बरसात की वो अंधेरी रात (खौफ़नाक कहानी) Khofnak Chudail ki Kahani
Chudail ki Kahani in Hindi
रात के ८ बजे थे। सुरेश ऑफिस में काम कर रहा था। बाहर तूफान के साथ भारी बारिश हो रही थी। सुरेश एक जमीन के प्रोजेक्ट पे काम कर रहा था। काम में व्यस्त होने के कारण, उसको वक्त का पता ही नहीं था। जब उसका काम खत्म हुआ, तब घड़ी में ९ बज चुके थे। बैटरी कम होने के कारण, उसका मोबाइल भी थोड़ी देर में बंद हो गया। जब वो बाहर निकला था, तो उसके होश उड़ गए। काली अंधेरी रात थी। सुनसान रास्ता था और आसपास में कोई नहीं था। तूफान के साथ, तेज़ बारिश गिर रही थी। भारी बारिश की वजह से, बिजली के खंबे से सारी बत्तियां भी बुझ चुकी थी।
सुरेश ने जैसे -तैसे करके अपना स्कूटर निकाला और अपने घर की ओर जाने लगा। कुछ देर बाद अचानक, रास्ते में एक बिल्ली दिखाई दी, इसलिए सुरेश ने स्कूटर को ब्रेक लगाई; लेकिन ब्रेक लगाने के बाद, सुरेश का स्कूटर वही पर ही रुक गया। सुरेश को ऐसी अनुभूति हुई,जैसे मानो उसका स्कूटर किसीने जकड़ लिया हो! सुरेश स्कूटर से उतरा और काफी बार प्रयास किया; लेकिन स्कूटर चालू ही नहीं हो रहा था। तेज़ बारिश की वजह से सुरेश, पूरी तरह से भीग चुका था। ठंड के मारे वह कांप रहा था। अचानक स्कूटर बंद होने से उसकी घबराहट ओर ज्यादा बढ़ गई। वह अपने स्कूटर को साइड में ले गया और डर की वजह से कुछ देर अपनी आंखे बंद कर ली। थोड़ी देर बाद उसको एहसास हुआ की उसकी पीठ पर किसीने हाथ रखा है। सुरेश जोर से चिल्लाया, “कौन है? कौन है? मुझे छोड़ दो।” उसने पीछे मुड़कर देखा तो कोई नहीं था। उसने सोचा कि शायद उसका वहम होगा। वह बहुत डर गया था। अचानक उसने बत्ती बुझने और जलने की आवाज सुनी और पास में देखा, तो उसके स्कूटर की बत्ती जल रही थी और बुझ रही थी। ऐसा कुछ पलों तक चला, फिर बत्ती बुझ गई।
Bhoot Pret ki Kahani
सुरेश को कुछ समझ में नहीं आ रहा था की अब वह क्या करे? वो कुछ हरकत करता उससे पहले ही उसके सामने एक लटकता हुआ सफेद छाता उसको सामने दिखाई पड़ा। सुरेश ने डर के मारे अपनी आंखे बंद कर ली; लेकिन वह अपनी आंखो को ज्यादा देर तक बंद नहीं कर पाया। जब उसने अपनी आंखे खोली, तो उसके पैरो तले जमीन खिसक गई! उसकी नजरों के सामने एक चुड़ैल थी। उसने सफेद साड़ी पहनी थी। वह डरावनी नजरों से सुरेश को देख रही थी। फिर उस चुड़ैल ने छाता जमीन पर फैंक दिया। सुरेश ने देखा कि बारिश की बूंद चुड़ैल की साड़ी पर गिरते ही बूंद लाल रंग की हो गई। धीरे – धीरे पूरी साड़ी लाल रंग में परिवर्तित हो गई। यह दृश्य देखकर सुरेश भयभीत हो उठा और अपना स्कूटर चालू करने लगा। सौभाग्य से उसका स्कूटर चालू हो गया और वह तेज़ी से अपने घर की ओर बढ़ने लगा। कुछ देर बाद, वही चुड़ैल सुरेश के स्कूटर के सामने आ गई। सुरेश, स्कूटर को नियंत्रित नहीं कर पाया और स्कूटर एक पेड़ पे जाके टकराया। पेड़ से टकराते ही तुरंत सुरेश की मौत हो गई। अगले दिन सुबह जब कुछ लोगों ने यह देखा, तो पुलिस को बुलाया और लाश को सुरेश के घरवालों को दे दिया और पुलिस ने जांच पड़ताल करके, यह बताया की सुरेश की मौत, अकस्मात से हुई। वह तेज़ रफ्तार से स्कूटर चला रहा होगा और नियंत्रण न रहने पर, पेड़ से टकराकर उसकी मौत हुई।
