मैं बोझ नहीं हूं पापा – Beti ki Pukar Poem in Hindi
यह “बेटी की पुकार” एक इमोशनल कविता हैं जो दर्शाती हैं, एक बेटी और पापा के बीच में हो रहे संवाद को।
Poem on Daughter in Hindi
शाम हो गई अभी तो घूमने चलो न पापा
चलते चलते थक गई कंधे पे बैठा लो न पापा
अंधेरे से डर लगता है सीने से लगा लो न पापा
मम्मी तो सो गई अपनी थपकी देकर सुलाओ न पापा
स्कूल तो पूरी हो गई अब कॉलेज जाने दो न पापा
पाल पोस कर बड़ा किया अब जुदा तो मत करो न पापा
अब डोली में बिठा ही दिया तो आंसू तो मत बहाओ न पापा
आपकी मुस्कुराहट अच्छी है एक बार मुस्कुराओ न पापा
आप हमारी हर बात मानी एक बात और मान जाओ न पापा
इस धरती पर बोझ नहीं मै दुनिया को समझाओ न पापा
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हेलो दोस्तों, आपको यह Beti ki Pukar Poem in Hindi कैसी लगी कृपया कमेंट में बताये।
Add – Mauna Husse Chapra
भावुक कर दिया भाई
धन्यवाद भाई
Bahut achhi lagi or bhi post aise hi likhe ham apke likhe post share karenge sabhi tak.
Thank you bhai jaan
बहुत ही बेहतरीन , सुंदर, सराहनीय एवं मार्मिक रचना…..👌👌
Wow
बहुत ही सुंदर कविता है आपकी.. समाज मे नारी को मान सम्मान मिले इस ओर प्रेरित कर रही है आपकी कविता… नारी की इज्जत करना सीखा रही आपकी कविता… बाप बेटी की इस अतुल्य रिश्ते को दर्शा रही है आपकी कविता… मेरे आत्मा को भा गई है आपकी ये कविता…. धन्यवाद
Badhiya bhai
Wow fantastic, it’s very emotional and inspiring poem for every father- daughter relation
Nyc story h
Wow nice janu
Hiii
Nice
Nice
very emotional lines
Waah kya baat hai.
So heart touching poem