डरावना रास्ता (Chapter 3) New Horror Story in Hindi
( सूचना – दोस्तो, अगर अपने Chapter 1 & 2 नही पढ़ा है, तो इस link के जरिए पढ़ सकते हो या फिर इस ब्लॉग पे देख सकते हो पहले का भाग )
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फिर वो भूत अपने साथ, १० आदमी को भी हवेली में घसिटकर ले गया। फिर एक के बाद एक सभी के खून से अपने हाथ लाल कर दिए।
दूसरे दिन जब गांव के लोगों को यह बात पता चली, तो सब स्तब्ध रह गए। लोग इतने भयभीत हो गए, की कुछ लोगों ने तो हवेली के रास्ते से दिन में भी जाना बंद कर दिया। गांव में किसीको भी समझ नहीं आ रहा था की अब क्या करे? लेकिन गांव में एक सबसे बुजुर्ग रफीक चाचा रहते थे। रफीक चाचा की उम्र ९० साल की हो चुकी थी। उनको गांव के सारे रहस्यों के बारे में पता था। गांव के कुछ युवक तथा मुखिया ने रफीक चाचा से, इस बात का पता लगाने के लिए, उनके घर पहुंचे।
Real Ghost Stories in Hindi
रफीक चाचा ने उन युवकों तथा मुखिया की सारी बातें सुनकर उनको कहा,“ मुझे इसका उपाय तो नहीं पता है, लेकिन मैं आपको इसके पीछे की कहानी बता सकता हूं। सुनो, आज से बहुत सालो पहले, डरावने रास्ते पे स्थित हवेली में, एक सुखी संपन्न परिवार रहता था। परिवार में दो बच्चे थे, उनके मम्मी – पापा और उनके दादा – दादी रहते थे। बच्चे सुबह में स्कूल के लिए जाते और उनके पापा सरकारी दफ्तर में काम करते थे,उनकी मम्मी स्कूल में शिक्षिका थी। बच्चों के दादा – दादी घर पे रहकर, बच्चों की देखभाल करते थे। सब बिल्कुल सही चल रहा था, लेकिन अचानक बच्चों के पिता की संगत कुछ ऐसे दोस्तों से हुई, जिन्होंने उनके पिता को शराब, जुआ जैसी बुरी आदतों का शिकार बना दिया। फिर वो रोज शराब पीके आता और अपनी पत्नी, बच्चों और अपने मां – बाप से झगड़ा करता, उनको मारता – पीटता, उनके साथ अभद्र व्यवहार करता। जुए की लत में एक बार वो २० लाख रुपए हार गया। फिर उन्होंने अपने कुछ दोस्तों से कुछ पैसे उधार लेकर फिर जुआ खेला और फिर से हार गया। जुए में हारने की वजह से वो भारी कर्ज में डूब गया। जिनसे उन्होंने पैसे लिए थे, वो लोग रोज आते थे, पैसे मांगने के लिए। कुछ दिनों बाद, उनकी पत्नी, मम्मी – पापा सब पूरी तरह से हिम्मत हार गए और सबने खुदकुशी कर ली। पहले बच्चों को मार दिया और फिर खुद भी आत्महत्या कर ली। यह दृश्य देख, बच्चो के पिता ने भी खुदकुशी कर ली। तब से वो वहा पे प्रेत आत्मा बन गए। वो बच्चे और उनके पिताजी, दादा – दादी भुत बन गए और बच्चो की मां चुड़ैल बन गई।
Darawna Story in Hindi
तब से हवेली की तरफ कोई भी रात को जाता है, तो वापस नहीं आता। वहा पे भूतो का काला साया मंडरा रहा है। रात होते ही हवेली के अंदर से डरवानी आवाजे आने लगती है, आसपास में कुत्तों तथा बिल्लियों की रोने की आवाजे आने लगती है। किसी के जोर – जोर से हंसने की आवाजे भी रात को सुनाई देती है। कहते है की, वह बुरी शक्तियां रात को, जिनको भी अपना शिकार बनाती है, उनको अपने खून से रंगती है और वो कभी जिंदा वापस नहीं आता। ”
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यह कहानी सुनकर, गांव के लोग ओर भी ज्यादा डरने लगे। हवेली का डर, अब उनकी चिंता बन गया था। सारे लोग भयभीत थे, किसीको कुछ समझ में नहीं आ रहा था की अब क्या करे? इसी गांव में एक बार, एक नवयुवक आया, जिसका नाम था, अखिलेश। अखिलेश हनुमानजी का भक्त था। उसको अपनी भक्ति पे पूरा विश्वास था। उसने कहा की वह इस गांव को इस भूतप्रेत से मुक्त कराएगा।
Real Horror Story in Hindi
दूसरे दिन, अखिलेश अकेला हनुमान चालीसा का जाप करते हुए, हनुमानजी की मूर्ति को अपनी गोद में लेकर, रात को हवेली पे जा पहुंचा। बिना डरे वह भगवान का नाम लेके आगे बढ़ा। भूतों को ऐसा लग रहा था, जैसे की मानो उनका एक ओर शिकार मरने के लिए आ रहा है, लेकिन जैसे ही भूतों और चुड़ैल का स्पर्श दैवी शक्ति से हुआ,तुरंत सारे भूतप्रेत जलकर खाक हो गए। भूतों का खात्मा होने के बाद, अखिलेश ने हनुमानजी का जय जयकार किया। सारे गांव के लोगों ने जान लिया की अखिलेश की विजय हुई। सबने शंखनाद से पूरे गांव को जगाया और उस दिन पूरे गांव में उत्सव मनाया गया। गांव के कुछ लोगों ने अखिलेश को अपनी पीठ पे उठाया और नाचते -गाते हुए, उनका धन्यवाद किया, जय जयकार किया। अखिलेश ने सारे गांव को कहा, “ यह जो कुछ भी हुआ है, वह हनुमानजी की वजह से हुआ है। भूत पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे। यह चमत्कार हनुमानजी की दैवी शक्ति का है, आपको धन्यवाद कहना हो, तो उनको कहो और उनकी आराधना करो। मेरा वादा है आपसे, हनुमानजी की कृपा दृष्टि से कभी भी इस गांव पे कोई काला साया निवास नहीं करेगा। अगर आप किसी दूसरे भगवान को मानते हो, तो उन पर भी आप पूरी श्रद्धा रखोगे, तो भी आपको, कोई भी बुरी शक्ति हानि नहीं पहुंचाएगी। ”
(सूचना – यह कहानी काल्पनिक है और इस कहानी का किसी भी जीवंत पात्र,जगह से कोई भी संबंध नहीं है। किसी के भी धर्म, जाति, भावनाओ को ठेस पहुंचाने का, इस कहानी का उद्देश्य नही है।)
समाप्त।
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दोस्तो, मेरा नाम आशीष पटेल है। प्यार से मुझे लोग ‘आशु’ कहकर बुलाते है। मैं गुजरात राज्य के वडोदरा शहर में से, एक छोटे से गांव ‘विश्रामपुरा’ से हूं। मुझे कहानी लिखना सबसे प्रिय लगता है एवं में इसी लक्ष्य की तरफ अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहता हूं। उम्मीद है, की यह कहानी आपको पसंद आयेगी। अगर आपको यह कहानी पसंद आए, तो अपने दोस्तो के साथ जरूर साझा कीजिएगा। Contact
Kafl daravnaa lagta he dekh ke to
Nice story
Bahut acchi story thi suspense bhi bhaut tha
Daravni bahut thi lekin Bahut enjoy kiya
Nice story
Nice Story 👍😊🙏💙