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ज़िन्दगी आसान नहीं साहब ! विदेश पहुँचने के बाद मेरा अब तक का अनुभव, भाग 2

रात के लगभग 9 बज रहे थे। मै टैक्सी में बैठ कर ना जाने किस दिशा में चला जा रहा था। रियाद शहर मीलों पीछे निकल चुका था। मन में नकारात्मक विचार जन्म ले रहे थे। फिर कुछ समय के बाद टैक्सी की गति कम हुई और एक बड़े

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