“माँ का घर” एक इमोशनल कहानी New Moral and Emotional Hindi Story
कितनी अजीब बात है न कहने को तो हम एक मॉडर्न सोसाइटी में रहते हैं, पर समलैंगिक समानता और महिलाओ के स्वावलम्बी होने की बात आती है, तो आज भी हमारी ये मॉडर्न सोसाइटी समाज, संस्कृति और लोग क्या कहेंगे ऐसे रूढ़िवादी सोच के तले दब जाती है। बस इसी सोसाइटी का हिस्सा है मेरे आज की कहानी की किरदार — ” पायल “।
New Moral and Emotional Hindi Story
Short story on equality in hindi
मेजर विजय और विभा तिवारी की बड़ी बेटी, कहने को तो वह बड़ी थी, पर लाड दुलार बिलकुल छोटे बच्चे की तरह मिला था उसे अपने घर में, उसका छोटा भाई भी उससे बिलकुल छोटी बच्ची की तरह प्यार करता था। बचपन से ही वो सबकी पसंदीता थी, और उसका टेडी बेयर जैसा गोलू मोलू वाला लुक उसे और क्यूट बना देता था।
पापा की पारी और माँ के दिल का टुकड़ा पायल, एक परफेक्ट आल – राउंडर थी, पढाई, सिंगिंग डांसिंग, डिबेट सब में अव्वल। बचपन से ही पायल ने यही देखा था और जाना था की वो और उसका भाई दोनों ही अपने माँ – बाप के लिए एक समान हैं। हां अपने मोहल्ले में उसने इस तरह की बातें ज़रूर सुनी थी और देखि थी जहा लड़के और लड़कियों में भेद भाव किया जाता था। पर ये उसने अपने घर में कभी महसूस नहीं किया और नहीं देखा। शायद यही वजह थी की वो अपनी फॅमिली को बेस्ट नहीं बेस्टेस्ट मानती थी।
सूर्यनगर जैसे छोटे शहर में रहकर भी उसे कभी ये महसूस नहीं हुआ की उसे कोई सुविधा नहीं मिल पा रही, या उसपर कोई पाबंदिया लगायी जा रही हैं। उसके कहने से पहले ही चीज़ें उसके सामने होती थी, चाहे वो पढाई के लिए कंप्यूटर हो, या अपनी सिंगिंग की हॉबी को फॉलो करने के लिए गिटार हो, उसके पापा अपनी लाड़ली को किसी चीज़ की कोई कमी नहीं होने देते।
Also Read “किसान और उसके चार बेटे – ये शिक्षाप्रद कहानी हर किसी को पढनी चाहिए
एक दिन पायल बेसब्री से अपने 12 वी के रिजल्ट का इंतज़ार कर रही थी, अपनी बारहवीं की परीक्षा में उत्तीर्ण हो कर पायल ने फिर से वो इतिहास दोहराया जो टोपर पायल ने 10 वी में रचा था। घर में होली, दिवाली जैसा माहोल था, रिश्तेदारों के बधाइयों की लाइन लगी हुई थी। मिठाइयों से घर भरा पड़ा था, और आज एक बार फिर अपनी बेटी की वजह से मेजर साहब का सीना गर्व से फूला नहीं समां रहा था। अपने पापा के आँखों से ख़ुशी के आंसू छलकता देख कर पायल ने झट से उन्हें गले से लगा लिया, और रहत की लम्बी सांस ली, आखिर यही तो उसके जीवन का एकलौता मकसद था, जो शायद हर बेटी का होता है, अपने पापा को प्राउड फील करवाना।
रिजल्ट्स के कुछ दिन बाद ही, इंजीनियरिंग कॉलेज से कॉल आ गया, और अपने सपने की तरफ एक और कदम आगे लेने का वक़्त आ गया था। वैसे मन में तो सवालो की सुनामी सी चल रही थी पायल के मन में, घर से इतनी दूर रह पाऊँगी या नहीं, मम्मी के बिना मुझे नींद कैसे आएगी? आज तक तो मैं माँ पर निर्भर थी। वहां अपने सारे काम खुद करके पढाई करनी होगी। पढाई अच्छे से कर पाऊँगी या नहीं? कही मैं गलत संगती में न पड़ जाऊँ, ऐसे ही न जाने कितने सवाल पायल के मन में आ रहे थे।
Also Read “जब गरीब बच्चे की खुद्दारी दिल को छू गयी – Self Respect Story in Hindi