Chudail ki Kahani in Hindi
सुरेश की मौत के कुछ दिन बाद, ऐसी ही तेज़ बारिश हुई, जितनी उस रात को हुई थी। सुरेश के दो खास दोस्त थे, रमेश और परेश। वो दोनों सुरेश के साथ ही काम करते थे। रात के ३ बजे थे। रमेश अपने कमरे में सो रहा था। उसको आसमान से बिजली कड़कड़ाने की आवाज सुनाई दी। रमेश ने अपना ध्यान सोने पे केंद्रित किया। अचानक उसको ऐसी अनुभूति हुई जैसे किसीने उसको एक थप्पड़ मारा हो! वह नींद से जाग उठा और आसपास देखने लगा; लेकिन आसपास कोई नहीं था। फिर थोड़ी देर बाद, कमरे की बत्ती जलने और बुझने लगी। यह देख, रमेश बहुत घबरा गया और कंबल ओढ़कर सोने का प्रयास कर रहा था। उसने महसूस किया कि उसका कंबल कोई पीछे से खींच रहा है, वह जोर-जोर से से चिल्लाने लगा, “ मुझे छोड़ दो, मुझे जाने दो।” उसके कुछ देर बाद, सब कुछ शांत रहा। फिर अचानक खिड़की अपने आप खुल गई और उसमे से एक हाथ, बाहर से अंदर आया, जिसकी हथेली पर खून ही खून था। उस हाथ ने कसकर रमेश का गला पकड़ा और उसको मौत के घाट उतारकर, रस्सी की मदद से पंखे के नीचे लटका दिया। अगले दिन सुबह, रमेश का दोस्त परेश जब उसको बुलाने आया तब उसने यह दृश्य देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने जांच पड़ताल करके इसको खुदकुशी का नाम दिया और कहा की, “ रमेश ने तनाव और किसी बात के दबाव में आके आत्महत्या की होगी। हम आगे इसकी ओर भी जांच करने की कोशिश करेंगे।”
Bhoot Pret ki Kahani Hindi
अपने दोनों दोस्तो की मौत के बाद, परेश बहुत ज्यादा तनाव में आ गया। उसको मन ही मन यह लगने लगा कि अब तीसरा नंबर उसका है। उसने ऑफिस जाना भी बंद कर दिया। कुछ दिनों उसने आपको अकेले में रखा। यहां तक की वह अपने परिवार के लोगों से भी ज्यादा बात नहीं करता था। कुछ दिनों बाद उसको लगा कि अब खतरा टल चुका होगा, तब वह अपनी पत्नी के साथ दूसरे शहर घूमने चला गया। कुछ दिनों तक उसने अपनी पत्नी के साथ दूसरे शहर में सैर की। कुछ दिनों घूमकर दोनों वापस अपने घर आ गए। अब परेश के मन में डर का नामोनिशान नहीं था। वह आराम से जीवन व्यतीत करने लगा। दूसरे शहर घूमकर आने के बाद वह रोजाना ऑफिस जाने लगा।
एक दिन ऑफिस में ज्यादा काम की वजह से उसको देर तक रुकना पड़ा। उस रात को भी तूफान के साथ भारी बारिश हो रही थी। परेश अपनी कार में बैठकर, घर के लिए रवाना हुआ। रास्ते में एक बड़े से खड्डे के साथ उसकी गाड़ी टकराई और कार का एक पहिया खड्डे में गिर गया। परेश कार से नीचे उतरा और बहुत प्रयास किया लेकिन पहिया खड्डे से नहीं निकला। परेश कोशिश कर रहा था की एक औरत वहा से गुजरी। उस औरत ने बड़े प्यार से रमेश को कहा, “ सुनिए, क्या में आपकी मदद करू?” रमेश ने कहा, “ नहीं, मुझसे ही नहीं हो रहा है, तो आप से थोड़ी होगा? फिर भी आपको लगता है, तो आप एक बार प्रयास कीजिए।” उस औरत ने, कार को पीछे से सिर्फ थोड़ा सा धक्का मारा और कार का पहिया, खड्डे से निकल गया। परेश ने उस औरत का धन्यवाद किया और उनको पूछा,“ आपको कहा जाना है? इतनी रात को आप अकेले कहा जाओगे? आप मुझे बताइए, मैं आपको जहां जाना है, छोड़ देता हूं।” “जी धन्यवाद आपका। यहां से थोड़ा आगे, एक तालाब वाली गली आती है, वहा मुझे छोड़ दीजिएगा। तालाब के पास में ही मेरा घर है।” औरत ने जवाब दिया।
