ईटें नीव की – Short Motivational Story in Hindi with Moral

Short Motivational Story in Hindi with Moral

जिस दिन भी हमारे मन में किसी इमारत को बनाने का ख्याल आता है, तो चाहे वो ईमारत हमारे सपनों का घर हो, या कोई होटल, या और किसी भी तरह की बिल्डिंग, सबसे पहले हम यह विचार करते हैं की नीव कितनी गहरी होगी| क्योंकि जितनी गहरी और सुदृढ़ नीव होगी, इमारत उतनी ही ऊँची तथा बुलंद होगी| नीव को भरने के लिए जिन ईटों का प्रयोग होता है, वह ईटें कई बार दशकों या सदियों तक चुपचाप, अंधेरे में धरती के नीचे बिना की शिकवा या शिकायत पड़ी रहती हैं|

Short Motivational Story in Hindi

Short Motivational Story in Hindi with Moral

इसके विपरीत वो कंगूरे जो सारी इमारत बनने के बाद सजावट के लिए बिलिडंग की छत पर लगाए जाते हैं, वो गर्व से सर ऊँचा किये मानो उन ईटों को चिढ़ा रहे होते हैं कि देखो तुमने अपनी जिन्दगी अँधेरे में यूँ ही बर्बाद कर दी| तुमने एक बार धरती में जाने के बाद कभी उजाले का मुँह तक नहीं देखा| लेकिन नीव कि ईंटें तो अपना बलिदान सिर्फ इमारत की मज़बूती के लिए देती हैं| उन्हें उजाला देखने कि इच्छा है दौलत कि तमन्ना|

ठीक इसी तरह राष्ट्रों की आज़ादी के लिए जो अपनी इच्छा से नीव कि ईटें बनने का विकल्प चुनते हैं, वो सदियों उन देशों कि जनता द्वारा श्रद्धा से याद किये जाते हैं, भले ही कुछ स्वार्थी कंगूरे उन्हें उनका बनता सम्मान न दे पाएँ, परन्तु उन्हें कभी कोई शिकायत नहीं होती, न जिंदगी से, न देश से, और न ही देश कि जनता से|

उन्होंने अपना बलिदान सिर्फ अपने देश की आज़ादी रूपी इमारत को मजबूत बनाने के लिए दिया है| ऐसे देश प्रेमी जीते हैं देश के लिए और मरते भी हैं देश के लिए|

ऐसे ही देश प्रेमियों को श्रद्धा सुमन भेंट करते हुए मैं आपसे विदा लेती हूँ क्योंकि में लेखनी में इतना दम नहीं कि मैं उन वीरों को उनका उचित सम्मान दे सकूँ|

जय हिन्द!!

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3 Responses

  1. Best Hindi Kahani bahut badhiya

  2. Praveen says:

    आपकी ये कहानीं मुझे बहुत अच्छी लगी। superb

  3. Aman says:

    Very nice story golden thought of life in hindi

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