जब पति को बचाने के लिए 3 KM दौड़ी 66 वर्षीय लता – Motivational Story in Hindi
Motivational Story in Hindi
Submitted by Prashant
जब पति को बचाने के लिए 3 KM दौड़ी 66 वर्षीय लता – Motivational Story in Hindi
सुबह 8 बजे का वक़्त था, मैं हर रोज़ सुबह सुबह जॉगिंग (Jogging) के लिए जाता हू और उस दिन भी मैं बाहर दौड़ के लिए जाने लगा था अचानक पड़ोस के शर्मा जी ने बताया पास में ही एक मैराथन दौड़ हो रही है. मैराथन दौड़ वो होती है जिसमे हज़ारो लोग किसी नेक काम के लिए दौड़ते है ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग उस उद्देश्य के लिए जागरूक हो सके.
Motivational Story in Hindi
बस फिर क्या था, मैं भी मैराथन दौड़ में भाग लेने के लिए चला गया. वो मैराथन दौड़ 3 किलोमीटर की थी और मुझे यकीन था कि मैं बड़ी आसानी से कर लूंगा. जब रेस शुरू होने लगी तो मैंने देखा कि एक बुजुर्ग औरत जो कि करीबन 60-65 साल की होगी, वो भी मैराथन दौड़ में हिस्सा लेने के लिए खड़ी थी. सिर्फ यही बात की हैरानी नहीं थी मुझे, उस औरत ने चप्पलें नहीं डाली थी और वो साडी पहने हुए थी. मैंने दिल में सोचा “साडी में कौन दौड़ता है??”
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खैर, रेस शुरू हुई और मैं काफी आगे निकल गया …… लेकिन 5 मिनट में मैंने जो देखा वो देख कर मेरी आँखे फटी की फटी रह गयी. वो इतनी बुजुर्ग औरत अब एक ओलिंपिक खिलाडी की तरह दौड़ते हुए हर एक को पीछे छोड़ती जा रही थी. 2 किलोमटेर दौड़ने के बाद मैं थोड़ा slow हो गया लेकिन वो औरत भागते जा रही थी और आखिरकार उसने वो मैराथन रेस पूरी कर ली. वो औरत पहले नंबर पर थी और ये देख कर वह मुजूद सभी हैरान परेशान थे.
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उस बूढी औरत ने जैसे ही पहले स्थान के साथ मैराथन पूरी की, तभी सभी पत्रकार उसकी तरफ भाग पड़े और तरह-तरह के सवाल पूछने लगे. एक पत्रकार ने पुछा “आप बिना चप्पलो के मैराथन जीत गयी, कैसा लगा रहा है, आपको किसने प्रोत्साहित किया और आपका नाम क्या है?”
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उस बूढी औरत ने बताया कि उसका नाम लता करे (Latha Kare) है और उसकी उम्र 66 साल है. उसने बताया कि उसके पति बहुत बीमार है और हॉस्पिटल में दाखिल है. उस औरत ने आगे कहा ” मेरे पास अपने पति के इलाज के पैसे नहीं है और इसलिए मैंने कुछ पैसे कमाने के लिए इस दौड़ में हिस्सा लिया. ये दौड़ जीतकर मुझे जो Rs 5000 मिलेंगे उससे मैं अपने पति का इलाज करवाउंगी.”
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ये सुनकर वहां मुजूद हर इंसान की आँखें नम पड़ गयी और हर कोई चाहता था कि उसका पति जल्द से जल्द ठीक हो जाए. कई सज्जन व्यक्तियों ने अपनी तरफ से पैसे देकर उस औरत की मदद भी की.
वो 66 साल की लता हर एक को एक प्रेरणादायक सबक दे गयी. वो बूढी औरत चाहे गरीब है, अनपढ़ है लेकिन उसमे निष्ठा (dedication) की कोई कमी नहीं और मुझे उस दिन यही सीख मिली कि अगर कोई भी काम पूरी निष्ठा के साथ किया जाए तो उसमे सफलता ज़रूर मिलती है.
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नमस्ते। मुझे नयी कहानियां लिखना और सुनना अच्छा लगता है. मैं भीड़-भाड़ से दूर एक शांत शहर धर्मशाला (H.P) में रहता हूँ जहाँ मुझे हर रोज़ नयी कहानियां देखने को मिलती है. बस उन्ही कहानियों को मैं आपके समक्ष रख देता हूँ. आप भी इस वेबसाइट से जुड़ कर अपनी कहानी पब्लिश कर सकते है. Like us on Facebook.
Very nice story
very nice inspirational story .we must learn from her . Really we all need such a dedication .
हेलो सर आपने बहोत ही अच्छी कहानी लिखी मुझे पढ़ कर मजा आ गया.सर में भी ब्लॉग चलाता हु में भी बहोत सारी कहानिया लिखता हु आप एक बार मेरा ब्लॉग भी देखिये thank you
Maine aapka blog dekha hai, bahut badhiya. Good Luck to you !
very nice heart touching