सेठ जी की “उधार और शोषण” – Seth ji ki Kahani
सवेरे सवेरे “नगर-समाचार” नाम के WhatsApp Group पर Message आया था, अग्रवाल & Sons वाले सेठ जी Corona Positive पाए गए | Hospital में Admit करवाया गया | हालत बहुत गंभीर थी | शहर के घंटा घर बाज़ार में सेठ जी की धान मंडी की दुकान थी | पुश्तैनी पैसा और कारोबार था | सेठ जी को सोने की मोटी चैन और अंगूठियों से बहुत प्यार था | प्रेम चंद के उपन्यासों के किरदार को सेठ जी आज भी जीवंत बनाए हुए थे | कई और व्यवसाय थे सेठ जी के | जरुरत मंदो को ब्याज पर पैसा देना भी उनमें से एक था | कोई भी जरुरत मंद सेठ जी से उधार मांगने आता तो सेठ जी उसे कभी ना नहीं करते | पर पैसा देते भारी भरकम ब्याज पे | कई बार मूल और ब्याज चुकता, कई बार सेठ जी उगाई के नाम पर सम्पत्ति हड़प जाते | जितनी दुआएँ सेठ जी ने उधार के पैसे दे कर कमाई थी, उससे ज्यादा हाय सेठ जी ने ग़रीबों का शोषण करके कमाई थी | याद्दाश्त और गणित में सेठ जी बहुत निपुण थे | उधार की लिखा पढ़ी का कोई कागज़ात सेठ जी नहीं रखते थे | सब गणित दिमाग में | इसलिये गरीब, निरक्षर और असहाय जनता को १००० रूपये दे कर २००० वसूलना सेठ जी के लिये आम बात थी | परिवार में सेठानी और २ बिटियाँ रानी थी | सेठानी जी दान धर्म में संलग्न बहुत ही धार्मिक महिला थी | उनका पूरा जीवन मानों सेठ जी के पाप की कमाई को दान करने में गुजरा था | दोनों बेटियों की शादियाँ बड़ी धूम धाम से करी थी | सेठ जी के बीमार होने की खबर कल अचानक पुरे बाजार में फैल गयी |
As you sow, so shall you reap in Hindi
३ साल पहले इन्ही दिनों के आस पास छुटकी को चिकन-गुनिया हो गया था | सरकारी अस्पतालों की हालत इतनी गंभीर थी कि वहाँ मरते तक को पूछने वाला कोई नहीं था | ३ दिन तक Bed के खाली होने का इंतज़ार करते रहे | बाहर Hall में गद्दा डाल कर कई मरीजों को लेटाया हुआ था | पूरी शाम डॉक्टर साहब के Round पर आने के इंतजार में ही निकल गई | पहले से इलाज़ के लिये भर्ती मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा थी या फिर अस्पताल का प्रशासन कमजोर था, इन सवालों के जवाब और उन जवाबों से उपजने वाली शंकायें सिर्फ News Media के Debate Room तक ही सीमित होती है | वे TRP बटोर में निश्चित ही सफल होती है पर समस्या का समाधान करवाने में उन्हें सफलता कम ही मिलती है | बीमारी के दौर में अपनी आँखों के सामने किसी मरीज को दम तोड़ते देखना बहुत ही भयावक होता है | वो मरीज की रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता पर मानसिक प्रहार करता है | सरकारी तंत्र से भयभीत हो छुटकी को एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाने का फैसला लिया गया | पर निजी अस्पातलों की फीस अपने आप में एक बिमारी है | घर परिवार और मित्रों के सहयोग के बावजूद जब पैसे की कमी बनी रही तो, सेठ जी से १ लाख रूपये उधार लिए | Injections , दवाइयों और Blood Test के जाल में सारी पूंजी कब ख़त्म हुई पता ही नहीं चला | भगवान की दया रही कि छुटकी सही हो कर फिर से घर आ गयी | जरुरत के उस समय जब सारे रास्ते बंद हो गए थे तब सिर्फ सेठ जी ने मदद की | अगर वे समय पर पैसे नहीं देते तो न जाने क्या होता | दुःख के क्षणों में मिले साथ को जीवन पर्यन्त याद रखना चाहिए |
Moral Story in Hindi
निरक्षरता, सामाजिक शोषण का आधार होती है | उधार के १००,००० चुकाते, चुकाते आज ना जाने कितना समय और कितनी पूंजी व्यय हो गयी | १००,००० पर ब्याज के ब्याज चुकाते पगड़ी उतर गयी पर ब्याज और मूल नहीं चुक पाया | १००,००० से कहीं अधिक धन राशि देने के बाद भी गुलामी | किसी की मदद की आड़ में यूँ जीवन भर उसका शोषण करना कहाँ तक सही है | आज जब सेठ जी के नाज़ुक हालत के बारे में सुना तो मन में दुःख के साथ हर्ष की अनुभूति भी हुई, लगा मानो सालों से चले आ रहे शोषण से निजात मिलने वाला हो | एक उम्मीद जगी | बड़ी ही विचित्र और भयावक अनुभूति थी | लगा सेठ जी का मोक्ष कइयों के जीवन की यातनाओं को समाप्त कर देगा | दुःख से उपजी सूचना से मन प्रफुल्लित हो उठा | पर, अगले ही क्षण मन की इन अमानवीय संवेदनाओं पर बड़ा क्रोध आया | सेठानी जी और उनके परिवार के कष्ट का सोच कर स्वार्थ की पराकाष्ठा अनुभव हुई | हालात इंसान का दृष्टिकोण कैसे बदल देते है | कल तक जो मन सिर्फ दुआयें मांगता था, वो आज अचानक किसी की मौत की उम्मीद का जश्न कैसे मना सकता था | इन विचारों ने आज सेठ जी के और हमारे बीच का फासला कम कर दिया | शायद मन के विचारों पर किसी का संयम नहीं होता, पर हाँ विचारों के क्रियान्वयन पर जरूर होता है और होना भी चाहिये| जो मन किसी चींटी की वेदना भी न सह पायें , वो किसी इंसान के लियें बद्दुआएँ कहाँ से मांग लेता | समय सबका लेखा-जोखा रखता है | इसी विचार के साथ सेठ जी के कर्मों को भगवान के हवाले कर, उनके शीघ्र लाभ की प्रार्थना कर, मैं फिर से दूसरे message पढ़ने लग गया |
Also, Read More : –
- संयम पर बहुत सुन्दर कहानी – Buddha Inspirational Story in Hindi on Patience
- बच्चो में साहस भरने के लिए एक कहानी – Bravery Story in Hindi
- अपना और समाज का भला चाहते है तो क्रोध से दूर रहिये – Moral Story on Anger in Hindi
- “अंतिम इच्छा” तेनालीराम की कहानी – Tenali Raman Story in Hindi
- बेटे और बाप के प्यार के फर्क को दर्शाती एक Emotional Short Story in Hindi
( अल्फ़ाजनामा )
बहुत सुंदर