बेटे और बाप के प्यार के फर्क को दर्शाती एक Emotional Short Story in Hindi
दोस्तों ये father and son emotional short story in Hindi पढ़कर हो सकता है आपको एक पल के लिए धक्का लगे लेकिन ये आज के युग की सच्चाई है।
इसमें कोई दोराय नहीं कि माता- पिता ही हमारे सबसे पहले और सबसे अच्छे दोस्त /गुरू होते हैं। जिंदगी में आगे बढ़ने की असल सीख हमें उन्हीं से मिलती है। लेकिन बड़े होने के बाद अक्सर लोग माता- पिता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से भागने लगते हैं। माता- पिता और बच्चों के प्यार में भी बहुत फर्क होता है। ऐसी ही इस touching story of father and son in Hindi को पढ़कर आपको अपने आगे की जिंदगी के लिए बहुत ही अच्छी सीख मिलेगी।
एक बार एक जवान बेटा और बूढ़ा पिता एक बगीचे में टहलने के लिए गए। बूढ़े पिता ने बेटे से कहा कि वो अब थक चूका हैं, इसलिए कुछ देर बैठना चाहता हैं। जिसके बाद पिता और बेटा दोनों पार्क के एक बेंच पर बैठ गए। तभी पिता की नजर सामने एक पेड़ पर गई। वहां उन्होंने देखा कि एक पक्षी पेड़ की टहनी पर बैठा है।
थोड़ी देर तक उस पक्षी को देखते रहने के बाद पिता ने अपने बेटे से पूछा कि- ‘बेटा वो क्या है?’ बेटे ने पिता के प्रश्न का तुरंत उत्तर देते हुए कहा ‘ वो तोता है।‘ महज चंद मिनटों के बाद पिता ने फिर अपने बेटे से पूछा कि ‘वो क्या है?’ जिसके बाद बेटे ने थोड़े ऊंचे स्वर में पिता से बोला कि ‘मैं आपको पहले भी बता चुका हूं कि तोता है।‘ थोड़ी देर बाद बूढ़े बाप ने फिर से अपने उसी प्रश्न को दोहराया और पेड़ की टहनी पर बैठे पक्षी को दिखाकर पूछा कि वो क्या हैं? अब बेटे को गुस्सा आ गया, वो चिल्लाते हुए अपने पिता से कहने लगा कि ‘पापा, क्या आपको कुछ समझ में नहीं आ रहा है या आपको कुछ सुनाई नहीं दे रहा है। मैंने आपको कितनी बार बताया है कि वो तोता है तोता।” फिर भी आप इतनी बार पूछे जा रहे हो। आखिर आपको ये जान कर करना क्या है।‘
बेटे की ये बातें सुन बूढ़े पिता ने बढ़े ही नम्रतापूर्वक और धीमें आवाज में कहा “बेटा मालूम है जब तुम करीब चार- पांच साल के थे, तब तुमने ये सवाल मुझसे 25 बार पूछा था । और ये सवाल पूछते वक्त तुम मुझे इतने प्यारे लग रहे थे कि मैं तुम्हारे हर सवाल पर तुम्हारे गाल पर एक किस देता और तुम्हें जवाब देते हुए कहता कि वो तोता है। लेकिन तुम तो मेरा केवल तीन बार पूछने पर ही इतना ज्यादा गुस्सा हो रहे हो।”
दोस्तों, ये तो सिर्फ एक कहानी है, लेकिन वास्तव में कई लोग अपने माता- पिता के बूढ़े हो जाने पर उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते। उनकी छोटी- छोटी गलतियों पर उन पर चिल्लाते हैं, गुस्सा होते हैं। इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि जब भी हमारे माता- पिता हम पर निर्भर हों, तब हमें उनके प्रति हमारी जिम्मेदारी अच्छे से निभानी चाहिए। अपना काम सही तरीके से करना चाहिए। उन्हें हमेशा हमारे प्यार की आस होती है, इसलिए उन्हें नाराज करने के बजाए उन्हें खुश रखने की कोशिश करनी चाहिए। क्योंकि माता- पिता की अच्छी देखभाल ही हमारी असली जिम्मेदारी है और हमें अपनी जिम्मेदारी से कभी भागना नहीं चाहिए।
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miss you
Good Articl
Heart tuching story…
Mam iss Story ko Apne YouTube Per Upload kar sakte hain kya?
Kya mein is story ko YouTube channel pr vidoe shoot krke speech de skti hu Kya mam if you don’t mind