Essay on Smoking in Hindi – धूम्रपान निषेध पर निबंध, Smoking Kills

Essay on Smoking in Hindi 

Submitted by Bilal Hayat

युवा पीढ़ी किसी भी राष्ट्र की पूंजी एवं भविष्य हैं। यही कारण है कि विश्व भर में युवाओं को उनके चरित्र निर्माण और कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता है। एक स्वस्थ युवा अपने परिवार, समाज एवं राष्ट्र के लिए सकारात्मक और रचनात्मक कार्य करता है।

युवाओं के स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक कर्तव्यों के संबंध में विश्व भर में युवाओं को प्रशिक्षित किया जाता है, और वे बचपन से ही तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक होने लगे हैं, खासकर धूम्रपान के प्रभावों के संबंध में ।

essay on smoking in hindi

Essay on Smoking in Hindi

धूम्रपान वैश्विक स्वास्थ्य के लिए सबसे विनाशकारी खतरा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, विश्व भर में प्रतिवर्ष साठ लाख से अधिक लोग धूम्रपान से संबंधित बीमारियों के कारण मर जाते हैं। जिनमें से छह लाख से अधिक लोग खुद धूम्रपान नहीं करते हैं लेकिन धूम्रपान के वातावरण (Passive Smoking) में मौजूद होने के कारण धुएं के संपर्क का शिकार हो जाते हैं।

दुनिया भर में एक अरब से अधिक लोग धूम्रपान करते हैं, जिनमें से 80% लोग विकासशील देशों से हैं। भारत जैसे विकासशील देश में धूम्रपान की दर तेजी से बढ़ रही है और ये बहुत गंभीर मुद्दा है कि हमारे देश के युवा धूम्रपान के चपेट में आते जा रहे है ।

एक अमेरिकी डॉक्टर का कहना है कि धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के व्यवहार पर भी बुरा असर पड़ता है। धूम्रपान करने वालों में अक्सर टीबी रोग विकसित होने लगता है। धूम्रपान से फेफड़ों का कैंसर, हृदय रोग तथा अन्य खतरनाक बीमारियां होती है और धूम्रपान करने वाला व्यक्ति अपनी औसत उम्र से पंद्रह साल पहले दुनिया से गुजर जाता है।

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माता-पिता, शिक्षकों और समाज के सम्मानित लोगों को धूम्रपान और धूम्रपान के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने की आवश्यकता है। हालांकि भारत सरकार द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर दण्ड अथवा जुर्माने का प्रावधान है। यह देखा गया है कि अक्सर प्रतिभाशाली और अच्छे युवा वर्ग धूम्रपान से अपना जीवन बर्बाद कर लेते हैं। लगभग सभी विश्व प्रसिद्ध विद्वानों एवं विचारकों ने अपने जीवनकाल में तंबाकू को छुआ तक नहीं है। शायद इसीलिए उनकी उम्र लंबी थी, दिल मजबूत थे, दिमाग मजबूत था और शरीर मजबूत था।

चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, एक सिगरेट एक व्यक्ति के जीवनकाल को आठ मिनट तक छोटा कर सकती है क्योंकि इसमें चार हजार से अधिक हानिकारक तत्व होते हैं।

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यदि हमारे भारत देश को बेहतर भविष्य चाहिए तो धूम्रपान पर सख्ती से रोक थाम करनी चाहिए। जनता को स्वयं जागरूक होना चाहिए। माता-पिता को अपने बच्चों को धूम्रपान जैसी लत से छुटकारा पाने में उनकी मदद करनी चाहिए। उन पर सख्ती और मारने के बजाय तंबाकू से नुकसान की चेतावनी देना चाहिए।

कुछ क्षणों के मनोरंजन मात्र के लिए पी जाने वाली सिगरेट हमारे आने वाले भविष्य को अंधेरे में धकेल सकती है। अतः हम सब मिल कर यह प्रण करें , धूम्रपान जैसी कुंठित आदतों को जड़ से ख़तम करें और अपने एवं आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ परिवेश का निर्माण करें और अपने भारत देश को एक धूम्रपान मुक्त एवं स्वस्थ राष्ट्र के रूप में पहले की भांति पुनः विश्व गुरु के रूप में प्रस्तुत करने का संकल्प करें।

धन्यवाद.

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