अकबर-बीरबल की कहानी: असली मां कौन?
असली मां कौन? – Akbar Birbal Story in Hindi – Asali Maa Kaun?
एक बार बादशाह अकबर के दरबार में एक अजीब मामला आया। मामला यह था की, एक दिन दो महिलाएं लड़ते हुए दरबार में आयी। उनके साथ में लगभग 2 साल का एक मासूम बच्चा भी था। दोनों महिलाएं इस बात के लिए लड़ रही थी, की यह बच्चा मेरा हैं। अब समस्या ये थी कि दोनों शहर के बाहर रहती थीं, जिस कारण उन्हें कोई नहीं जाता था। इसलिए, यह बताना मुश्किल था कि उस नन्हे से बच्चे की असली मां कौन है।
अब बादशाह अकबर के सामने मुसीबत आ गई कि न्याय कैसे करें और बच्चा किसको दें। इस बारे में उन्होंने एक-एक करके सभी दरबारियों की राय ली, लेकिन कोई भी इस गुत्थी को नहीं सुलझा सका और तभी बीरबल दरबार में पहुंच गए।
बीरबल के आते ही अकबर ने इस समस्या के बारे में उन्हें बताया। अकबर ने बीरबल से कहा कि अब तुम ही इस समस्या का समाधान करो। बीरबल कुछ सोचते रहे और फिर जल्लाद को बुलाने के लिए कहा।
जल्लाद के आते ही बीरबल ने बच्चे को एक जगह बैठा दिया और उन्होंने कहा, “एक काम करते हैं इस बच्चे के दो टुकड़े कर देते हैं। एक-एक टुकड़ा दोनों मांओं को दे देंगे। अगर इन दोनों महिलाओं में से किसी एक को यह बात मंजूर नहीं है, तो जल्लाद उस महिला के दो टुकड़े कर देगा।”
यह बात सुनते ही उनमें से एक महिला बच्चे के टुकड़े करने की बात मान गई और बोली कि उसे आदेश मंजूर है। वह बच्चे के टुकड़े को लेकर चली जाएगी, लेकिन दूसरी महिला बिलख-बिलख कर रोने लगी और बोलने लगी, “मुझे बच्चा नहीं चाहिए। मेरे दो टुकड़े कर दो, लेकिन बच्चे को मत काटो। यह बच्चा दूसरी महिला को दे दाे।”
यह देखकर वहां मौजूद सभी दरबारी मानने लगे कि जो महिला डर की वजह से रो रही है वहीं दोषी है, लेकिन तभी बीरबल ने कहा कि जो महिला बच्चे के टुकड़े करने के लिए तैयार है उसे कैद कर लो वही मुजरिम है। इस बात को सुनकर वह महिला रोने लगी और मांफी मांगने लगी, लेकिन बादशाह अकबर ने उसे जेल में डलवा दिया।
बाद में अकबर ने बीरबल से पूछा कि तुमको कैसे पता चला कि असली मां कौन है? तब बीरबल ने मुस्कुराते हुए कहा, “महाराज मां सारी मुसीबतों को अपने सिर पर ले लेती है, लेकिन बच्चे पर आंच भी नहीं आने देती और यही हुआ। इससे पता चल गया कि असली मां वह है जो खुद के टुकड़े करवाने के लिए तैयार है, लेकिन बच्चे के नहीं।” यह सुनते ही बादशाह एक बार फिर बीरबल के बुद्धि के कायल हो गए।
बात पते की –
हमें कभी भी दूसरे की चीज पर अपना हक नहीं जताना चाहिए। यह बात पता होना चाहिए की, हमेशा सच्चाई की ही जीत होती है और समझदारी से काम लेने पर हर समस्या का हल निकल आता है।
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