प्रेम की दर्द से भरी कहानी A Beautiful and Very Sad Love Story in Hindi
प्रेम की बेहतरीन और दर्द से भरी कहानी – A Beautiful and Very Sad Love Story in Hindi
जय और रीना, पिछले ३ साल से एक दूसरे के प्रेम में थे। दोनों के बीच, प्रेम इतना बढ़ चुका था की दोनों ने मन ही मन एक दूसरे को अपना जीवनसाथी मान लिया था।
एक बार जय को काम के सिलसिले में बाहर जाना हुआ। जय काम में इतना व्यस्त हो गया की रीना से वह ज्यादा बात भी नहीं कर पाता था। एक दिन रात को रीना का कॉल आया। जय अभी – अभी काम खत्म करके बैठा था। जय ने कॉल उठाया और कहा,“ रीना, कैसी हो तुम? मुझे माफ करना, मैं काम में इतना व्यस्त था की तुमसे ज्यादा बात ही नहीं कर पाया। मैं तुम्हे रोज बहुत याद करता हूं।”
“ जय, मैं भी तुम्हें बहुत याद करती हूं। मैं तुम से थोड़ी गुस्सा भी हूं। यार मैंने कल कितने कॉल, मैसेज किए, लेकिन तुमने कोई रिप्लाई ही नहीं किया मुझे। बहुत गुस्सा हूं, मैं तुम से।”
रीना ने उत्तर दिया। “ यार, सॉरी। माफ कर दे यार। अब मान भी जाओ, ऐसा क्यों कर रही हो?” जय ने कहा। “ नहीं, जय मैं आसानी से नहीं मानने वाली। यहां आके मनाओ मुझे।” यह कहकर रीना ने कॉल काट दिया।
दूसरे दिन सुबह, जय ने रीना की मनपसंद चॉकलेट खरीदी और एक सॉरी कार्ड लिया। ये लेकर वो रीना के घर पहुंचा। रीना की मम्मी को दोनों के बारे में सब पता था। जय ने रीना के घर के दरवाजे पर दस्तक दी। रीना की मम्मी ने दरवाजा खोला और जय को कहा, “ आओ जय बेटा। कैसे हो? कोई दिक्कत तो नहीं है ना?” “ मैं ठीक हूं, आंटी। रीना से मिलने आया हूं।” जय ने उत्तर दिया। “ रीना तो ऊपर सो रही हैं। कब से आवाज दे रही हूं उसको, लेकिन उठने का नाम ही नहीं ले रही है। जाओ अब तुम ही उसको जगाओ।” रीना की मम्मी ने कहा। फिर जय, रीना के कमरे के पास गया और डोर बैल बजाई। रीना ने कहा, “ क्या हुआ, मम्मी? सोने दो ना थोड़ी देर ओर! क्या कब से आवाज कर रहे हो!” जय ने फिर से डोर बैल बजाई। रीना ने गुस्सा होकर दरवाजा खोला और जय को देखकर कहा, “ अरे तुम! जाओ यहां से, मुझे तुम से बात नहीं करनी।” फिर जय ने उसको मनाते हुए कहा, “ सॉरी,रीना। गलती हो गई मुझ से, मुझे माफ कर दो प्लीज। आइंदा मैं कभी तुम्हारे कॉल्स, मैसेज को अनदेखा नहीं करूंगा। तुम्हारे सारे कॉल्स का जवाब दूंगा। अब तो मान जाओ यार। देखो मैं तुम्हारी मनपसंद चॉकलेट लाया हूं और ये सॉरी कार्ड।” “इस बार मान गई हूं; लेकिन अगली बार ध्यान रखना, कितना भी मनाओगे नहीं मानूंगी मैं।”रीना ने कहा। फिर दोनों एक दुसरे से गले मिले और कुछ प्यार भरे पल बिताए। बहुत सारी बातें करने के बाद, दोनों ने कुछ पलों के लिए एक दूसरे से विदा ली।
