Success Kahani – ये कामयाबी की कहानी हमें बड़ी सीख देती है !
Success ki Kahaani in Hindi – Safalta ki Kahani
दोस्तों, हम आपके लिए लाये है एक दिलचस्प और मोटिवेशनल कामयाबी की कहानी जो हर स्टूडेंट और हर युवा को ज़रूर पढ़नी चाहिए.
स्कूल का टाइम था, बाहर बहुत बारिश हो रही थी और क्लास में बच्चो का पढ़ने का बिलकुल मन नहीं था इसलिए मास्टर जी ने सोचा क्यों ना बच्चो के साथ कुछ अच्छा वक़्त बिताया जाए.
बच्चे शोर मचा रहे थे और मास्टर जी ने उन्हें चुप करवाने के लिए एक प्रश्न पुछा…
“बच्चो…शांत हो जाओ… मुझे ये बताओ कि अगर मैं आपको अभी 500 – 500 रुपये दू तो सबसे पहले तुम लोग क्या खरीदना पसंद करोगे?” मास्टर जी ने बच्चो को पुछा।
सभी बच्चे ने एक दम से मास्टर जी की तरफ ध्यान कर लिया. सभी जवाब देने लगे. किसी ने कहा मैं फुटबॉल खरीदूंगा, किसी ने कहा मैं पिस्तौल खरीदूंगा और किसी ने कहा कि मैं वीडियो गेम खरीदूंगा.
Kamyabi ki Kahani
सुनील जो कि क्लास में ही पढता था, वह सोच में डूबा था. मास्टर जी ने सुनील से पुछा “सुनील…तुम खरीदना पसंद करोगे?”
“मास्टर जी मैं अपनी माँ के लिए एक चश्मा खरीदूंगा” सुनील ने जवाब दिया..
मास्टर जी ने कहा “सुनील, तुम्हारी माँ के लिए चश्मा तो तुम्हारे पिता भी खरीद सकते है, तुम अपने लिए क्या खरीदना चाहोगे?”
“सर… मेरे पिता जी का देहांत 3 साल पहले हो गया था, मेरी माँ दरजी का काम करती है और कई दिनों से उन्हें लोगों के कपडे सिलने में बहुत मुश्किल आ रही है क्यूंकि माँ का चश्मा टूट गया है. मेरी माँ मुझे खूब पढ़ाना चाहती है ताकि मैं बड़ा हो कर अच्छी नौकरी हासिल कर सकू. अगर मेरी माँ का चश्मा ठीक हो जाएगा तो वो ज़्यादा कपडे सील सकेगी और ज़्यादा पैसे कमा सकेगी ताकि मैं अपनी पढाई ज़ारी रख सकू.”
ये सुन मास्टर जी की आँखें नम हो गयी.
मास्टर जी ने सुनील को अपने पास बुलाया और कहा ” बेटा…मुझे यकीन है कि तू एक दिन बहुत बड़ा इंसान बनेगा. जिसकी सोच इतनी बड़ी हो वो ज़िन्दगी में ज़रूर कामयाब होता है.” Kamyabi ki Kahani
मास्टर जी ने सुनील को 1000 रुपये दिए और कहा “500 रुपये मेरे वादे के मुताबिक तुझे दे रहा हूँ और 500 रुपये और तुझे उधार दे रहा हूँ, जब तू बड़ा इंसान बनेगा तो मुझे लौटा देना, मेरा आशीर्वाद हमेशा तेरे साथ है”
15 साल बाद….
क्लास लगी हुई थी, बाहर तेज़ बारिश हो रही थी कि तभी लाल बत्ती वाली गाडी स्कूल में आ कर रुकी. गाडी में से एक नौजवान निकला और स्कूल का मुआयना करने लगा. छठी क्लास में एक मास्टर जी बच्चो पढ़ा रहे थे, स्कूल के प्रिंसिपल भी उस नौजवान के साथ थे. वह नौजवान व्यक्ति क्लास में दाखिल हुआ और सीधे मास्टर जी के चरणों को स्पर्श किया और 500 रुपये दिए, सभी हैरान ……
“सर… मैं सुनील हूँ…मैं जिला कलेक्टर बन गया हूँ, ये सर आपके दिए हुए उधार के 500 रुपये” उस नौजवान ने मास्टर जी को कहा. Kamyabi ki Kahani
मास्टर जी ने अपना चश्मा पहना और सुनील को पहचान लिया और अपने गले से लगा लिया.
उस दिन मास्टर जी की छाती गर्व से 5 इंच और चौड़ी हो गयी थी.
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दोस्तों, ज़िन्दगी में अगर सफलता पानी है तो सिर्फ और सिर्फ अपने लक्ष्य पर ध्यान दीजिये ना कि मुश्किलों पर.
हमेशा सकारात्मक सोच रखे, मेहनत करे और अपने सपने को सच कर दिखाईये। बस खुद पर विश्वास रखे !
ये कामयाबी की कहानी आपको कैसी लगी, हमें कमेंट में ज़रूर बताये और इसे ज़्यादा से ज़्यादा शेयर भी करे. और आपके पास भी कोई Safalta ki Kahaani हो तो हमें भेजे, उसे पब्लिश किया जायेगा.
नमस्ते। मुझे नयी कहानियां लिखना और सुनना अच्छा लगता है. मैं भीड़-भाड़ से दूर एक शांत शहर धर्मशाला (H.P) में रहता हूँ जहाँ मुझे हर रोज़ नयी कहानियां देखने को मिलती है. बस उन्ही कहानियों को मैं आपके समक्ष रख देता हूँ. आप भी इस वेबसाइट से जुड़ कर अपनी कहानी पब्लिश कर सकते है. Like us on Facebook.