2 Beautiful Moral Stories in Hindi – ये मोरल कहानियां ज़रूर पढ़े

Moral Story in Hindi for class 3 on Honesty

Or

Moral Story on Honesty

मनोज और रोहित एक ही क्लास में पढ़ते है. दोनों अच्छे मित्र थे और दोनों का घर भी पास-पास ही था. स्कूल से आने के बाद दोनों इकठ्ठा ही खेलते थे. एक दिन मनोज ने रोहित को खेलने के लिए अपने घर बुला लिया. मनोज के पास कुछ कंचे थे और रोहित के पास बहुत ही स्वादिष्ट टॉफियां. मनोज ने रोहित को कहा “तुम मुझे अगर अपनी टॉफियां दोगे तो मैं तुम्हे अपने सारे कंचे दे दूंगा.”रोहित मान गया लेकिन उसने सबसे स्वादिष्ट और बड़ी वाली टॉफी चालाकी से बचा कर अपने पास रख ली और बाकी मनोज को दे दी. मनोज ने अपने वादे के मुताबिक सभी कंचे रोहित को दे दिए.

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कुछ देर खेलने के बाद दोनों अपने-अपने घर चले गए. रात को रोहित ये सोच रहा था कि जैसे उसने एक टॉफी बचा कर रख ली थी वैसे ही कुछ कंचे मनोज ने भी बचा कर रख लिए होंगे. ये सोचते सोचते उसे पूरी रात नींद नहीं आई.

कहानी का मोरल: ईमानदार को सब ईमानदार लगते है और बेईमान को पूरी दुनिया बेईमान लगती है. इसलिए हमेशा ईमानदारी से रहे क्यूंकि तभी आपका मन शांत रहेगा. 

Moral Story in Hindi on Faith – विश्वास पर खूबसूरत मोरल स्टोरी 

एक व्यक्ति हवाई ज़हाज़ से सफर कर रहा था. उसके बगल में एक 7 से 8 साल की छोटी सी बच्ची बैठी हुई थी. व्यक्ति ये देख कर हैरान था कि एक इतनी छोटी बच्ची हवाई जहाज़ में अकेले सफर कर रही है. उस व्यक्ति ने बच्ची से उसका नाम, उम्र व् वो कौन सी क्लास में है सब पुछा और उस बच्ची ने भी बड़े धैर्य से सब उत्तर दिए. हवाई जहाज़ अब हवा में था, तभी एयर होस्टेस आई और उस बच्ची को कुछ खाने के लिए दिया. वो व्यक्ति ये देख कर बहुत खुश हुआ कि एयरलाइन वाले एक अकेली बच्ची का अच्छे से ख्याल रख रहे है.

वो व्यक्ति लगातार उस बच्ची पर नज़र बनाये हुए था क्यूंकि वो चाहता था कि ये अकेली छोटी बच्ची हवाई जहाज़ में बिलकुल भी ना डरे. तभी आसमान में मौसम खराब हो गया और जहाज़ ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा. जहाज़ में बैठे सब लोग डर रहे थे. कई लोग भगवान से प्रार्थना करने लगे तो कई लोग अपनी सीट को ज़ोर से पकड़ कर बैठे थे.

उस बच्ची के साथ बैठा व्यक्ति भी काफी डर गया था लेकिन जब उसने बच्ची की तरफ देखा तो वो बिलकुल भी नहीं डर रही थी. वो आराम से बैठी एक किताब पढ़ रही थी.

कुछ देर बाद तब तूफ़ान थम गया तो हवाई जहाज़ के झटके आने भी बंद हो गए. तभी हवाई जहाज़ के कप्तान ने सब यात्रियों को कहा कि अब तूफ़ान थम गया है और डरने की कोई बात नहीं, कुछ ही देर में हम लैंड करने वाले है.

बच्चे के साथ बैठे उस व्यक्ति ने बच्ची से पुछा “जब हवाई जहाज़ ज़ोर ज़ोर से झटके मार रहा था, सब डर रहे थे लेकिन तुम्हे क्या डर नहीं लगता? तुम इतने आराम से कैसे बैठी थी?”

उस बच्ची ने जवाब दिया “मेरे पिता पायलट है और वो जहाज़ चला रहे है और उन्होंने मुझे कहा था कि थोड़ी देर तक हम घर पहुँच जाएंगे”

बच्ची का जवाब सुन वो व्यक्ति समझ गया कि इस बच्ची को अपने पिता पर इतना भरोसा है कि वो जानती है चाहे कुछ भी हो जाए उसके पिता किसी भी हालत में उसे घर ज़रूर पहुंचा देंगे.

कहानी का मोरल: विश्वास बहुत बड़ी चीज़ है. अगर विश्वास हो तो नामुनकिन भी मुमकिन हो सकता है.         

दोस्तों, हमें यकीन है कि ये मोरल कहानियां आपको अच्छी लगी होंगी. आगे भी हम आपके लिए नयी और सबसे बढ़िया Moral Stories in Hindi पब्लिश करते रहेंगे.

धन्यवाद.

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1 Response

  1. Ravindar Verma says:

    Very Nice.

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