” आराम से खेल यार ” Amazing Cricket Story in Hindi
Cricket Story in Hindi
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इंडिया और पाकिस्तान का टेस्ट मैच था. सचिन और सेहवाग क्रीज़ पर थे और सेहवाग 295 रन पर खेल रहे थे. आप सब तो जानते ही हो कि सेहवाग को अपनी सेंचुरी की कोई चिंता नहीं होती, उन्हें तो सिर्फ रन की चिंता रहती है. सचिन ने सेहवाग को कहा “देख…तेरा 300 रन बनाने वाला है, कोई रिस्क मत लेना, आराम से खेल यार”. सेहवाग ने कहा ” अगर सक़लैन मुश्ताक बोलिंग पर हुआ तो ज़रूर मरूंगा” और हुआ क्या सक़लैन ही बोलिंग करने आ गया. अब सचिन को डर था कि कही सेहवाग विकट न गवा ले. सक़लैन मुश्ताक़ ने बाउल डाली और सेहवाग ने बल्ला घुमाया और बाउल सीधा बाउंड्री से बाहर, छक्का।
ऐसी स्थिति में शायद सिर्फ सेहवाग ही थे जो अपनी ट्रिपल सेंचुरी की परवाह किये बिना छक्का लगा सकते थे.
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2002 में इंडिया और इंग्लैंड के बीच Natwest Trophy का फाइनल मैच था.
इंडिया को जीत के लिए 325 रन बनाने थे और सेहवाग और सौरव गांगुली क्रीज़ पर थे. 13 वा ओवर था और जीत के लिए करीबन 7 प्रति रन की औसत चाहिए थी. गांगुली ने सेहवाग को कहा “देख…ज़्यादा जल्दी मत कर, अगर हम टिक कर खेलेंगे तो आसानी से जीत जाएंगे. 13 वे ओवर की पहली बोल पड़ी और सेहवाग ने जोरदार बल्ला घुमाया और चौका। गांगुली सेहवाग के पास गए और कहा “अब पहली बोल पर चार रन आ गए, अब आराम से खेलना और सिंगल ले लेना भाई”. सेहवाग ने कहा ठीक है. दूसरी बोल पड़ी और फिर चौका. गांगुली ने गुस्से में सेहवाग को देखा और शांत रहने को कहा. तीसरी बोल पड़ी और फिर चौका. गांगुली फिर सेहवाग के पास गए और कहा “क्यों जल्दी करता है, आराम से खेल यार और अब सिंगल ले लेना”. अगली बोल आयी और फिर शानदार चौका. उसके बाद गांगुली ने कुछ नहीं कहा क्यूंकि वो समझ गए थे कि इस बन्दे को जो मर्जी समझा लो, ये अपने दिल की ही करेगा. वो फाइनल भारत आसानी से जीत गया था.
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2004 में इंडिया और ऑस्ट्रेलिया का टेस्ट मैच था और सेहवाग 195 पर खेल रहे थे. सेहवाग छक्का मार कर अपनी डबल सेंचुरी करना चाहते थे लेकिन दुर्भाग्यवश वो कैच आउट हो गए. जब वे पाविल्लिओं गए तो हर्षा भोगले ने सेहवाग को कहा कि अगर आप थोड़ा आराम से खेलते तो डबल सेंचुरी बना लेते. इसके जवाब में सेहवाग ने कहा “अगर बोल 3 मीटर और दूर गिरती तो ये छक्का होता.”
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यकीनन उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता था कि उनकी डबल सेंचुरी है या ट्रिपल सेंचुरी, वो तो बस छक्के मारने का मज़ा उठाते थे. सेहवाग को क्रिकेट इतिहास में एक उच्च स्थान प्राप्त है और वो क्रिकेट में सबसे Fearless क्रिकेटर से भी जाने जाते थे.
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