भूतिया कॉल सेंटर की कहानी Scary Call Center Story in Hindi
Scary Call Center Story in Hindi
सायापूर शहर में, ‘शांतिकुंज’ नाम का कॉल सेंटर था। इस कॉल सेंटर में, शहर के कई युवक और युवतियां,सफाई कर्मचारी, अन्य कर्मचारी काम करते थे। इस कॉल सेंटर में बहुत सारी प्रोसेस थी जैसे की, मोबाइल के प्रश्नों के उत्तर के लिए, ऑनलाइन फूड ऑर्डर के बारे में प्रश्नों के उत्तर के लिए, सिम कार्ड सबंधित जानकारी और प्रश्नों,बैंकिंग सेवाओं से संबंधित जानकारी के लिए, पश्नो के लिए, आदि। युवक – युवतियां, सुबह ६ से लेकर शाम को ७ बजे के बीच में काम करते थे। इस कॉल सेंटर में सबकी अलग – अलग शिफ्ट थी, किसी की ६ से ३, किसी की ८ से ५,९ से ६,आदि। सबसे अंतिम शिफ्ट थी १० से ७ की, उसके बाद कोई भी काम नही कर सकता था। अगर किसी का काम अधूरा रह गया हो, तो वह कल सुबह जल्दी आकर काम खत्म कर लेता; लेकिन रात को रुकते नहीं। शाम को ७ बजे के बाद, इस कॉल सेंटर के नाम की तरह चारो ओर शांति का वातावरण छा जाता।
यह शांति के वातावरण के साथ ही, यहाँ पर कुछ प्रेत आत्माएं रात को आवाज करती और भय का माहोल फैलाती, ऐसा आसपास के लोगों का कहना था। कुछ लोगों तो यह भी कहना था कि उनका घर कॉल सेंटर से थोड़ी दूरी पर है, फिर भी रात को किसी के रोने की, हसने की आवाजें, पूरी रात सुनाई देती। ये आवाजे सुबह ४ – ५ बजे तक चलती। कॉल सेंटर के कुछ कर्मचारी तो शाम के ६ बजे से ही डरने लगते थे, ठीक ७ बजे सारा कॉल सेंटर खाली हो जाता। सिक्योरिटी गार्ड भी रात को नहीं रुकते थे। उनकी ड्यूटी सुबह से शाम तक की ही होती थी।
रात की शिफ्ट न होने के कारण, इस कॉल सेंटर को काफी नुकसान होने लगा, काम लगातार बढ़ने लगा और नौबत यहां तक आ गई की इस कॉल सेंटर के मालिक ने, अपना बिजनेस बेचकर किसी ओर व्यक्ति को दे दिया। उस व्यक्ति का नाम था, मनोज कुमार। मनोज कुमार को पुराने मालिक, पूरे स्टाफ ने बताया था की वह रात की शिफ्ट ना रखे; लेकिन मनोज कुमार ने उनकी एक नहीं सुनी। मनोज कुमार भूत-प्रेत पे विश्वास नहीं करते थे।उन्होंने कुछ कर्मचारियो और युवकों को रात की शिफ्ट में काम करने के लिए, दुगनी तनख्वाह देने का वादा किया। दुगनी तनख्वा की लालच में, कुछ कर्मचारी और युवक काम करने के लिए मान गए।
अगले दिन शाम को जब रात की शिफ्ट चालू हुई, तब कुछ लोगों को डर लगने लगा, लेकिन दुगनी तनख्वाह के उत्साह में सब काम में जुड़ गए। रात के ठीक १२ बज चुके थे। “सिम कार्ड” प्रोसेस के कुछ युवक हेडसेट पहनकर कॉल्स ले रहे थे और ग्राहकों की समस्या का समाधान कर रहे थे। रात में कॉल्स लेते – लेते एक युवक को भूख लग गई, वह खाना खाने के लिए नीचे गया। उस युवक का नाम था, सुनील। कॉल सेंटर से काफी दूरी पर एक चाइनीज रेस्टुरेंट था, वहा पे सुनील ने चाइनीज ऑर्डर किया। थोड़ी देर में सुनील के पास, एक दूसरा युवक आया, जिसने अपना नाम विशाल बताया और कहा की वह इसी कॉल सेंटर में, रात की शिफ्ट में ऑनलाइन फूड ऑर्डर प्रोसेस में काम करता है। दोनों ने चाइनीज खाते – खाते काफी बातें की और फिर दोनों साथ में कॉल सेंटर की तरफ जाने लगे। विशाल, कुछ देर चलने के बाद, सुनील के पीछे – पीछे चलने लगा। सुनील अपनी बातों में इतना मशगूल था की उसको पता ही नही था की पीछे कोई है या नही। कॉल सेंटर बस अब थोड़ी सी ही दूरी पे था और सुनील ने पूछा,“ विशाल तुम सुन रहे हो ना?” सुनील ने पीछे मुड़कर देखा, तो विशाल नहीं था। यह देख, सुनील बहुत डर गया और जितना तेज़ी से हो सका, वहां से भागा। बीच में उसको यह अहसास भी हुआ की पीछे से उसके पैर कोई खींच रहा है, लेकिन उसने अपने आपको छुड़ाते हुए कॉल सेंटर की तरफ भागा, बस वो कॉल सेंटर पहुंचने ही वाला था की तुरंत उसने अपनी नजरों के सामने एक भयानक चेहरा देखा और उसको देखकर वह बेहोश हो गया। रात को सभी सिक्योरिटी स्टाफ डर के मारे सो गए थे, इसलिए किसीने सुनील को नहीं देखा।
अगले दिन सुबह कुछ कर्मचारियों ने सुनील को जगाया और बेहोश होने का कारण पूछा। सुनील ने रात की सारी बातें उनको बताई , मनोज कुमार के अलावा सबको यकीन हुआ, लेकिन मनोज कुमार ने कहा “ बेटा, यह सब एक भ्रम है, तुम्हारे मन में जरुर कोई बुरा ख्याल आया होगा, इसलिए तुम्हे ऐसा लगा होगा।” रात की यह घटना के बाद, सुनील की तबियत इतनी खराब हो गई की उसको अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
उसके दूसरे दिन, फिर कुछ ऐसा ही डरावना होनेवाला था। ऑनलाइन फूड ऑर्डर प्रोसेस के युवक, एक दूसरे के साथ मस्ती करते – करते कॉल्स ले रहे थे और ग्राहकों के प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे। रात के ठीक २ बजे, समीर नाम का एक युवक वॉशरूम जाने के लिए अपनी जगह से खड़ा हुआ और वॉशरूम की ओर आगे बढ़ा।
भाग – २ बस, कुछ ही दिनों में…
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दोस्तो, मेरा नाम आशीष पटेल है। प्यार से मुझे लोग ‘आशु’ कहकर बुलाते है। मैं गुजरात राज्य के वडोदरा शहर में से, एक छोटे से गांव ‘विश्रामपुरा’ से हूं। मुझे कहानी लिखना सबसे प्रिय लगता है एवं में इसी लक्ष्य की तरफ अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहता हूं। उम्मीद है, की यह कहानी आपको पसंद आयेगी। अगर आपको यह कहानी पसंद आए, तो अपने दोस्तो के साथ जरूर साझा कीजिएगा। Contact
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