Paryavaran Par Nibandh – पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध, पढ़े और दूसरो को भी पढ़ाये
मानव प्रगति की राह पर तो चल पड़ा है लेकिन पर्यावरण संरक्षण के बारे में भूल गया है. इसीलिए हम आपके लिए लाये है Paryavaran Par Nibandh जो हर एक को ज़रूर पढ़ना चाहिए.
Best Essay on Environment Pollution in Hindi
जीवन का मूल उद्देश्य यह नहीं कि केवल अपने निजी स्वार्थ के लिए जिया जाए अपितु समस्त मानव कल्याण के लिए किए गए अच्छे कर्मो का नाम ही सत्य जीवन की परिभाषा है। सृष्टि की सर्वोत्तम रचना मनुष्य होने के नाते प्रकृति ने हमें पृथ्वी पर शासन करने का अवसर प्रदान किया है । अतः समस्त पृथ्वी पर बसने वाले प्राणी, जीव जन्तु, वृक्ष एवं पर्यावरण की रक्षा करना ही हमारा कर्तव्य है।
आधुनिक युग में मनुष्य ने अपनी भौतिक आश्यकताओं के चलते प्रकृति के नियमों में हस्तक्षेप कर पर्यावरण को खतरे में डाल दिया है। आज संपूर्ण जगत पर्यावरण संरक्षण के विषय को लेकर गम्भीर रूप से चिंतित है। हमारे परिवेश में मृदा, जल, वृक्ष, वायु एवं सभी जैविक क्रियाओं का होना अति आवश्यक है जिस से हमारा प्राकृतिक वातावरण एवं पृथ्वी पर लंबे समय तक जीवन संतुलन बना रहे।
Paryavaran Par Nibandh
मानवीय व्यवहार एवं औद्योगिक गतिविधियों के कारण आज हमारा वातावरण प्रदूषित हो गया है तथा हमें जल, वायु, ध्वनि एवं अनेकों प्रकार के प्रदूषणों का सामना करना पड़ रहा है। विज्ञान मानव जीवन के लिए वरदान तो है परन्तु वैज्ञानिक एवं परमाणु परीक्षण के चलते पर्यावरण के लिए निसंदेह अभिशाप बन गया है। रासायनिक क्रियाओं को मनुष्य ने अपने सामाजिक जीवन में ऐसे ढाल लिया कि अब सांस लेना भी दूभर हो गया है।
तरह तरह के रासायनिक तत्वों का उपयोग करके आज हम अनेकों प्रकार के रोगों से ग्रस्त हो गए है। भारत जैसे जनसंख्या घनत्व वाले देश में यह एक घोर चिंता का विषय है। सरकार नगर एवं ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान चला रही है हमें इस अभियान में भाग लेना चाहिए ताकि हम अपने वातावरण का स्वयं संरक्षण कर सकें और ” स्वच्छ भारत मिशन “को सफल कर सकें।
Paryavaran Par Nibandh
जहां तक संभव हो सके पेड़ लगाऐं। कृषि में रासायनिक उर्वकों का नही अपितु जैविक खाद का प्रयोग करें। जलाशय एवं नदियों को दूषित ना होने दें। प्लास्टिक का उपयोग बिल्कुल ना करें। सरकार द्वारा तय किए मानक के अनुरूप औद्योगिक गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए। आज विज्ञान ने तकनीकी के क्षेत्र में जो ख्याति प्राप्त की है उसमे सब से अधिक नुकसान पर्यावरण का ही हुआ है। मनुष्य की असीम आश्यकताएं ही नए अविष्कार को जन्म देती है।
नित नए अविष्कार के चलते आज मानव आलसी हो गया और शारीरिक श्रम- मुक्त हो गया है जिससे कई तरह के रोगों से ग्रस्त हो गया है। रेडियोधर्मी यंत्रों के अत्याधिक प्रयोग के कारण पक्षियों एवं सूक्ष्म जीवों का विनाश हो रहा है जिनका हमारे परिवेश में एक महत्वपूर्ण योगदान है। हमारी जागरूकता ही प्रदूषण का निवारण हैं।
Paryavaran Par Nibandh
यद्यपि हम वातावरण को पूर्णतः प्रदूषण मुक्त तो नहीं कर सकते, किन्तु ऐसे प्रयास तो अवश्य ही कर सकते हैं जो पर्यावरण के लिए कम से कम हानिकारक हों। ऐसा तभी संभव है जब प्रत्येक मनुष्य पर्यावरण संरक्षण को उतनी ही प्राथमिकता दे जितनी कि अन्य भौतिक आवश्यकताओं को वह देता है। आओ सब मिलकर स्वच्छ, स्वस्थ, सुरक्षित एवं प्रदूषण मुक्त हरित भारत के निर्माण में अपना योगदान दें।
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मेरा नाम बिलाल हयात है। मैं सऊदी अरब में 8 वर्षों से रह रहा हूं। ग्रैजुएशन करने के बाद मै सऊदी कमाने के लिए आ गया। मुझे सरल जीवन पसंद है। मैं कोई प्रोफेशनल लेखक नहीं हैं बस प्रयास कर रहा हूं लिखने का। आप लोगो के आशीर्वाद एवं साथ की आवश्यकता है।