उसने अपनी आँखें बंद की और एक लम्बी सांस ली, उसे सिर्फ अपने पापा का चेहरा दिखाई दिया, और उसने इन सारे सवालों को दरकिनार कर, सिर्फ एक बात सोची, की चार साल की इस जुदाई से, उसका और उसके पापा का वो सपना पूरा हो सकता है, जो दोनों ने साथ देखा था। तिवारी परिवार की पहली इंजीनियर का ताज अपने सर पर पहन चाहती थी पायल। अपने दिल को मजबूत कर, पायल ने माँ पापा का आशीर्वाद लिया और चेहरे पर मुस्कान लिए चल पड़ी वो ट्रैन में बैठ कर अपने उस सपने को पूरा करने, जो उसने और उसके पापा ने साथ देखा था।
Emotional stories that make you cry in hindi
और कॉलेज पहुंचते ही पायल की आँखें खुली की खुली रह गयी, सूर्यनगर की छोटी सी गलियों से निकल कर वो आज मुंबई जैसे बड़े शहर में अपनी इंजीनियरिंग के सपने को जीने वाली थी। कॉलेज का पहला दिन बहुत ही शानदार रहा। पायल अपनी दो रूमटेस के साथ घुल मिल गयी थी। उसे लगा ही नहीं था की घर के बाहर भी कोई फॅमिली हो सकती है। पर हॉस्टल में आ क उसे पता चला, की सिर्फ खून क रिश्ते ही अपने नहीं कहलाते , दिल का रिश्ता भी अपना होता है। पायल अपनी दोनों रूमटेस स्वाति और सुमन के साथ बहुत एन्जॉय कर रही थी। साथ खाना, कॉलेज जाना, पढाई में एक दूसरे की मदद करना। ऐसा लग ही नहीं रहा था की पायल वही लड़की है जो कभी अपने घर से दूर नहीं गयी थी। खैर ये बात जानकार पायल के घरवालों को बहुत ख़ुशी हुई, की वो हॉस्टल में अच्छे से एडजस्ट हो गयी है और उसे घरवालों के बिना वह अकेला महसूस नहीं होता।
और जैसा की अब तक होता आ रहा था, कॉलेज में भी पायल ने पढाई के मामले में वही परंपरा कायम रखी, और हर एग्जाम में वो टॉप करती रही। बेटी का रिजल्ट देख कर पायल के माँ बाप को अपनी बेटी पर और गर्व महसूस होता। पायल अपने आप को कॉलेज में बहुत रिज़र्व रखती थी, न किसी से ज़ादा बात चीत, न हीं ज़ादा दोस्ती। कॉलेज से हॉस्टल, और रूमटेस के साथ थोड़ा हसी मज़ाक, अपने कॉलेज में पायल की छवि एक पढ़ाकू और काम बोलने वाली लड़की की थी। लोग अक्सर उसके पास तभी जाया करते थे जब किसी को कोई नोट्स चाहिए होता था।
Short story on equality in hindi
पायल अपनी इस छोटी सी दुनिया और दो दोस्तों सुमन और स्वाति के बीच बहुत खुश थी। और देखते ही देखते प्लेसमेंट का दिन भी आ गया। वो दिन जिसके लिए सभी स्टूडेंट्स हर सेमेस्टर में जी जान से पढाई करते थे … ताकि एक अच्छी सी कंपनी में उनको नौकरी मिल जाए। और प्लेसमेंट्स के रिजल्ट फिर से ऐतिहासिक थे …. हो भी क्यों न, इस साल पायल जैसी होनहार लड़की जो प्लेसमेंट में बैठी थी, जो की बचपन से ही रिकार्ड्स बनाने की लिए मशहूर थी। जहां बाकी स्टूडेंट्स एक ही कंपनी में नौकरी पा के पहले नहीं समां रहे थे, पायल के पास तीन – तीन कंपनियों का जॉब ऑफर था।
उसके आखो में पानी भर आया था, वो सपना जो पायल और उसके पापा ने साथ देखा था, साकार जो हो गया था। वो कॉलेज से दौड़ती भागती हॉस्टल आयी, और फ़ोन कर के जैसे ही ये खबर अपने पापा को सुनाई, मेजर साहब की ख़ुशी का ठिकाना न रहा। उन्होंने पायल को ज़ोर से शाबाशी देते हुए कहा, जिओ बेटा !!! पायल को उसके दोस्त, क्लास्स्मेटिस, प्रोफेशर और रिश्तेदार बधाई देते नहीं थक रहे थे।
