सीढ़ी का महत्त्व – Zindagi ki Sachai Story in Hindi

Zindagi ki Sachai Story in Hindi

हम और आप सीढ़ी नाम की वस्तु से भली भांति परिचित हैं। सीढ़ी जो निचली मंजिल से ऊपर की मंजिल तक पहुंचने के लिए व्यवहार में लायी जाती है।

जिस तरह निचली मंजिल से ऊपर की मंजिल तक पहुंचने के लिए सीढ़ी का होना अनिवार्य है ठीक उसी तरह जीवन में भी निचले स्तर से ऊपर पहुंचने के लिए सीढ़ी का होना अनिवार्य ही नहीं परन्तु अपरिहार्य है। वह सीढ़ी चाहे हमारे माता पिता हों, हमारे गुरु जन या फिर हमारे शिक्षक। जीवन की ऊँचाईयों को छूने के लिए हम इन सीढ़ियों का सहारा लेते हैं ओर इन्ही सीढ़ियों के पायदानों पर एक एक पग रखते हुए कब सफलता की उन ऊँचाईयों को पा लेते हैं, हमें इसका एहसास ही नहीं होता।

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Zindagi ki Sachai Story in Hindi

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अब सीढ़ी के महत्त्व को तो हमने जान लिया लेकिन इस सीढ़ी की एक विशेषता यह भी होती है कि इस सीढ़ी के 2 पाए धरती से जुड़े होते हैं और 2 ऊपर आसमान की ओर सर उठाये उसे छूने को आतुर होते हैं। कोई भी मनुष्य अपने मूल से जुड़े बिना सफलता की ऊँचाईयों को छू नहीं सकता।

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सफल होने के लिए मनुष्य अपने मूल से अर्थात (अपने माता पिता, अपनी जन्मभूमि, अपने देश, अपने घर, या अपने ईश्वर) से जुड़ा रह कर ही ऊँचाईयों को छू सकता है।

जिस दिन वह अपने धरातल को छोड़ने का प्रयास करेगा, वह अपने आदर्श, अपनी ऊँचाईयों से नीचे आ जायेगा। जैसे सीढ़ी का एक भी पाया अगर धरती को छोड़ दे तो उस पर चढ़ता हुआ इंसान नीचे गिरने लगता है, ठीक यही हाल मनुष्य का भी होता है। क्योंकि सीढ़ी हमारे सहारे से नहीं खड़ी है, बल्कि हम उस सीढ़ी के सहारे से खड़े हैं। इसलिए जीवन में कभी उस सीढ़ी का अनादर न करें जिसने हमें उन ऊँचाईयों को छूने के योग्य बनाया है।

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वीडियो भी देखें:

https://youtu.be/GZ8wjwSYW-M

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1 Response

  1. Pawan says:

    Wooaa

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