ताई का चश्मा – इस फनी स्टोरी को पढ़ कर हंसी से लोट-पोट हो जाओगे

हम हमेशा कोशिश करते है कि अपनी फनी कहानी संग्रह में कोई ऐसी फनी स्टोरी (Funny Story) लिखे जो कि मनोरंजन से तो भरपूर हो ही साथ में आपको एक नयी दुनिया में ले जाए. ये हिंदी कहानी आपको मनोरंजन के साथ खूब हँसाएगी भी।

ताई का चश्मा – बहुत ही फनी स्टोरी – Funny Kahani in Hindi

एक बार सुरेश नाम के व्यक्ति ने एक पिछड़े गाँव में चश्में बनाने की दुकान खोली। वह गाँव में घर घर जाकर लोगों से जानने लगा कि कहीं किसी को देखने या पढने में कोई समस्या तो नहीं है। जैसे ही कोई बताता कि उसे पढ़ने में परेशानी होती है सुरेश तुरन्त उसको मुफ़्त में आँखे चेक करने का बोल कर अपनी दुकान पर आने का आमंत्रण दे देता। पूरे गाँव में घूमने के बाद सुरेश को समझ में आया कि गाँव में अधिकतर लोगों को पढ़ने में दिक्कत हो रही है।

फनी स्टोरी गाँव की घटना

सुरेश मन ही मन बहुत खुश हो रहा था कि इतने लोगों का चश्मा बनाकर वह अच्छे पैसे कमायेगा।  अगले दिन दुकान पर एक अधेड़ उम्र की महिला आई। दुकान पर पहले ग्राहक को देखकर सुरेश फूला नहीं समा रहा था। वो पूरे जोश के साथ ताई जी की आँखों को टेस्ट करने लगा। सुरेश ने अक्षर लिखे हुए बोर्ड की तरफ उँगली दिखाते हुए कहा, कि ताई जी आप सामने देख कर इसे पढिये।

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ताई पहले तो काफी देर तक ध्यान से देखती रहीं फिर बोली, ना बेटा मुझसे ना पढा जा रहा। सुरेश ने दूसरा लेंस लगाकर फिर से वही प्रश्न दोहराया। ताई ने इस बार भी वही जवाब दिया। सुरेश एक के बाद दूसरा लेंस लगाता रहा लेकिन ताई का जवाब वही रहता। धीरे धीरे सुरेश ने दुकान में उपलब्ध सभी लेंस ताई जी पर ट्राइ कर लिए लेकिन ताई जी टस से मस नहीं हुई।

अब सुरेश का दिमाग चकराने लगा। सुरेश ने ताई जी को कल फिर से आने को कहकर भेज दिया। ताई ने जाते समय फिर पूछा कल पक्का मैं पढ़ पाऊँगी ना? सुरेश ने भी कहा हाँ ताई जी क्यूँ नहीं। ताई जी के जाने के बाद सुरेश सिर पकड़ कर बैठ गया! ऐसा कौन सा नंबर है ताई जी कि आँखो का जो मेरे पास नहीं है। शहर जाकर वो कुछ और बेहतर क्वालिटी के लेंस खरीद कर लाया।

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अगले दिन ताई जी फिर दुकान पर आ पहुँची। सुरेश ने ताई जी को बैठाया और फिर से एक एक करके लेंस बदल बदल कर फिर वही सवाल पूछने लगा कि पढा जा रहा है, या नहीं। आज भी ताई जी हर बार ना में सिर हिला देती। अंत में सुरेश हाथ जोड़ कर ताई जी से बोला, मुझे माफ करो ताई जी मेरी दुकान में ऐसा कोई चश्मा नहीं जिससे आप साफ साफ पढ सकें। सुरेश को हताश परेशान देखकर ताई जी बोली, कोई ना बेटा दिल छोटा मत कर इतने साल सकूल में मास्टर मुझे पढना ना सिखा पाया तेरा यो चश्मा एक दिन में क्या सिखा देगा! ताई की बात सुनकर सुरेश ने अपना माथा पीट लिया।

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6 Responses

  1. Vardhman rao says:

    Gooooood

  2. Rakesh Gupta says:

    Bahut hi funny story..

  3. Anika says:

    Nice story

  4. Sindhu Murali says:

    Really funny story

  5. BIKASH Kumar Sah says:

    Good story

  6. Vaishnavi says:

    Please iska koi moral bata do bhout help hogi meri…waise nice story acchi hai👏👏

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