और देखते ही देखते, अपनी डिग्री पूरी होते ही, पायल को कंपनी से जोइनिंग लेटर आ गया, और फिर वो चल पड़ी अपने सपनो को और ऊँची उड़ान देने।
माँ बाप ख़ुशी से फूले नहीं समां रहे थे, आखिर बेटी इंजीनियर साहब जो बन गयी थी। अभी, पायल ने पंख फैलाने शुरू ही किये थे की, तभी उसके लिए शादी का एक रिश्ता आ गया, ये बात चौकाने वाली ज़रूर थी, पर उससे भी ज़ादा दुःख इस बात का था की उसे माँ बाप, ने भी इसके लिए हामी भर दी थी। हालांकि, सिर्फ नाम के लिए ही सही उससे उसकी मर्ज़ी पूछी ज़रूर गयी थी। पर एक ऐसी लड़की जो हमेशा अपने माँ बाप की हां में हां मिलाती आयी हो, वह यहाँ ना नहीं कह पायी, शायद वो अब भी इसी ग़लतफहमी में जी रही थी की, जिस तरह बचपन से ही बिना उसके बोले ही, उसकी हर इच्छा समझ ली जाती थी, शायद इस बार भी लोग समझ ले। पर किस्मत को शायद कुछ और ही मंज़ूर था, पायल जब तक इस स्थिति का कुछ हल निकाल पाती, तब तक उसकी शादी हो चुकी थी।
Also read – Two Moral Stories for Children in Hindi – बच्चो के लिए 2 नैतिक कहानियां
वो घर जो उसका अपना था, जहा उसका बचपन बीता था, जहा वो बड़ी हुई थी वो घर अब उसका अपना ना रहा। अब वो घर उसके माँ का घर बन चूका था, और उसका ससुराल, जो उसके लिए बिलकुल नया था, एकदम अनजाना सा, ये अब उसका अपना हो चूका था। ये पहेली पायल के लिए अजीब तो थी, पर अब वो इसमें उलझती ही जा रही थी। शादी के बाद जैसे चीज़ें अचानक से बदल गयी थी। उसे ऐसा लगने लगा था जैसे उसके डिग्री, पढाई, उसका इतना गुनी होना, सिंगिंग, डांसिंग, पेंटिंग ये सब में अव्वल आना, इतनी अच्छी नौकरी करना, उसके ससुरा वालो के लिए कोई मायने नहीं रखता था।
आज हम भले ही खुद को कितना ही मॉडर्न क्यों न कह ले पर एक बेटी और एक बहु को कभी भी एक समान दर्जा नहीं मिल सकता। आज भी एक बहु चाहे कितनी ही गुनी क्यों न हो, उसका आकलन इसी बेसिस पे किया जाता है की, वो खाना कितना अच्छा बना सकती है। रसोई में निपुण है या नहीं, घर कितने अच्छे से संभाल सकती है। आज भी एक बहु की आमदमी से ज़ादा ज़रूरी हमारे समाज के लिए यही है की वो कितने कम पैसो में घर का खर्च चला सकती है। घरवालों का ध्यान और ज़रूरतों का ध्यान कितने अच्छे से रख सकती है।
अगर एक बहु घर में सुबह-सुबह सबसे पहले उठ जाए तो ही वो संस्कारी कहलाती है। और अगर न उठे, तो माँ ने क्या सिखाया है —- के ताने सुनने पड़ते है। सबसे बड़ी विडम्बना तो ये है की माँ का घर तो हर बचे का अपना घर होता है न, फिर क्यों हमारे समाज में शादी के बाद लड़कियों को ये शिक्षा दी जाती है की, चाहे ससुराल में कुछ भी हो जाए, माँ की घर लौट के नहीं जा सकते ? क्यों हमेशा रिश्ते की डोर को मज़बूत बनाना और थामे रखने की ज़िम्मेदारी लड़कियों के मत्थे मड दी जाती है ? आज के लोग जब जेंडर इक्वलिटी की बात करते है, तो हमेशा ये पहलु उनके एनालिसिस में शामिल क्यों नहीं होता। हमेशा पायल जैसी लड़की को सुपर क्यों करना पड़ता है, क्यों अपने शादी से पहले अगर एक लड़की अपने करियर जिससे सवारने में उसने अपनी आधी ज़िन्दगी गुज़ार दी, को एहमियत दे तो उसे ओवर अम्बिशयस होने के ताने क्यों सुनने पड़ते है?
