जुदाई के आंसू ( प्रेम कहानी ) भाग -२ Love Story in Hindi

Hindi Best Love Story

सूरज ने नीलकमल के पड़ोसी को उसके बारे में पूछा। उनसे पता चला की नीलकमल, अपने परिवार के साथ किसी काम से दूसरे राज्य गई है, लेकिन यह पता नहीं चल पाया की कौन से राज्य में गई है?

नीलकमल से जुदा होने के बाद, सूरज टूट सा गया। उसने खाना भी कम कर दिया। कभी मां ने कहा, तो खाना खा लिया, तो कभी नहीं खाया। उसकी मां ने उसको समझाया की, “ सूरज बेटे, अगर तुम्हारे नसीब में वो होगी, तो कही से भी तुझे मिल जायेगी। ऐसे खाना – पीना छोड़ देने से वो वापस थोड़ी आ जायेगी? नहीं आयेगी। अगर तुम्हारा प्रेम सच्चा है और वह भी तुमसे प्रेम करती है, तो वापस लौटकर जरूर आएगी। तुम्हे अपने प्रेम पे भरोसा रखना होगा।” मां की बातों को सुनकर सूरज को थोड़ी हिम्मत जरूर मिली, लेकिन नीलकमल के बिना वह अधूरा हो गया था। उसके जीवन में एक अंधेरा छाया हुआ था। उसको लगता था की नीलकमल एक रोशनी की किरण थी, जिसने उसके जीवन में खुशियों का प्रकाश फैलाया था। अब वही पास नहीं है, तो उसके बिना ये जीवन अधूरा लग रहा था, मानो जीवन में एक अंधेरा छाया हैं!

Love Story in Hindi

Love Story in Hindi

कुछ दिनों से सूरज का पढ़ाई में भी मन नहीं लग रहा था। वह जब भी कोई किताब पढ़ता, उसमे उसको नीलकमल की तस्वीर दिखती। नीलकमल उसके पास तो नहीं थी; लेकिन उसकी स्मृतियां मन के निकट थी। सूरज का क्लास में भी मन नहीं लगता था। एक बार विद्यालय में एक अध्यापक पढ़ा रहे थे। पढ़ाते – पढ़ाते उन्होंने देखा कि सूरज किसी गहरी सोच में डूबा हुआ है। अध्यापक ने सूरज से प्रश्न किया कि सूरज जरा बताओ तो इस प्रश्न का उत्तर क्या है? सूरज स्थिर होकर विचारो में खोया रहा। उसको पता ही नही था की अध्यापक ने उसको प्रश्न किया है। वह नीलकमल की यादों में खोया हुआ था। अध्यापक ने उसके पास जाकर २-३ बार उसको बोला, तब जाकर सूरज ने उनकी बात सुनी। सूरज ने कहा की, “हां गुरुजी, बताइए क्या हुआ?” “आज-कल तुम्हारा ध्यान कहा रहता है?” अध्यापक ने पूछा। सूरज ने अपनी गलती के लिए, उनसे माफी मांगी। अध्यापक ने कहा, “ ये एक दिन नहीं, पिछले कई दिनों से लगातार ऐसा ही हो रहा हैं। मुझे लगता है, तुम्हारी शिकायत तुम्हारे माता-पिता से करनी पड़ेगी।”

सूरज का मन पूरी तरह से टूट चुका था। मां के इतने समझाने के बाद भी वह खाने – पीने में कोई ध्यान नहीं देता था। कभी खाना खाता, कभी नहीं। उसका शरीर भी धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगा और कुछ दिनों में वह बीमार हो गया। फिर भी उसने अपनी मनमानी ही की। खाना न खाने की वजह से उसका शरीर ओर ज्यादा कमजोर होने लगा और एक दिन वह बेहोश हो गया। पड़ोसी की मदद लेकर उसको अस्पताल पहुंचाया गया। सूरज की मां उसकी बहुत चिंता करने लगी और ईश्वर से प्रार्थना करने लगी। सूरज के मुंह से बस एक ही शब्द बार-बार निकल रहा था। वो शब्द था, नीलकमल,नीलकमल…

Best Love Story in Hindi

Best Love Story in Hindi – Hindi Prem Kahani

डॉक्टर ने उसको होश में लाने के लिए इलाज शुरू किया। कुछ देर बाद उसको होश आया। डॉक्टर की सलाह के मुताबिक,मम्मी ने उसको फलों का रस पिलाया, थोड़ा खाना खिलाया और फिर दवाई पिलाई। कुछ दिनों बाद, सूरज की अस्पताल से रिहाई हुई। सूरज जब घर पहुंचा, उसको ठीक देखकर उसके पापा को भी बहुत खुशी हुई। उसके पापा की तबियत भी ठीक नहीं थी, हालत इतनी खराब थी की वो अपने बेटे से मिलने अस्पताल भी नहीं जा सके।

तबियत ठीक होने के बाद, सूरज एक दिन मंदिर गया। मंदिर में जाकर वह ईश्वर से शिकायत करने लगा,“ है ईश्वर, मेरे प्रेम में क्या कमी रह गई थी? नीलकमल मुझे छोड़कर क्यों चली गई? उसके बिना अब मैं कैसे जिंदगी जिऊंगा? आपने मेरे साथ ये कैसा न्याय किया,मुझे इतनी बड़ी सजा क्यों दी? मैं नीलकमल के बिना नहीं रह सकता, भगवान। मुझे मेरी नीलकमल चाहिए।”

भाग ३ बस, कुछ ही दिनों में…

Also, Read More:- 

4 Responses

  1. Dehul (Sanjay) says:

    Super Bhai 😊
    Kya lagta he milegi nilkmal ?

  2. Sahil says:

    Aaashu bhaiya aap achhi story lihate he Maine issake 2 part read Karli ye he ab 3rd part ka entazar kar Raha hu ,
    Maine abhi abhi ek story likhi he
    Kya ap mere story ko review kar sakte ho kya
    story ka name –
    जादुई महाद्वीप

  3. Ammu says:

    You have written a good story and keep moving forward.,,

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

बिना परमिशन कॉपी नहीं कर सकते