाया है, बिलकुल टेस्टी नहीं है” उसने कहा

फिर तीनो लड़कियों ने अपने खाने के साथ एक सेल्फी ली और वे तीनो आधे से ज़्यादा खाना वही छोड़ कर चले गए. मुझे बहुत बुरा लगा कि खाने की इतनी बदसलूकी की उन तीनो ने. तभी मुझे उन दोनों गरीब भाई बहन का ख्याल आया कि जब उन्हें भूख लगी थी तो उन्होंने अपने खाने का एक दाना भी नहीं छोड़ा और इन लड़कियों से सिर्फ सेल्फी लेकर पूरा खाना छोड़ दिया, वाह से ये मॉडर्न ज़माना !

उस दिन मैं उन लड़कियों और गरीब बच्चो के बीच का अंतर देख कर मुस्कुरा रहा था. एक भूख के लिए खाता है और दूसरा सिर्फ सोशल मीडिया पर दिखावे के लिए. एक ज़रूरत के लिए खाता है और एक दुसरो को दिखाने के लिए !

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