“जे के राउलिंग” हैरी पॉटर रचयिता की प्रेरणादायक कहानी
सफल व्यक्तियों के जीवन पर प्रकाश डाला जाये तो हम ये पाते हैं कि अधिकाँश सफल लोग अनेकों कठिनाइयों को पार करने के बाद सफलता की सीढ़ी चढ़े। सफलता की ओर जाने वाले मार्ग पर चलना इतना आसान नहीं होता। हज़ारों रुकावटों, दुखों और तकलीफों को सह कर भी यदि आप अपने कार्य में डटे रहे तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। कठिनाइयों का सामना करके सफल होने वाली, हैरी पॉटर की जादुई दुनिया की रचियता जे. के. रोलिंग की इस प्रेरणादायक कहानी से आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
Inspirational Story of JK Rowling in Hindi
जे. के. रोलिंग का पूरा नाम जोन कैथलीन रोलिंग है। उनका जन्म 31 जुलाई 1965 को यॉट, इंग्लैंड में हुआ था। रॉलिंग का बचपन माता-पिता के झगड़े देखते हुए बीता। ग्रैजुएशन के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में आवेदन किया लेकिन वहाँ पर असफलता हाथ लगी। फिर उन्होने फ्रेंच और क्लासिक्स में BA किया। अपनी माँ के देहांत के बाद रोलिंग पोर्तो पुर्तगाल में आकर इंग्लिश पढ़ाने लगीं, वे रात में इंग्लिश पढ़ातीं और दिन में हैरी पॉटर की कहानी लिखती। रॉलिंग की शादी मात्र एक साल में टूट गई थी। उन्होने एक असफल रिश्ते को भी देखा।
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ग्रेजुएशन के 7 साल बाद रोलिंग अपने आप को पूरी तरह असफल समझने लगी थी। वे अब बेरोजगार थीं एक छोटे बच्चे के साथ जो की उन पर निर्भर था। वे तनाव और अवसाद का शिकार हो गयीं। कुछ समय बाद उन्होने एक टीचर ट्रेनिंग कोर्स किया और बच्चों को पढ़ाने लगीं। लेकिन रोलिंग के दिमाग में जादुई व प्रेरणादायक कहानिया जन्म ले चुकी थी।
वे दिन में नौकरी करती थी और रात में कहानी लिखती थी। इस प्रकार तमाम रुकावटों के बावजूद भी उन्होने अपना लेखन नहीं छोड़ा। वे लगातार लिखती रहीं। अपनी बेटी जेसिका को बेहलाने के लिए जब वो बाहर जाती थीं तब भी वे अपना लेखन जारी रखती थीं। कभी कभी उन्हें एक हाथ से टाइप करना पड़ता था क्यों की उनके दुसरे हाथ में उनके छोटी बेटी होती थी। अपनी लगन और बरसों की मेहनत के बाद उन्होने अपनी पहली किताब पूरी की। उन्हें प्रेरणादायक कहानी लिखने का भी शौक था।
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रोलिंग का संघर्ष अभी भी खत्म नहीं हुआ था। किताब पूरी होने के बाद वे इसके लिए पब्लिशर ढूँढने लगी, लेकिन शुरु में सभी ने उनकी पुस्तक को छापने से इंकार कर दिया। एक साल बाद ब्लूम्सबरी पब्लीकेशंस, उनके उपन्यास को छापने के लिए राज़ी हो गया।
लेकिन पब्लिशर ने एक शर्त रखी। पब्लिशर ने कहा की आप अपने नाम में कुछ चेंज कर ले ताकि किसी ये पता न चले की उपन्यास का राइटर एक महिला हैं। क्यूंकि पब्लिशर को लगता था की राइटर महिला होने पर पाठको को उपन्यास पर रूचि नहीं आएगी। इसके बाद उन्होंने अपने नाम जोन रोलिंग को जोन कैथलीन रोलिंग किया और उपन्यास पब्लिश हुई।
उपन्यास के बाज़ार में आने के बाद वह तेज़ी से प्रचलित होने लगा और देखते ही देखते रोलिंग को अपने उपन्यास के लिए कई सारे साहित्यिक पुरस्कार प्राप्त हुए। बाद में रोलिंग की पुस्तक के आधार पर ही हॉलीवुड फ़िल्म हैरी पॉटर की रचना हुई।
आज रोलिंग किसी परिचय की मोहताज नहीं है। एक समय था जब तनाव के कारण उनके मन में आत्महत्या करने का विचार भी आया था और एक समय ऐसा भी आया जब रोलिंग, ब्रिटेन की महारानी से भी अधिक धनी हो गई। रोलिंग के जीवन की इस प्रेरणादायक कहानी से हमें यही सीख मिलती है की तमाम दुखों को सहते हुए अगर हम अपने काम में लगे रहें तो इसका फल हमें एक न एक दिन ज़रूर मिलता है !
ईमानदारी से कड़ी मेहनत करना बहुत जरूरी होता है। लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है खुद पर विश्वास करना।
जे के राउलिंग
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