कार ड्राइवर और चालाक महिला (सच्ची घटना पर आधारित नैतिक कहानी)
रियल लाइफ स्टोरी इन हिंदी Short – Real Life Based Moral Story in Hindi
यह कहानी, मैंने एक कार ड्राइवर से सुनी हुई सच्ची घटना पर आधारित कहानी है। एक बार मैं रोज की तरह ही रात को घर जा रहा था। ऑफिस में काम करते समय मुझे थोड़ी देरी हो गई थी, इसलिए मुझे उस रात को बस नहीं मिली थी। मैंने कई लोगों से लिफ्ट मांगी, लेकिन कोई रुका नहीं था। कुछ देर इंतजार करने के बाद, एक कार रुकी और उन्होंने मुझे लिफ्ट दी। उस वक्त एक लड़की भी मेरे जैसी ही परेशान थी, लेकिन कार ड्राइवर ने उस लड़की को कार में लिफ्ट नहीं दी। यह सब देखकर मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ की उन्होंने मुझे कार में जगह दी, लेकिन उस लड़की को जगह क्यों नहीं दी?
मैं कुछ बोलता उससे पहले की उन्होंने मुझे कहा,“ देखो तुम्हे ऐसा लग रहा होगा कि मैंने उस लड़की को क्यों नहीं बिठाया? बराबर है ना?” मैंने हां में जवाब दिया। फिर उन्होंने मुझसे कहा, इसके पीछे एक वजह है, सुनो। आज से कुछ महीनो पहले, मैं ऐसे ही रात के समय में घर वापस जा रहा था। रास्ते में मुझे एक महिला दिखी। उसने मुझसे लिफ्ट मांगी। उस महिला के हाव भाव से मुझे लगा कि वह काफी परेशान है। यह देख, मुझे उस महिला के ऊपर दया आई और इंसानियत के फर्ज़ के नाते, मैंने उसको अपनी कार में बिठाया। उस महिला को जहां पर जाना था, मैंने उनको वहां पर पहुंचाया। महिला के कार से उतरने के बाद, मैंने उस महिला से भाड़ा मांगा। महिला ने भाड़ा देने की बजाय उसने चिल्लाना शुरू कर दिया,“ बचाओ ! बचाओ! यह आदमी मेरी इज्जत लुंटना चाहता है, मुझे इससे कोई बचाओ। प्लीज कोई मेरी मदद करो।”
महिला के चिल्लाने की आवाज सुनकर, आसपास के कुछ लोग आ गए और मेरी तरफ गुस्से से देखने लगे। मैंने बिना किसी से डरे, उन सबका सामना करते हुए कहा,“ देखो मेरी बात सुनो। यह महिला मुझे बीच रास्ते में मिली थी। उन्होंने मुझसे यहां तक आने के लिए लिफ्ट मांगी थी, मैंने उनको लिफ्ट दी और भाड़े के पैसे मांगे, तो इन्होंने चिल्लाना शुरू कर दिया। मेरा यकीन करो, मैंने इस महिला के साथ कोई दुष्कर्म नहीं किया है। आपको यकीन नहीं आता है, तो मैं मेरे भाई का नंबर देता हूं, मेरे एरिया के कुछ लोगो का नंबर देता हूं, उनसे आप पूछ लीजिएगा। आपको पता चल जायेगा की मैं कैसा इंसान हूं?
मैं महिलाओं की बहुत इज्जत और सम्मान करता हूं और ऐसे दुष्कर्म करना तो क्या! मैं ऐसा करने के बारे में सोच भी नहीं सकता। अगर आपको फिर भी यकीन नहीं होता, तो कोई बात नही, आप पुलिस बुलाकर मुझे गिरफ्तार करवा सकते हो। मेरा खुदा जानता है ना की मैं सच्चा हूं, बस मुझे किसी का डर नहीं है।” ये सब बाते सुनकर वह महिला घबरा गई और उसने कहा की,“ भाई, मुझे माफ कर दो। मेरी गलती हो गई। मेरे पास पैसे नहीं थे; इसलिए मैंने यह नाटक आपके साथ रचा।” “ बहेनजी, अगर आपके पास पैसे नहीं थे, तो आपको यह बात मुझे पहले बता देनी चाहिए थी, मैं आपसे पैसे नहीं लेता। एक दूसरे की मदद करना, तो हम इंसान का फर्ज है। मैं आपसे पैसे नहीं लेता, लेकिन यह जूठ बोलकर आपने अच्छा नहीं किया। आपकी वजह से, भविष्य की कई जरूरतमंद महिलाओं को लिफ्ट देते वक्त, कई ड्राइवर सो बार सोचेंगे और किसी महिला को अगर सचमुच जरूरत होगी ना, तो भी उसको मंजिल तक पहुंचा नही पायेंगे।” कार ड्राइवर ने कहा।
( दोस्तों, यह कहानी सच्ची घटना पर आधारित है। यह कहानी, ऐसी ही घटना एक कार ड्राइवर के साथ घटी थी, उसने मुझे खुद ही यह कहानी सुनाई थी, जब में उनकी कार में बैठकर घर जा रहा था। इस कहानी के माध्यम से, मैं महिलाओं को यह संदेश पहुंचाना चाहता हूं की कभी भी ऐसी स्थिति में ऐसी कोई क्रिया न करे, जिससे किसी अच्छे और नेक पुरुष को कोई कष्ट पहुंचे; क्योंकि कही भविष्य में ऐसी नौबत न आए की कभी किसी महिला को रात में, सच में लिफ्ट की जरूरत हो और कोई उसको उसकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए असमर्थ हो जाए।)
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सोच बदलने वाली कहानी
दोस्तो, मेरा नाम आशीष पटेल है। प्यार से मुझे लोग ‘आशु’ कहकर बुलाते है। मैं गुजरात राज्य के वडोदरा शहर में से, एक छोटे से गांव ‘विश्रामपुरा’ से हूं। मुझे कहानी लिखना सबसे प्रिय लगता है एवं में इसी लक्ष्य की तरफ अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहता हूं। उम्मीद है, की यह कहानी आपको पसंद आयेगी। अगर आपको यह कहानी पसंद आए, तो अपने दोस्तो के साथ जरूर साझा कीजिएगा। Contact
thise story is very, nice and understandable,Woman should read it
Nice story sir 💥🎉. Ghost wali story bhi jaldi daldo
Good story