अगले दिन जय का जन्मदिन था। रीना ने जय के लिए तोहफे में, एक शर्ट खरीदा और उसकी मनपसंद चॉकलेट केक का भी ऑर्डर दे दिया था। जय को सबसे पहले शुभकामना देने के लिए उसने सोचा कि वह अपने घर से, रात के ११:३० बजे निकलेगी और १२ बजे उसको पहेली बधाई देगी। योजना के मुताबिक रीना ने ठीक १२ बजे, जय के घर के बाहर दरवाजे पर दस्तक दी। आवाज सुनकर घर के नौकर ने दरवाजा खोला। दरवाजा खुलते है, रीना ने पूछा, “ नमस्ते, अंकल। जय कहा पर है? सो गया क्या ?” “बेटा, अब तुम्हें क्या बताऊं? जय अभी अस्पताल में भर्ती हैं। वो आज रात को ठीक १० बजे, मां के लिए दवाई लेने जा रहे थे, तभी एक ट्रक सामने से आ रही थी, उसके टक्कर मारने से कार पलट गई और ट्रक भी नीचे खड्डे में गिर गई। कुछ लोगों का कहना था की ट्रक का ड्राईवर, शराब पीकर ट्रक चला रहा था, क्योंकि उस ट्रक से शराब की कुछ बोलते मिली थी।” यह बात सुनकर, रीना के हाथो से तोहफा और केक जमीन पर गिर गया और रीना के चेहरे पर भारी शोक के बादल छा गए, मानो उसके पैरो तले जमीन खिसक गई! फिर रीना ने अस्पताल का पता पूछा और तुरंत अस्पताल के लिए निकल पड़ी।
कुछ समय में, वह अस्पताल पहुंच गई। पूछताछ की जगह से उसने जय का कमरा नंबर पूछा और तुरंत कमरे के पास गई। उसने कमरे के अंदर प्रवेश किया और देखा की जय के मम्मी-पापा रो रहे थे। रीना जय के पास गई और उसकी आंखो से भी अश्रु की धारा बहने लगी। जय ने धीमी आवाज में कहा, “ रीना, अपना ध्यान रखना और तुम्हारी इस प्यारी सी आंखों में, कभी भी आंसू मत आने देना। अगर तुम मेरी यह बात मानोगी, तो मैं समझूंगा की तुमने मुझे इस जन्मदिन का सबसे कीमती तोहफा दिया है। अलविदा, रीना।” कहकर जय ने रीना का हाथ पकड़ा और अपनी अंतिम श्वास लेकर, इस दुनिया से विदा ली।
( दोस्तों, हम जिसे प्रेम करते है, वो हमेशा हमें खुश देखना चाहते है। कुछ लोग मैंने देखे है, जो प्यार में सफलता न मिलने पर या सफलता मिलने के बाद, अपने साथी को अगर किसी वजह से वह खो देते है, तो खुद को संभाल नहीं पाते और खुदकुशी करके खुद ही अपने जीवन को समाप्त कर देते है। ऐसे लोगों को मुझे यह संदेश देना है कि जीवन में कभी भी खुदकुशी न करे। जीवन में अगर अपना मनपसंद साथी न मिले या कही खो दो, तो भी अपने आपको संभालो; क्योंकि जिस व्यक्ति से आप सच्चा स्नेह करते है, वो व्यक्ति कभी नही चाहेगा की आपको कुछ हो! वो व्यक्ति चाहेगा की आप अपना ध्यान रखे और अपने आपको खुश रखे, आंसू न बहाए।)
( सूचना – यह कहानी काल्पनिक है। इस कहानी में दिए गए सारे पात्र,सारी बातें और जगह भी काल्पनिक है। किसी की भी भावनाओं को ठेस पहुंचाना मेरा उद्देश नहीं है। )
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दोस्तो, मेरा नाम आशीष पटेल है। प्यार से मुझे लोग ‘आशु’ कहकर बुलाते है। मैं गुजरात राज्य के वडोदरा शहर में से, एक छोटे से गांव ‘विश्रामपुरा’ से हूं। मुझे कहानी लिखना सबसे प्रिय लगता है एवं में इसी लक्ष्य की तरफ अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहता हूं। उम्मीद है, की यह कहानी आपको पसंद आयेगी। अगर आपको यह कहानी पसंद आए, तो अपने दोस्तो के साथ जरूर साझा कीजिएगा। Contact