Forgiveness Story in Hindi – Story in Hindi with Moral
Story in Hindi with Moral
Submitted by Rajesh Mishra
एक बहुत ही समृद्ध देश के राजा के पास 10 ज़ालिम कुत्ते थे. वो राजा इन कुत्तो का इस्तेमाल उनके लिए करता था जो कोई गलती या गलत काम करते थे. अगर राजा के राज्य में कोई भी व्यक्ति गलत काम या कोई छोटी सी भी गलती कर देता था तो वो राजा उस व्यक्ति को उन ज़ालिम कुत्तों के पिंजरे में डाल देता था.
एक बार राजा ने अपने मंत्री से सवाल पुछा जिसका जवाब उस मंत्री ने गलत दे दिया. गुस्से में आकर उस राजा ने मंत्री को कुत्तो के पिंजरे में डालने का आदेश दे दिया. मंत्री ने राजा से बहुत माफ़ी मांगी लेकिन राजा नहीं माना क्यूंकि वो कोई भी गलती बर्दाश्त नहीं कर सकता था. मंत्री ने राजा से कहा “हे राजन …. मैंने 10 साल आपकी सेवा की और आप मुझे बदले में ये सजा दे रहे हो, क्यों?”
Story in Hindi with Moral
राजा ने कहा कि गलती की है तो सजा तो मिलेगी ही. मंत्री ने राजा को कहा “ठीक है, मैं सजा पाने के लिए तैयार हूँ लेकिन मुझे सिर्फ 10 दिन का वक़्त दे दीजिये ताकि मैं इन 10 दिनों में अपने परिवार को अच्छे से अलविदा कह सकू”
राजा मान गया और मंत्री को 10 दिन की मोहलत दे दी, साथ ही मंत्री को चेतावनी भी दी कि पूरे 10 दिन के बाद वह उसे कुत्तों के पिंजरे में डाल देगा”
मंत्री को 10 दिनों की मोहलत मिल गयी और पहले ही दिन वह मंत्री उस व्यक्ति के पास गया जो कुत्तों की रखवाली करता था. मंत्री ने उसे कहा “मुझे कृपया 10 दिनों तक इन कुत्तों की रखवाली करने का अवसर दीजिये”. कुत्तो का रखवाला मान गया और अब वह मंत्री रोज़ कुत्तो को खाना देता और उनकी अच्छे से देखभाल भी करता.
Story in Hindi with Moral
जब 10 दिन पूरे हो गए तो राजा ने अपने सिपाहियों को आदेश दिया कि मंत्री को कुत्तों के पिंजरे में डाल दिया जाए. जब सिपाहियों ने मंत्री को कुत्तों के पिंजरे में डाला तो वहां का नज़ारा देख सब स्तब्ध रह गए. वो ज़ालिम कुत्ते उस मंत्री के पैरों को चूम रहे थे और उसे प्यार कर रहे थे. ये देख राजा परेशान हो गया और सिपाहियों से पुछा “ये कुत्ते मंत्री को खा क्यों नहीं रहे”
मंत्री ने कुत्तों के पिंजरे से राजा को आवाज़ लगायी और कहा ” हे मेरे मालिक, मैंने कुत्तों की देखभाल सिर्फ 10 दिन के लिए की थी और देखिये इन्हे अभी तक मेरी की हुई सेवा याद है, इसीलिए ये मुझे काट नहीं रहे, खा नहीं रहे. मैंने तो आपकी सेवा पूरे 10 साल की लेकिन फिर भी आप वो सब कुछ मेरी सिर्फ एक गलती के लिए भूल गए.”
राजा को अपनी गलती का एहसास हो गया था और इसलिए उन्होंने मंत्री को रिहा करने का आदेश दे दिया.
दोस्तों, शायद हम मनुष्य भी बिलकुल उसी राजा की तरह है. अगर कोई हमारा थोड़ा सा भी बुरा कर दे तो हम उससे खफा या सजा देने को तैयार हो जाते है चाहे उस इंसान ने कभी आपके लिए कितने ही अच्छे काम क्यों न किये हो. किसी से रूठने या किसी को सजा देने से पहले उस इंसान के बारे में अच्छे से सोचिये।
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दोस्तों, किसी भी रिश्ते में दुसरे इंसान को हमेशा माफ़ करना सीखिए। अगर आप उसे माफ़ कर सकते हो तो आपका रिश्ता वक़्त के साथ और भी गहरा होता जाएगा. जो कमज़ोर है वो कभी माफ़ नहीं कर सकते और हाँ वो कहावत तो सुनी होगी “अँधेरे को अँधेरा नहीं ….. सिर्फ रौशनी मिटा सकती है ! ”
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