अब हमारा कौन? (पशु-पक्षी की वेदना) नाट्य संवाद

मैं अक्सर देखता हूं, जाने – अनजाने में हम पशु – पक्षी से उसका सुनहरा जीवन छीन रहे है। उनकी खुशियां, उनकी स्वतंत्रता छीन रहे है। मैं जिस नजरिए से इस प्रकृति को देख रहा हूं, चलिए एक नाट्य संवाद आपके समक्ष प्रस्तुत करता हूं, जो मेरी कल्पनाएं और देखने के नजरिए पर आधारित है।

Animals and Birds Emotional Story in Hindi

पात्र – Character of Story

कोमल ( कोयल )
मीना ( चिड़िया )
मोहन ( तोता )
राम ( कौआ)
श्याम ( बंदर )
पायल ( गिलहरी )

Heart Touching Story of Birds in Hindi

Heart Touching Story of Birds in Hindi

कोमल और मीना,पीपल के पेड़ के ऊपर बैठे थे। अचानक वहां पे मोहन और राम पहुंचते हैं।

मोहन — कोमल और मीना तुमने सुना क्या?
कोमल और मीना — क्या?
मोहन — मैंने सुना है,पास वाले रमेश कुमार, इस पेड़ को बहुत जल्द काटने वाले है; क्योंकि वो यहां पर इमारत बनाना चाहते है?
मीना — तो क्या अब हमारा घर फिर से छीन जायेगा?
राम — हां, मीना क्या कर सकते है? ये इंसान अपने फायदे के खातिर हम पशु – पक्षी का जीवन छीन रहे है।
कोयल — हां, सही कहा तुमने। पता नहीं क्या होगा अब हमारा? जहां पे भी जाते है, कुछ दिनों में हमे अपना घर बदलना ही पड़ता है।
मोहन और राम — चलो मित्रों, दूसरे घर की तलाश करते हैं।
कोमल और मीना — ( दुःखी होकर ) हां, चलो।

रमेश कुमार, कुछ ही दिनों में एक आदमी को बुलाकर, पेड़ कटवा देता हैं। कोमल और बाकी सब मित्रों ने अब जंगल में अपना घर बना लिया। सब बहुत खुशी से जिंदगी जी रहे थे। यहां उनकी मुलाकात श्याम और पायल से होती है। कुछ ही दिनों में श्याम और पायल के साथ, सबकी गहरी दोस्ती हो गई। सारे दोस्त, साथ में खाना खाते, साथ में समंदर किनारे पानी पीते और खूब सारी बातें करते, मस्ती करते।

एक दिन सारे दोस्त मस्ती से खेल रहे थे, इतने में श्याम वहां पहुंचता है।

श्याम — दोस्तों मैंने अभी – अभी सुना है, तीन आदमी आपस में बाते कर रहे थे कि वह अब इस जंगल के सारे पेड़ो को काटने वाले है और इसकी लकड़ियां सब बेचने वाले है, जिससे इंसान, फर्नीचर और काफी चीजे बनायेंगे।
पायल — श्याम भाई, इन सबको पेड़ काटकर क्या मिलेगा? दुःख तो हमें होगा, हमारा घर संसार सब फिर से छीन लिया जायेगा।
कोमल — हां, बिलकुल सही कहा । यहां हमें खाना मिल जाता है, रहने की जगह मिल जाती है, कितना मस्ती से रहते है, हम सब। पता नहीं हमारी खुशियों को बार-बार किसकी नजर लग जाती है?
राम — इंसान आज अपने फायदे के लिए, हमारी खुशियों को हमसे अलग कर रहा हैं। पेड़ो को काटकर सड़क, इमारत बना रहा है। इंसान ये क्यों नहीं सोचते की जिस पेड़ को वह काट रहा है, वह पेड़ कई पशु – पक्षी का घर है तथा पेड़ इंसान को भी फल देता है, शीतल छाया देता है, उसकी रक्षा करता है। इंसान ये सब भी भूल गया है क्या?
मोहन — इन इंसानों का बस चले, तो ये समंदर को भी सुखाकर उस पर इमारत बना ले। उनको हम पशु – पक्षी के प्रति कोई स्नेह और दया नही है। चलो दोस्तों, हम रहने के लिए कोई ओर जगह ढूंढते है।

Animal Life Story in Hindi

Animal Life Story in Hindi

इंसान अपने फायदे के लिए सड़क, इमारत, फैक्टरी सब बनाते गया और धीरे – धीरे पेड़, पौधे, नदी सब कम हो गए। प्रकृति की ऐसी करुण हालत की वजह से कई लोग बीमार पड़े। शुद्ध हवा न मिलने से कई सारे लोगों को सांस लेने में तकलीफ हुई। खतरनाक बीमारी से इंसानी जीवन टूटने लगा। पशु – पक्षियों की हालत भी बहुत खराब हुई। कुछ पशु – पक्षी भूख और प्यास से बेहाल होकर मर गए। जब पशु – पक्षी इंसान के घरों में जाता, तो इंसान उन्हें भगा देता। बाहर कोई सहारा नहीं था खुले आसमान के सिवा,क्योंकि पेड़ – पौधे सब इंसान अपने फायदे के लिए काट चुके थे।

इसी समस्या को लेकर मोहन और उनके सभी दोस्त, खुले आसमान में देखते है और करुणभरी आवाज से सिर्फ यही कह पाते है, “है ईश्वर, अब हमारा कौन?”

दोस्तों, यह कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हमें पशु – पक्षियों के प्रति आदर रखना चाहिए तथा अति आवश्यक न हो, तो पेड़ – पौधे को नहीं काटना चाहिए; क्योंकि जिस तरह हमारे पास हमारा घर है, उसी तरह पेड़ भी पशु – पक्षियों का घर है, सहारा है। हमें उनसे उनका घर नही छीनना है। दोस्तों, पेड़ – पौधे के बिना ये धरती सुनी है। पेड़ – पौधे धरती की शोभा है, पशु – पक्षी का सहारा है। हमें उनका सम्मान करना चाहिए। हमें नदी को भी नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए;क्योंकि नदी कई पशु – पक्षियों की प्यास बुझाती है, तथा कई सारे जीवो को सहारा देती है।

( सूचना – यह कहानी काल्पनिक है। इस कहानी में दिए गए सारे पात्र,सारी बातें और जगह भी काल्पनिक है। किसी की भी भावनाओं को ठेस पहुंचाना मेरा उद्देश नहीं है। )

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