इंसानियत पर कहानी – इस दुनिया में अच्छे लोग भी होते है, इमोशनल कहानी
Best Emotional Story in Hindi
दोस्तों, चाहे इस दुनिया में कलयुग का आरम्भ हो चूका है लेकिन अभी भी इंसानियत ज़िंदा है. अभी भी इस दुनिया में अच्छे लोगों की कमी नहीं और ऐसे ही एक भले इंसान की बहुत ही इमोशनल कहानी हम आपके साथ शेयर करने जा रहे है. ये हिंदी कहानी बहुत interesting है इसलिए इसे अंत तक ज़रूर पढ़े और कमेंट में हमें अपनी फीलिंग्स ज़रूर बताये.
एक 8 साल के बच्चे ने अपना गोलक (piggy bank) तोडा और उसमे जितने भी रुपये थे वो बड़े अच्छे से दो-तीन बार गिने. वो बच्चा रुपये लेकर एक दवाइयों की दुकान (Pharmacy) में गया. फार्मेसी पर उस बच्चे ने देखा कि कुछ लोग खड़े है इसलिए वो भी खड़ा हो गया और इधर उधर दवाईयों की तरफ देखने लगा. जब सब लोग दुकान से चले गए तो दूकानदार ने उस बच्चे को देखा और आश्चर्य में पुछा “बेटा…… .तुम्हे क्या चाहिए?”
Emotional Kahaani in Hindi
बच्चा: मुझे एक चमत्कारी दवाई चाहिए। मेरी बहन बहुत बीमार है और मेरे पापा कहते है कि सिर्फ चमत्कार ही मेरी बहन को बचा सकता है.
दुकानदार: नहीं बीटा… ऐसी कोई दवाई यहाँ पर नहीं मिलती।
बच्चा: मेरे पास पैसे है, अगर आपको और पैसे चाहिए तो मैं ला दूंगा मगर मुझे वो चमत्कारी दवाई दे दीजिये वर्ना मेरी बहन मुझे छोड़ कर चली जायेगी. मुझे बताईये कितने पैसे लगेंगे.
उस बच्चे के बगल में लम्बा सा व्यक्ति खड़ा हुआ था जो ये सब सुन रहा था. उस व्यक्ति ने बच्चे से पूछा “तुम्हारी बहन को क्या हुआ और तुम्हे कैसी चमत्कारी दवाई चाहिए, मुझे बताओ”
उस बच्चे ने कहा “मुझे सिर्फ इतना पता है कि मेरी बहन बहुत बीमार है, उसके सिर में बहुत दर्द होता है और डॉक्टर कहते है कि इसके लिए ऑपरेशन करना पड़ेगा लेकिन मेरे पापा के पास पैसे नहीं है. इसलिए मेरे पापा कहते है कि अब मेरी बहन को बस कोई चमत्कार ही बचा सकता है. मैं अपनी बहन को बचाने के लिए अपने सारे पैसे लेकर आया हूँ “
उस व्यक्ति ने बच्चे से पुछा “कितने पैसे है तुम्हारे पास?”
बच्चे ने कहा “मेरे पास 260 रुपये है”
उस व्यक्ति ने कहा “चमत्कार के लिए इतने पैसे काफी है, मुझे जल्दी से अपनी बहन के पास ले चलो, मैं देखता हूँ कि क्या कर सकता हूँ”
उस छोटी बच्ची को Brain Tumour था और ये व्यक्ति बहुत ही प्रसिद्ध डॉक्टर थे. बच्ची का ऑपरेशन सफल रहा और उसकी जान बच गयी. ऑपरेशन के बाद बच्ची के पापा ने डॉक्टर से पुछा “ऑपरेशन के पैसे कितने हुए?”
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डॉक्टर ने उस बच्चे की तरफ देखते हुए माँ को कहा ” मुझे इस ऑपरेशन की फीस आपके बेटे ने दे दी है, इसकी फीस थी 260 रुपये”
माँ सब समझ गयी और उसने अपने बेटे को गले लगा कर खूब प्यार किया.
दोस्तों, ये इंसानियत पर कहानी हमें बताती है कि भगवान पर विश्वास रखे लेकिन उससे पहले खुद पर भी विश्वास रखे. आज के युग में अच्छे इंसान भी होते है और चमत्कार भी होते है !
नमस्ते। मुझे नयी कहानियां लिखना और सुनना अच्छा लगता है. मैं भीड़-भाड़ से दूर एक शांत शहर धर्मशाला (H.P) में रहता हूँ जहाँ मुझे हर रोज़ नयी कहानियां देखने को मिलती है. बस उन्ही कहानियों को मैं आपके समक्ष रख देता हूँ. आप भी इस वेबसाइट से जुड़ कर अपनी कहानी पब्लिश कर सकते है. Like us on Facebook.
Nice
iss story me bhagwan aur insaniyat ke alawa bhai bahan ka pyar bhi hai aur succha pyar ke aage bhagwan ko bhi jhukna padta hai
Rula Diya yaar
Nice
mai i use this story for my youtube channel…. story…..
Yt ka nam kya hai
Mujhe bahut achchi lagi khni
भाई आपने बहुत अच्छी कहानी रची है मै आपके कहानी को मै अपने voice me pablic ko sunana chahta hu