Also read – उसकी कमी कभी पूरी नहीं होगी – True Sad Love Story in Hindi
खैर पायल के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा था, ससुराल में लोगो की अपेक्षाओं के बोझ तले, उसकी खुद की ख़ुशी, उसका सपना, दबता चला जा रहा था। जब भी वो अपनी भावनाएं पति से शेयर करने के बारे मी सोचती, तो पति देव के पास उसके लिए टाइम नहीं होता था। और अगर अपनी माँ या पापा से ये बातें करना चाहती तो, बेटी अब वही तुम्हारा घर है उसी में खुश रहना सीखो के सलाह मिलती थी।
आखिर इस घुटन की ज़िन्दगी से तंग आकर, पायल ने एक दिन बहुत हिम्मत जुटा कर एक फैसला लिया, की अब नहीं, अब वो उस गलती को नहीं दोहराएगी जो वो बचपन से करती आयी है। अब वो दुसरो को खुश करने के लिए नहीं, अपनी ख़ुशी के लिए जीएगी, वही करेगी जो उसके मन को अच्छा लगे, जो उसके सपने हो। ज़िन्दगी भगवान् ने एक ही दी है, और बहुत किस्मत से इंसान के रूप में हम धरती पे आये है, जब भगवान् ने ही कोई बन्धन में नहीं रखा हम इंसानो को, तो फिर क्यों हम खुद को बांध कर ये जीवन जीते है।
Discrimination between girl and boy in family in hindi
पायल ने अपना सामान पैक किये और चल पड़ी अपने सपनो को साकार करने, हर बंधन को तोड़ कर। अब वो वह रहेगी जो उसका घर हो, खुद का घर, न ससुराल और नहीं माँ का घर, जिससे हर लड़की की ना जाने कितनी यादें जुडी होती है। पर वो कभी उसका अपना नहीं कहलाता, कभी उसका अपना नहीं हो पता। कभी कभी बस यही सोचती हूँ की काश हम इतने मॉडर्न हो सके, की एक बेटी को कभी ये फील न हो और ना ही कभी ये सुनना पड़े की वो घर जहा उसने जन्म लिया, पली – बड़ी, बड़ी हुई, जीना सीखा, जीने का ढंग सीखा, वो सिर्फ माँ का घर है। वो माँ जो अपने बच्चे एक आँख में आसूं देखते ही उसे अपने सीने से लगा लेती है, जिस माँ को गले लगाने से ही बच्चो के सारे दुःख दूर हो जाते है, वो माँ, और उस माँ का घर, कभी किसी बच्चे , स्पेशल लड़की, जिसे माँ की परछाई मन जाता है उसके लिए कभी पराया हो सकता है भला ……….।
Also Read – नए ज़माने की नैतिक कहानियां – New Moral Stories in Hindi
दोस्तों आपको यह Emotional Kahaani कैसी लगी, हमें जरूर बताएं और आपके पास भी कोई कहानी तो मेल करे, जल्द ही पब्लिश किया जायेगा।
Also, Read More:
- ताई का चश्मा – इस फनी स्टोरी को पढ़ कर हंसी से लोट-पोट हो जाओगे
- मां की ममता – Emotional Hindi Story on Mother in Hindi
I am 25 years old living in Bangalore, I am a senior software engineer by profession, I love singing painting, reading books, writing short stories ….. I am also a trained classical vocal singer … I like cooking in free time …. I like sharing my thoughts and interacting with people …
Lovely and emotional
Nice Story, Thanks for sharing
nice story
veri emotional story
bohot achha likha hai apne