“बचपन का मित्र” A Very Short story About Friendship in Hindi

मै आशु जब मै 5 साल का था। तब पहली बार स्कूल गया। उस समय मेरा दाखिला नर्सरी क्लास मे हुआ था। स्कूल मुझे बहुत बोरिग लगला था। क्योंकि मै शुरू से ही बहुत शांत था। मुझे शोर-गुल बिल्कुल पसंद नहीं था।और आप को पता हि है। नर्सरी क्लास के बच्चे कितना शांत रहते है।

इसी सब के बीच मेरी लडाई एक लड़के से हुई। जिसका नाम अंकुर था। और लडाई इतनी भयंकर थी। कि गुरू जी ने अगले दिन दोनों के पिता जी को बुला लिया। मै बहुत डर गया था। डरते डरते पिता जी के साथ स्कूल गया।और वह भी अपने पिताजी के साथ स्कूल आया। इतफाक से उसके पिताजी और मेरे पिताजी दोनों पुराने मित्र निकले।

मेरे पिताजी ने हंसते हुए। बोले यह तुम्हारा बेटा है, फिर क्या था। दोनों ने मिलकर हमारी दोस्ती करा दी। उस दिन से घर से एक साथ स्कूल जाना। एक बेन्च पे बैठना, एक लॉन्च बाक्स मे खाना। स्कूल मे जो करना साथ करना और फिर घर वापस साथ आना।

A Very Short story About Friendship

A Very Short story About Friendship in Hindi

हमारे उम्र के साथ साथ हमारी शैतानीया बढते गई। किसी का लॉन्च खा जाना। किसी से मार पिट कर लेना। बुरा से अच्छा काम जो करना साथ करना। सब आगे वाले बेन्च पे बैठने के लिए लडते थे। हमारा कब्जा पिछले बेन्च पे था। सब प्रथम आने के लिए पढते थे। और हम पास होने के लिए। फिर थोड़े और बडें हुए।

अब हमने सारी हदे पार कर दि थी।हमने स्कूल बन्क मारा।रिजल्ट के नम्बर भी बदला था। और भी बहुत किये थे। पर जितना याद आया लिख दिया। अब हम छठें क्लास मे पहुंच चुके थे। नर्सरी से छठें क्लास मे जाने मे बहुत समय लगता है। लेकिन जिसके साथ अंकुर जैसा दोस्त हो। उसके लिए इतना समय पार करना कोई बड़ी बात नहीं है।

हमारी दोस्ती ऐसी हो गई थी। जो तेरा है वह मेरा है। फिर 2007 मे मेरे पिताजी का देहांत हो जाता हैं। और मुझे पैसे के प्रोब्लम के कारण स्कूल छोड़ना पडता है। तभी मैंने मैटिक की परीक्षा CBSE से न देकर बिहार बोड से देना पड़ा। स्कूल छोड़ने के बाद हमारी दोस्ती और भी गहरी हो गई थी। और आज भी हम जब भी मिलते है। एक बार पुरानी बातों को जरूर याद करते है।

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4 Responses

  1. ASHUTOSH KUMAR says:

    एक बार पुनः आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏

  2. Abhishek Sharma says:

    Bahut badhiya dost…..

  3. mishras lover says:

    nice story … kindly add some more stories related to tihis

  4. Pardeep kaur says:

    Hello sir kya hum aap ki story ko you tube dal sakta ha

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