मेरी भाभी को भी मुझ जैसा प्यार दे न माँ ! (Best Poem in Hindi)
Best Poem in Hindi
समय के साथ अपने को भी बदल ले न माँ, मेरी भाभी को भी मुझ जैसा प्यार दे न माँ ।
रोना तो छोड़, हँसने के लिए भी कोना ढूंढती हैं वो, घर के हरेक कोने को, हँसी का कोना बना दे न माँ ।
बाज़ार से मुझे न बताकर मेरी मन पसंद की चीज़ें ला देती है तू, कितना अच्छा लग रहा है बोलकर, कुछ उनके हाथ में भी थमा दे न माँ ।
कौन है यहाँ उनका ? बाद में बना एक रिश्ता ही तो है, तेरी ही गोद में लोटपोट होने वाला वातावरण बना दे न माँ।
छोटी मोटी गलतियों को नज़रअंदाज कर दे उनकी, बड़ी गलतियों को भी हँसते हँसते सुधारना सीखा दे न माँ ।
मीठी बातों से थकान मिट जाती है कहती थी तू कभी, यही सोचकर, मुस्कराते हुए दो मीठे बोल, बोल दे न माँ ।
क्यों उठ गई ? तबियत ठीक नहीं है, आराम कर बोलती थी न तू मुझको,
कैसे नहीं समझेगी तेरा मर्म, गर्म पानी देते हुए उसके माथे पर भी एक बार प्यार से सहला दे न माँ ।
वो भी बेटी है किसी की, जो आज बहू है तेरी प्यार से इतनी सी बात स्वीकार ले न माँ,
समय के साथ अपने को भी बदल ले न माँ, मेरी भाभी को भी मुझ जैसा प्यार दे न माँ ।
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जनकपुरधाम, नेपाल
(नेपाली से हिंदीमे अनुवाद: श्रि दिपक बडुवाल)