जब वक़्त बदलता है तो ज़िन्दगी में बहुत कुछ बदल देता है, WAQT Short Story Hindi
WAQT Short Story Hindi
शाम का वक़्त था, एक बूढा इंसान जो देखने में काफी अच्छे घर से लग रहा था, आँखों में आंसू लिए बहुत उदास सा चेहरा लिए सड़क पर कही जा रहा था. तभी वही से एक लम्बी सी गाडी निकली जो कि उस बूढ़े व्यक्ति के हाथ पर ज़रा सी खरोच करती हुई निकली लेकिन आगे जा कर रुक गयी. गाडी रोक कर उसमे बैठे शख्स ने फ़ौरन बाहर आकर उस बूढ़े आदमी के पास जाकर उसका हाल पुछा. उस बूढ़े व्यक्ति ने कहा “बेटा….मैं ठीक हूँ, आप जाईये”
उस कार वाले आदमी को पता चल गया कि ये बूढा व्यक्ति परेशान है इसलिए उसने पूछा:
आदमी: माफ़ कीजिये, आप अगर आगे कही जा रहे हो तो कही छोड़ दू.
बूढा व्यक्ति: नहीं बेटा… मैं खुद चला जाऊंगा.
उस व्यक्ति को पता चल गया कि ये बूढा इंसान काफी परेशान है और इसलिए उसने पुछा
“आप काफी परेशान लग रहे है, क्या मैं आपकी कुछ मदद कर दू.”
उस बूढ़े व्यक्ति ने कहा “बेटा, मैंने एक दिन से खाना नहीं खाया, क्या तुम मुझे खाना खिला सकते हो?”
उस कार वाले व्यक्ति ने अपना नाम मनोज बताया और फिर उसने उस बूढ़े व्यक्ति को अपनी कार में बिठाया और एक रेस्टोरेंट में खाना खिलने ले गया. वहा मनोज ने उस बूढ़े आदमी को पुछा कि वो कहाँ रहते है.
बूढ़े व्यक्ति ने खाना ख़त्म करने के बाद मनोज को बताया “मेरा अपना घर था, बेटा था और बहु थी लेकिन बहु ने मुझ पर झूठा इलज़ाम लगा दिया कि मैं उसे तंग करता हूँ, काम करवाता हूँ जबकि मैंने कभी ऐसा नहीं किया. बहु ने यही बात बेटे को बताई और उसने बिना कुछ पूछे मुझे घर से निकाल दिया.”
मनोज को उस बूढ़े व्यक्ति की आप बीती सुनकर बहुत गुस्सा आया और फिर मनोज ने कहा “आप फ़िक्र मत कीजिये, मैंने पेशे से एक वकील हूँ, मुझे ये बताईये कि वो घर आपके नाम पर है या आपके बेटे के नाम पर?”
बूढ़े व्यक्ति ने कहा “घर तो मेरे पिता जी के नाम पर है”
मनोज ने कहा “तो बस फिर आप देखते जाईये, बहुत जल्द आप अपने घर में होंगे”
अगले ही दिन मनोज कोर्ट का एक नोटिस लेकर उस बूढ़े आदमी के घर पहुँच गया जहाँ उन बुज़ुर्ग व्यक्ति का बेटा था. मनोज ने वो कोर्ट का नोटिस उस बूढ़े आदमी के बेटे को दिया, उस नोटिस में लिखा था “ये घर कृष्ण कांत (बूढा आदमी) के नाम पर है, आपका इस घर पर कोई हक़ नहीं इसलिए जल्द से जल्द इस घर को खाली कीजिये.”
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ये पढ़ कर पति पत्नी के पैरो तले ज़मीन खिसक गयी. उन्होंने सोचा था कि एक अनपढ़ बूढा आदमी क्या कर लेगा लेकिन वक़्त सबको अपनी औकात बताता है.
कोर्ट का नोटिस देखकर दोनों पति पत्नी मनोज के आगे हाथ जोड़ने लगे और उन्होंने कहा “मुझे पिता से मिलना है”
जब उस बूढ़े आदमी का बेटा उससे मिलने आया तो उसने अपने बेटे को पहचानने से इंकार कर दिया लेकिन बहुत माफ़ी मांगने पर उस बूढ़े व्यक्ति ने अपनी बहु बेटे को माफ़ कर दिया. बेटे को अपनी गलती का एहसास हो गया था और फिर दोनों में सुलह हो गयी. दोस्तों, वो कहते है ना वक़्त जब बदलता है तो सब कुछ बदल कर रख देता है. अगर आज आपका वक़्त अच्छा है तो कभी घमंड मत करिये, कल को दुःख भी आ सकता है, सब वक़्त-वक़्त की बात है।
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