हमेशा जो दिखाई देता है, वो सच नहीं होता – Story on Moral Values in Hindi

कई बार हम अपने जीवन में दूसरों को सही तरीके से समझे बिना उनके बारे में निर्णय ले लेते हैं, और अपने रिश्ते को खराब करने लगते हैं। किसी भी रिश्ते को अच्छे से समझने के लिए हमें थोड़ा समय जरूर देना चाहिए। कहते हैं कि किसी भी रिश्ते की डोर तब कमजोर हो जाती है, जब इंसान रिश्ते में उठने वाले सवालों के जवाब खुद ही बनाने लग जाता है। दोस्तों ये Story on Moral Values in Hindi रिश्तों को सही से समझने की यही सीख देती है।

Story on Moral Values in Hindi

एक बार एक 4 साल की छोटी बच्ची और उसकी मां एक गार्डेन में टहल रहे थे।

बच्ची के हाथों में दो सेब थे। बच्ची की मां ने बच्ची के पास जाकर पूछा, क्या तुम मुझे इन दो सेबों में से एक सेब दोगी।

Story on Moral Values in Hindi

Story on Moral Values in Hindi

मां की ये बात सुनकर बच्ची थोड़े देर के लिए शांत हो गई। फिर उसने जल्दी से पहले तो एक सेब का एक टूकड़ा अपने दांतों से काट लिया और फिर दूसरे सेब का एक टूकड़ा भी अपने दांतों से काट लिया।

बच्ची को ऐसा करते देख बच्ची की मां थोड़ी मायूस सी हो गई।

उसे लगा कि उसकी बेटी में शेयर करके खाने की आदत ही नहीं है, जब वो मुझे अपनी चीज नहीं देना चाह रही है तो फिर दूसरों को क्या देगी।

Story on Moral Values in Hindi

बच्ची की मां मायूस होकर भी मुस्कुरा रही थी, ताकि बच्ची को बूरा ना लगे।

तभी अचानक बच्ची ने उन दो सेबों में से एक सेब अपनी मां की ओर बढ़ाते हुए कहा कि मम्मी, आप ये वाला सेब खाओ, क्योंकि ये ज्यादा मीठा है।

Story on Moral Values in Hindi

Story on Moral Values in Hindi

बच्ची की ये बात सुनकर उसकी मां अचम्भे में पड़ गई। वो सोचने लगी कि अभी क्षणभर पहले वो अपनी बेटी के लिए कितना बुरा सोच रही थी, कि उसमें शेयर कर के खाने की आदत ही नहीं है। लेकिन ऐसा नहीं है, उसकी बेटी तो अपनी मां के लिए बहुत ही ज्यादा केयरिंग है। तभी तो उसने खुद खा कर फिर ज्यादा मीठे वाला सेब अपनी मां को खाने के लिए दिया।

Story on Moral Values in Hindi

दोस्तों, इस कहानी से हमें यही शिक्षा मिलती है कि अक्सर हम जल्दबाजी में दूसरों के प्रति जैसी अवधारणा बना लेते हैं, वैसा होता नहीं है।

कई बार लोग हमारे सोचने के बिल्कुल विपरीत होते हैं। इसलिए हमें कभी भी जल्दबाजी में आकर किसी के लिए कोई भी धारणा नहीं बनानी चाहिए, क्योंकि कभी- कभी जो दिखाई देता है वो सच्चाई नहीं होती।

बुझ जाता है दीपक अक्सर तेल की कमी के कारण ।
हर बार कसूर हवा का नहीं होता ।।

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5 Responses

  1. kanika singh says:

    short story hai fir bhi gyan vardhak hai sundar pryas hai

  2. Falendra mehta says:

    New stori update kriye sir abhee tuk aapne 4 july 2019 ho gya ek bhee new stori update nhi kiye hain kyun sir?

  3. panditrajkumardubey.com says:

    इसीलिए किसी ने कहा है कि न आँखों देखि मानो, न कानो सुनी मानो जो विवेक में आये उसे मानो | बहुत ही ज्ञानवर्धक कहानी है जी

  4. Anant Chourey says:

    Really, very inspiring story for kids.

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