संयम पर बहुत सुन्दर कहानी – Buddha Inspirational Story in Hindi on Patience

दोस्तों ज़िन्दगी में संयम का बहुत महत्व है और इसीलिए हम आपके लिए लाये है Buddha Inspirational Story in Hindi on patience. ज़ाहिर सी बात है कि जिस की ज़िन्दगी में patience नहीं उसे कभी ख़ुशी नहीं मिल सकती. इसलिए संयम पर इस कहानी को ज़रूर पढ़े और दुसरो के साथ भी शेयर करे.

एक बार की बात है जब गौतम बुद्ध अपने एक शिष्य के साथ भ्रमण पर निकले। गौतम बुद्ध अपने शिष्य को लेकर क्रुरु नगर पहुंचे। लोगों का कहना था कि वहां की रानी बहुत क्रुर थी, इसलिए उस नगरी को क्रुरु नगर के नाम से जाना जाता था। ऐसे में जब वहां की उस क्रुर रानी को ये मालूम हुआ कि गौतम बुद्ध अपने शिष्य के साथ क्रुरु आए हैं, तो रानी ने अपने नौकरों को गौतम बुद्ध के पास भेजा। रानी ने अपने सेवकों को ये भी कहा कि वे लोग गौतम बुद्ध का अनादर करें, ताकि वे क्रुर नगर से वापस चले जाएं। रानी के आदेशानुसार उसके सेवादारों ने भी बिल्कुल ऐसा ही किया। जैसे ही गौतम बुद्ध और उनके शिष्य ने क्रुरु नगर में प्रवेश किया, सेवकों ने उन्हें भला- बुरा कहना शुरू कर दिया। सेवकों ने गौतम बुद्ध को काफी दुत्कारा। यहां तक की उन लोगों ने उनका काफी अपमान भी किया।

रानी के सेवकों द्वारा गौतम बुद्ध का लगातार अपमान किए जाने पर गौतम बुद्ध के शिष्य को काफी गुस्सा आया। गुस्से से लाल शिष्य ने गौतम बुद्ध से बोला कि ‘हमें यहां से फौरन निकल जाना चाहिए। कैसे आप इतना अपमान सुनकर भी चुप हैं। जहां हमारे साथ इतना दुर्व्यवहार हो रहा हो, हमें वहां एक भी क्षण नहीं ठहरना चाहिए। चलिए हम लोग कहीं और चलते हैं जहां आपका आदर और सम्मान हो।‘Buddha Inspirational Story in Hindi on Patience

शिष्य की ये बातें सुन गौतम बुद्ध बोले ‘ऐसा जरुरी नहीं हैं कि बस जहां हमारा आदर हो हमें वहीं जाना चाहिए और जहां अनादर हो वहां से फौरन चले जाना चाहिए। जहां आपके साथ बुरा व्यवहार हो रहा हो, उस स्थान पर तब तक रहना चाहिए, जब तक वहां शांति स्थापित ना हो जाए या फिर आपका अनादर करने वाला हार ना मान ले।‘

भगवान बुद्ध ने इस घटना से अपने शिष्य को ये शिक्षा दी कि ‘जैसे युद्ध में हाथी चारों ओर से तीर से वार को सहते हुए आगे बढ़ता है, वैसे ही हमें भी दुष्ट प्रवृति के लोगों की बातों को सहन करते रहना चाहिए। क्योंकि दुनिया में सफल व्यक्ति वही है जो हर परिस्थिति में खुद को संयम में रखता है। दूसरों के अपशब्दों की वजह से कभी हमें अपना मन खराब नहीं करना चाहिए।‘

कहानी का सार

ऐसे में भगवान गौतम बुद्ध की इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि खुद को संयम में रख कर ही सफलता हासिल की जा सकती है। कामयाबी के नुस्खे हमें खुद से ही सीखने को मिल जाते हैं। साथ ही हमें कभी भी अपने साफ- सूथरे मन में दूसरों के अपशब्दों को नहीं आने देना चाहिए। दूसरे के दुर्व्यवहार की वजह से हम अपना संयम क्यों खोएं और क्यों उनके तरह ही पेश आएं।

हमें यकीन है कि आपको ये Buddha Inspirational Story in Hindi on Patience पसंद आयी होगी. इस इंस्पिरेशनल कहानी को दुसरो के साथ शेयर करना ना भूले।

ये भी पढ़े:

दोस्तों Buddha Inspirational Story in Hindi on Patience आपको कैसी लगी हमें कमेंट के माध्यम से बनाये.

1 Response

  1. SHIVAM TRIPATHI says:

    सच मे बहुत अच्छी कहानी है। इस कहानी में बहुत अच्छी बात कही गयी है कि वहां भी रुकना चाहिए जहां आपका आदर न हो और वहां शांति स्थापित करना चाहिए वरना लोग कहते हैं जहां आदर न हो वहां नही रुकना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

बिना परमिशन कॉपी नहीं कर सकते