माइकल (गैंगस्टर) की कहानी Gangster Story in Hindi Part 2
Michele Gangster Story Part 2 – Mafia Story in Hindi
माइकल के इस काम से, डेविड काफी प्रभावित हुआ और उसने खुश होकर माइकल को १ लाख रुपए दिए। माइकल ने अपनी अब तक की जिंदगी में १०००० रुपिए भी करीब से नही देखे थे। १ लाख रुपए देखकर माइकल की खुशी का तो ठिकाना ही नहीं रहा। १ लाख देकर डेविड ने माइकल को कहा, “ माइकल, हमारा ऐसे ही साथ देते रहना, हम तुम्हे खुश करते रहेंगे। देखना एक दिन तुम भी अमीरों की तरह जिंदगी जिओगे। पर हा याद रहे, अपने इस काम के बारे में अपने परिवार से कुछ भी मत बताना।” माइकल ने हां में जवाब दिया।
माइकल खुश होकर बाजार की तरफ जाने लगा। माइकल ने अपनी मां के लिए एक साड़ी खरीदी और पापा के लिए एक बढ़िया शर्ट – पैंट खरीदा। घर जाकर उसने अपने मम्मी – पापा से कहा की उसकी तनख्वाह अब बढ़ा दी गई है और वह उस कंपनी की दूसरी ब्रांच में अब काम करता है, जो की शहर से काफी दूर है, इसलिए उसको अब घर वापस लौटने में देरी हो सकती है। अपने बेटे की तनख्वाह बढ़ने से उसके मम्मी – पापा बहुत खुश हुए। साथ ही उनको माइकल का तोहफा भी बहुत पसंद आया। माइकल को उस रात नींद नही आई। वह पूरी रात अमीर बनने के सपने देखने लगा। अगले दिन सुबह वह फिर से खरीदी करने लिए बाजार गया और उसने एलिना के लिए एक सुंदर ड्रेस खरीदा। एलिना को मनाने के लिए, वह उसके घर गया और अपनी गलती के लिए सॉरी कहा। उसने एलिना को बताया कि काम की व्यस्तता के कारण उसके कॉल्स, मैसेज का वह जवाब नही दे सका। फिर उसने वो सुंदर ड्रेस दिखाया, जो वह एलिना के लिए लाया था। इतना महंगा ड्रेस देखकर उसने माइकल को पूछा,“ माइकल, तुम्हारे पास इतने पैसे कहा से आए ?” “ दरअसल मेरी मेरी तनख्वाह अब बढ़ चुकी है। मेरी ईमानदारी और काम के प्रति वफादारी देखकर कंपनी ने मुझे अपने स्टाफ में शामिल कर लिया और अभी मेरे नीचे कई कर्मचारी काम करते है। कंपनी ने मेरी बदली शहर से दूर की है, जहां उस कंपनी की दूसरी ब्रांच है।” एलिना, माइकल से बेपनाह मोहब्बत करती थी,इसलिए उसने माइकल की बातों पर आंख बंद कर विश्वास कर लिया। फिर एलिना ने नया ड्रेस पहना, जो माइकल उसके लिए लाया था। फिर दोनों बाहर घूमने गए और खूब आनंद किया।
अगले दिन माइकल काम के लिए निकल पड़ा। डेविड जानता था की माइकल अभी पूरी तरह से तैयार नहीं था, इसलिए माइकल को ट्रेनिंग के लिए उसने दूसरे शहर भेजा, जहां तरह – तरह की चीजे सिखाई जाती थी। माइकल की यह ट्रेनिंग ६ महीने की थी। माइकल ने अपने घर पर यह बताया की वह कुछ महीनों के लिए कंपनी के काम से बाहर जा रहा है और हर महीने की पहली तारीख को वह पैसे भिजवाएगा। यही चीज उसने एलिना को भी बताई की वह काम के सिलसिले से बाहर जा रहा है, तो वो अपना ध्यान रखे। माइकल ट्रेनिंग के लिए दूसरे शहर पहुंच गया। इस ट्रेनिंग में कुछ खास कार्य शामिल थे, जैसे की बंदूक चलाना,निशाना साधना, चाकू चलाना, बॉम्ब ब्लास्ट करना, तेज़ रफ्तार से दौड़ना, कराटे, मुक्केबाजी,आदि। माइकल धीरे धीरे वो सारी चीजे सीख गया। वह इतना निपुण हो गया की अब वह किसी से भी लड़ने के लिए तैयार था। माइकल के मन से डर पूरी तरह से निकल चुका था तथा उसकी कुछ भावनाएं भी अब नष्ट हो चुकी थी। उसका अब बस एक ही मकसद था की दुनिया का सबसे अमीर इंसान बनना है और डेविड का साथ देना है। ६ महीने की ट्रेनिंग के बाद माइकल फिर से अपने शहर आ गया। जब वह डेविड से मिला तो डेविड को एहसास हुआ की वह एक अलग ही व्यक्तित्व से मिल रहा है।