Scary Story in Hindi
परेश ने उस औरत को अपनी कार में बिठाया और आगे बढ़ा। परेश को थोड़ा डर जरूर लग रहा था; लेकिन उसने गाड़ी चलाने पे ध्यान केंद्रित किया। थोड़ी देर बाद, पीछे से आवाज आई। “ बस, यहां पे रोक दीजिए। मेरा घर पास में ही है।” परेश ने कार रोक दी और उनको उतरने को कहा। अचानक उसने पीछे से डरावनी आवाज़ सुनी, “ परेश, अब तू गया। तेरा अंत अब नजदीक है। मैं तुझे नहीं छोडूंगी।” परेश ने पीछे मुड़कर देखा, तो उसके होश उड़ गए। वो औरत, एक खौफनाक चुड़ैल में परिवर्तित हो गई थी। उस चुड़ैल ने जोर से परेश को धक्का दिया और उसको कार से नीचे गिरा दिया। फिर परेश को घसीटकर तालाब की ओर ले जाने लगी। परेश बहुत चीखा और चिल्लाया; लेकिन चुड़ैल ने उसकी एक नहीं सुनी। परेश ने चुड़ैल से कहा,“ कृपया, मुझे छोड़ दो, मुझे जाने दो। मैंने आपका क्या बिगाड़ा है?”
Bhoot ki Khofnak Kahani
“ परेश तू आज मेरे हाथो से ही मरेगा। तुम्हारे दोनो दोस्तों को तो में मौत के घाट उतार चुकी हूं, अब तुम्हारी बारी है। याद करो, बरसात की वो अंधेरी रात, जिस रात को तुम लोगों ने मेरी हत्या करके, मुझे तालाब में फैंक दिया था। जिस जमीन ने मुझे और मेरे मां-बाप को रोजी – रोटी दिलाई थी; वह जमीन तुम तीनों हड़पना चाहते थे और उस जमीन पे शराब की फैक्ट्री लगाना चाहते थे। जब मैंने और मेरे पिताजी ने, हस्ताक्षर करने से मना कर दिया, तो तुम पापी दरिंदो ने मेरी और मेरे पिता की हत्या कर दी और दोनों को तालाब में फैंक दिया। हमारी मौत का कारण लोगों को यह बताया की हम पानी में डूबकर मर गए है। मैं उस जमीन पे कभी भी शराब की फैक्ट्री नहीं चलने दूंगी तथा मैं वापस मेरे और मेरे पिताजी का बदला लेने के लिए आई हूं। आज तुझे भगवान भी मुझसे बचा नहीं पाएगा।” कहकर चुड़ैल ने जोर से धक्का दिया और परेश को तालाब में गिरा दिया और पानी में डूबकर उसकी तुरंत मौत हो गई। फिर चुड़ैल अदृश्य हो गई। दूसरे दिन किसीने परेश की लाश को पानी में बहते हुए देखा, तो तुरंत पुलिस को संपर्क किया। पुलिस ने जांच करके, उसकी लाश उसके परिवार को दे दी तथा मौत का कारण यह बताया की उसकी मौत पानी में डूबकर हुई।
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दोस्तो, मेरा नाम आशीष पटेल है। प्यार से मुझे लोग ‘आशु’ कहकर बुलाते है। मैं गुजरात राज्य के वडोदरा शहर में से, एक छोटे से गांव ‘विश्रामपुरा’ से हूं। मुझे कहानी लिखना सबसे प्रिय लगता है एवं में इसी लक्ष्य की तरफ अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहता हूं। उम्मीद है, की यह कहानी आपको पसंद आयेगी। अगर आपको यह कहानी पसंद आए, तो अपने दोस्तो के साथ जरूर साझा कीजिएगा। Contact
बहुत ही सुन्दर रचना ।
Sir i am saurabh
Story bohot aachi thi or bhi maza aata aagar aap isse apne voice mai dalte to
Brilliant story sir.
Sir i am saurabh
Story bohot aachi thi or bhi maza aata aagar aap isse apne voice mai dalte to
Brilliant story sir. M