अर्जुन !!!! बाइक धीरे चलाओ – Short Story in Hindi with Moral

Short Story in Hindi with Moral

वो सुहाना सफर और बेईमान मौसम, ये कॉम्बिनेशन बहुत ही deadly है दोस्तों खासकर तब जब आपके साथ गर्लफ्रेंड या ख़ास दोस्त बैठी हो. ख़ास दोस्त से हमारा मतलब यही है कि जिसे आप दिल ही दिल में प्यार करते हो. दोस्तों 16 से 20 साल की जो उम्र है ना इस उम्र में शरीर में कई तरह के बदलाव आते है क्यूंकि इस उम्र में हमारे होर्मोनस में उथल पुथल होने लगती है. इस उम्र में की गयी एक गलती पूरी ज़िन्दगी को बर्बाद कर सकती है. हम आपके लिए एक ऐसी कहानी लेकर आये है जो हर युवा के लिए एक सबक है, सिर्फ सबक ही नहीं बल्कि प्रेरणा है. तो आईये शुरू करते है ये short story in hindi with moral.

अर्जुन और रितिका ने अभी अभी कॉलेज ज्वाइन किया था और दोनों एक दूसरे को बहुत पसंद करने लगे थे. अर्जुन तो जैसे रितिका के पीछे पागल सा हो गया था. रितिका अर्जुन के साथ स्कूल में भी थी और तब से ही वो अर्जुन की क्रश थी. रितिका देखने में भी काफी सुन्दर थी और वो भी अर्जुन से बहुत प्यार करने लगी थी.

दोनों का प्यार कॉलेज में और भी गहरा होता जा रहा था. अर्जुन अब पढाई में कम और रितिका पर ज़्यादा ध्यान देता था और रितिका का भी यही हाल था. इन दोनों के लिए कॉलेज बंक करना अब आम बात हो गयी थी. ये दोनों हफ्ते में 3 दिन तो कॉलेज बंक कर के घूमने चले जाते थे.

एक दिन अर्जुन और रितिका दोनों कॉलेज से बंक कर के बाइक पर लॉन्ग ड्राइव चले गए. उस दिन अर्जुन बहुत अच्छे मूड में था और वो अपनी बाइक भी बहुत तेज़ चला रहा था.

रितिका ने उसे एक दो बार कहा भी कि बाइक धीरे चलाओ लेकिन अर्जुन तो अपनी ख़ुशी की धुन में सवार था, बाइक धीरे करने का नाम ही नहीं ले रहा था.

वो पहाड़ी रास्ता था लेकिन फिर भी अर्जुन अपनी बाइक काफी तेज़ चला रहा था और तभी एक तीखा मोड़ आया और आगे से एक ट्रक आ गया. अर्जुन से बाइक कण्ट्रोल नहीं हुई और वो ट्रक में जा बजा. रितिका जो पीछे बैठी थी, उसने सही वक़्त पर खतरे को भांप लिया था और उसने ठीक समय पर बाइक से छलांग मार दी लेकिन अर्जुन वही उसी वक्त अपनी जान से हाथ धो बैठा. 

Short Story in Hindi with Moral

Short Story in Hindi

अर्जुन को खून में देखकर रितिका की चीखें निकल गई और वो रोती रह गई. अर्जुन ने रितिका की बांहो में अपनी आखिरी साँसे ली लेकिन अर्जुन को अपने सामने दम तोड़ते हुए देखना हज़ार मौत के बराबर था.

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दोस्तों, भारत में हर साल 1,50,000 से भी ज़्यादा लोग एक्सीडेंट में मारे जाते है और वो सिर्फ rash ड्राइविंग की वजह से. हम अपने पाठकों से यही अनुरोध करते है कि बाइक चलते समय हेलमेट ज़रूर पहने और जितना हो सके rash ड्राइविंग से बचे. युवा अवस्था में जोश बहुत होता है लेकिन ज़िन्दगी बहुमूल्य है, इसे ऐसे ना गवाएं.        

बाइक चलाते समय हमेशा याद रखे कि घर पर आपकी माँ, बहन, पिता सब इंतज़ार कर रहे है. बाइक धीरे चलाये और सुरक्षित रहे. अर्जुन तो अब वापिस नहीं आ सकता लेकिन उसकी मौत कई लोगों के लिए सबक बन सकती है.

धन्यवाद.

दोस्तों आपके पास भी कोई Short Story in Hindi with Moral होगा तो हमें भेजे, हम पब्लिश करेंगे।

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