डेविड ने उसको अब ओर भी खतरनाक काम सौंपना शुरू कर दिया। माइकल के शहर नाम था, मीरजापुर। मीरजापुर में डेविड के ५ घर थे। हर मीटिंग वह अलग – अलग घर में रखता था। इन में से ३ घर शहर से बहुत दूर थे और २ घर शहर के अंदर ही थे। दुनिया के कई देशों के साथ डेविड का संपर्क था। डेविड अक्सर मैक्सिको से ड्रग्स मंगवाया करता था। मैक्सिको से आई हुई ड्रग्स की जो कीमत होती थी, उससे कई ज्यादा कीमत बढ़ाकर वह अपने देश में ड्रग्स बेचता था। ड्रग्स से उसको काफी मुनाफा हो जाता था, क्योंकि यह नशा करने के बाद लोगों की नशा करने की इच्छा ओर ज्यादा बढ़ जाती थी और वे फिर से ऑर्डर करते थे। डेविड अक्सर समंदर के रास्ते से अपने माल की हेरा फेरी करते थे। मैक्सिको में डेविड का एक मित्र था, जोसेफ। जोसेफ उसको सारा माल पहुंचाने की सारी व्यवस्था करता था। डेविड ने नौसेना के कुछ बड़े अधिकारियों को भी रिश्वत देकर अपनी ओर किया था, ताकि वे सुरक्षित माल पहुंचाने में मदद करे। इसके बावजूद भी ध्यान रखने की बहुत आवश्यकता थी, क्योंकि कुछ ईमानदार ऑफिसर और कमांडो, जो देश की सेवा के लिए काम करते थे, वे कभी खरीदे नहीं गए। उनके लिए अपना देश और देश की सुरक्षा ही सबसे बड़ा धर्म है।
डेविड ने माइकल को एक काम सौंपा। मीरजापुर बंदर से माल सुरक्षित अपनी बताई हुई जगह पे पहुंचाना था। माइकल समय के मुताबिक बंदर पे पहुंच गया। जोसेफ के आदमी ने उससे पैसे लिए और ड्रग्स का माल बेचा। माइकल ने बाहर आकर, सारा माल अपनी कार में रखवा दिया और आगे बढ़ा। रास्ते में उसको एक पुलिस ऑफिसर मिला, जिसने जांच करने के लिए, उसको कार से उतरने को कहा। माइकल कार से उतरा और पुलिस ने माल चेक किया। उनको पता चला कि इसमें ड्रग्स है। माइकल ने उनको रिश्वत देने की कोशिश की। शुरुआत में तो अधिकारी ने मना कर दिया, लेकिन बाद में बड़ी रकम की लालच में उसने माइकल को जाने दिया। माइकल ने बताया गए पते पर सुरक्षित माल पहुंचा दिया।
जेकॉब उस शहर का सबसे रईस इंसान था। उनके पास जितना पैसा था, उतना पैसा किसी के पास नहीं था। मीरजापुर में उनका आलीशान महल था। महल में ५० जितने आदमी पहरा देते थे और कई नौकर चाकर थे, जो उनकी सेवा करते थे। डेविड ने माइकल को जेकॉब को मारने की सुपारी दी और कहा, “ माइकल, तुम एक योजना तैयार करो। इस शहर का सबसे रईस इंसान है, जेकॉब। तुम्हे उसको मारकर उनके पास से सारी दौलत हड़पनी है। अगर वो जिंदा रहेगा, तो भविष्य में हमे दिक्कत होगी, इसलिए उसको भी खत्म कर देना और उनके सारे आदमियों को भी, ताकि कोई गवाह न रहे।” माइकल उनकी बातों से सहमत हुआ।
भाग -३ बहुत जल्द…
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दोस्तो, मेरा नाम आशीष पटेल है। प्यार से मुझे लोग ‘आशु’ कहकर बुलाते है। मैं गुजरात राज्य के वडोदरा शहर में से, एक छोटे से गांव ‘विश्रामपुरा’ से हूं। मुझे कहानी लिखना सबसे प्रिय लगता है एवं में इसी लक्ष्य की तरफ अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहता हूं। उम्मीद है, की यह कहानी आपको पसंद आयेगी। अगर आपको यह कहानी पसंद आए, तो अपने दोस्तो के साथ जरूर साझा कीजिएगा। Contact