जब स्कूल में सुसु निकल गया – Embarrassing Childhood Story in Hindi
Childhood Story in Hindi
Submitted by Kabir Mahajan
ये बात है जब मैं तीसरी कक्षा में था. चौथा पीरियड चल रहा था और वो फ्री था. फ्री पीरियड्स में हम अक्सर टॉयलेट या पानी पीने के बहाने बाहर चले जाते थे लेकिन उसका भी एक नियम था. एक बार में सिर्फ एक ही बच्चा बाहर जा सकता था. अगर किसी को जाना हो तो उसे टीचर को पहले बताना पड़ता था और फिर टीचर बाहर जाने का नंबर लगाती थी. यानी कि हर बच्चे को पहले अपना नाम लिखवाना पड़ता था कि पहले मुझे जाना है, दूसरे नंबर पर मुझे जाना है, तीसरे पर मुझे…
Childhood Story in Hindi
मेरी एक बहुत बुरी आदत थी कि मैं सुसु तभी जाता था जब पूरी तरह से कण्ट्रोल से बाहर हो जाता था. और उस दिन भी यही हुआ.
मुझे सुसु आ गया और मैं जल्दी से अपना नाम लिखवाने के लिए मैडम के पास गया. मैडम ने बताया कि तुम्हारा तीसरा नंबर है. मैंने सोचा चलो कोई बात नहीं, तब तक सुसु रोके रखता हूँ. 5 मिनट के बाद पहला बच्चा आया और मेरी जान में जान आयी. फिर दूसरा बच्चा गया…. 5 मिनट के बाद भी जब वो नहीं आया तो मैं मन ही मन उसे कोसने लगा. अब 10 मिनट हो गए लेकिन वो नहीं आया और यहाँ मेरा सुसु का बाँध टूटने वाला था.
Childhood Story in Hindi
पूरे 15 मिनट बाद वो आया और तब मुझे थोड़ा राहत मिली और मैं तेज़ी से स्कूल के टॉयलेट की तरफ भगा. उस वक़्त तक मेरी हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि मैं अभी 10 कदम ही चला था कि मेरा सुसु पेंट में ही निकल गया.
मेरी हालत उस वक़्त ऐसी थी कि सुसु पेंट से होता हुआ मेरे जूतों तक और फिर ज़मीन पर गिरने लगा. मैं भाग कर टॉयलेट की तरफ जा रहा था और मेरे सुसु की एक लाइन मेरे पीछे पीछे बनती जा रही थी. उस वक़्त मैं बहुत घबरा गया था. मैंने टॉयलेट में गया और बहुत कोशिश की खुद को साफ़ करने की लेकिन पूरी पेंट गीली हो चुकी थी. अब मेरे सामने ये चुनौती थी कि मैं क्लास में वापिस जाऊ तो कैसे जाऊ. मुझे पहले ही 15 मिनट से ऊपर हो चुके थे और दिल में डर था कि अगर क्लास में गया तो मैडम मारेगी.
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थोड़ी देर विचार करने के बाद मैं हिम्मत करके मैडम के पास गया और धीमी आवाज़ में कहा ” मैडम मेरी पेंट गेली हो गयी”
मैडम समझ गयी और वो मुझे प्रिंसिपल के पास ले गयी ताकि मेरे घर फ़ोन कर सके. मेरे घर फ़ोन किया गया और मेरी माँ को स्कूल बुलाया गया ताकि मुझे घर ले जा सके.
तब का दिन है और आज का मेरी माँ और मेरी बहन आज भी वो किस्सा याद करके खूब हँसते है. मैं कभी अपनी इस बचपन की याद को भूल नहीं पाउँगा.
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Friends, ye thi meri ek embarrassing Childhood Story in Hindi. Agar aapko cute lagi to comment me zarur bataye aur please mera mazaak na banaye. 🙂
Hi, basically from Delhi, mujhe stories, especially love stories likhna aur read karna accha lagta hai. Main college me hu aur kabhi kabhi is website ke liye likhti hu. Agar aapko meri story acchi lage to comment me zarur bataye. Like us on Facebook
very nice
Cute & funny…..
(Yah Bachpan hai Sahab Ho Jata Hai Kabhi Kabhi)
Haha very funny