उसे अभी तक नहीं भूल पाई “रियल लव स्टोरी” Love Story in Hindi Heart Touching

Love Story in Hindi Heart Touching

मेरा नाम किरण हैं और मैं पंजाब के एक छोटे से गांव से बिलांग करती हूँ। मैंने कुछ समय पहले ही +2 ख़त्म किया था। हमारे गांव में हर साल आर्मी वाले ट्रेनिंग के लिए आया करते थे और कुछ समय ठहरते थे। जिसे देख कर मुझे और मेरे परिवार को बहुत खुशी होती थी। हमारा परिवार शुरू से ही उनकी मदद करता था। इस बार आर्मी वाले ही में से एक लड़का मेरे छोटे भाई का दोस्त बन गया। वह लड़का दिखने में भी बहुत स्मार्ट और अपने नेचर से भी बहुत ही अच्छा था। और सबसे बड़ी बात तो यह है कि वह अपने दिल से भी बहुत ही अच्छा था। धीरे-धीरे उसकी और मेरे भाई की दोस्ती बढ़ने लगी। मेरा भाई भी घर में सभी को उसके बारे में बातें बताता रहता और साथ ही वह लड़का भी हमारे घर के बारे में मेरे भाई से पूछा करता। मुझे लगता था कि उसे हमारे बारे में जानने की ऐसी क्या इच्छा थी?

हमारे गांव में सभी लड़कियां शाम को घूमने जाया करती थी। लेकिन हम नहीं जाते थे क्योंकि हमें घर से अलाउड नहीं था। तो एक बार उस आर्मी वाले ने उन लड़कियों को देखकर मेरे भाई से पूछा कि क्या यही तुम्हारे सिस्टर है? तो मेरे भाई ने जवाब दिया कि “नहीं ये मेरी बहन नहीं हैं।” तो आर्मी वाले ने कहा कि ठीक है मैं कभी तुम्हारे घर आऊंगा। तो मेरे भाई ने भी कह दिया कि हां तुम्हें किसी चीज की जरूरत हो तो तुम हमारे घर आ सकते हो। अगले दिन मेरा छोटा भाई स्कूल चला गया।

उस दिन घर में मैं और मेरी बड़ी बहन थी। तभी दरवाज़ा खटखटाने की आवाज आई। मैंने जाकर दरवाजा खोला तो, वहां पर वही आर्मी वाला लड़का था। उसने मुझे देखकर स्माइल दिया और उसने मेरे भाई के बारे में पूछा कि “वह घर पर है क्या?” मैंने उसे जवाब दिया कि “नहीं मेरा भाई स्कूल गया हुआ है।” उसने मुझे बताया कि मैं हूं सिंगा, मैं तुम्हारे भाई का दोस्त हूं। साथ ही उसने यह भी बताया कि वह असम का रहने वाला है। फिर मैंने पूछा आपको “क्या काम है?” तो उसने जवाब दिया कि उसे अपना फोन चार्ज करना है। मैंने उसका फोन चार्ज पर लगा दिया, और कहा कि थोड़ी देर बाद आ करके ले जाइएगा। इसके बाद वह चला गया। उसके बाद धीरे-धीरे इसी तरह वह हमारे घर रोज-रोज आने लगा। और मेरी फैमिली के लोग कि उसे धीरे-धीरे पसंद करने लगे।

एक दिन मेरा उससे झगड़ा हो गया। मैंने कहा कि आप हमेशा तब क्यों आते हैं जब घर पर कोई नहीं होता, यह सुनकर वह चला गया। इस बात के बाद उसने मेरी कंप्लेन मेरी मॉम से की। और कहा कि इस लड़की ने मुझे यह बात कहा है, और मैं कोई गलत लड़का नहीं हूं। साथ ही वह मेरी मां को मम्मी कहा करता था। मेरी मम्मी ने यह बात हंसकर टाल दी ,क्योंकि उसे हिंदी समझ में नहीं आती थी। वह जो भी बातें कहता मैं उसे मम्मी को पंजाबी में ट्रांसलेट करके बताया करती थी।

एक दिन बातों-बातों में उसने मेरी मम्मी से कहा कि मैं आपकी लड़की को पसंद करता हूं। फिर मेरी मां ने पूछा कि तुम किस लड़के को पसंद करते हो, क्योंकि मुझसे बड़ी एक बहन भी थी। उसने मेरी तरफ इशारा किया। यह बात मुझे बहुत अजीब लगा। लेकिन उसने अपनी बात जारी रखी उसने कहा कि मैं शादी करना चाहता हूं। अगर आप हां कर दे तो अगली छुट्टी में, मैं अपनी फैमिली को भी साथ में लेकर आऊंगा। मुझे कुछ नहीं चाहिए मुझे बस आपकी लड़की चाहिए। मेरे मां ने उसे जवाब दिया, कि मेरी बेटी अभी शादी की उम्र की नहीं है। उस समय मेरी उम्र केवल 16 साल थी। साथ ही मम्मी ने यह भी कहा कि इससे पहले बड़ी वाली की शादी होगी उसके बाद इसकी शादी होगी। लेकिन उसने कहा कि नहीं मुझे आपकी यही बेटी पसंद है।

इन सब बातों के बाद वह मुझ से पूछता है, कि क्या तुम मुझसे शादी करोगी?, तो मैंने जवाब दिया कि “नहीं” क्योंकि मैं उस समय इन चीजों के लिए तैयार नहीं थी और मुझे उससे कोई प्यार नहीं था। मैंने उसे बताया, मुझे अपने सपने पूरे करने हैं। मैं आगे चलकर न्यूज़ रीडर बनना चाहती हूं। हालांकि वह सपना मेरा अभी तक पूरा नहीं हुआ। वह खुद बहुत पढ़ा लिखा था तो उसने जवाब दिया कि किरण आपके सारे सपने को मैं पूरा करूंगा। फिर भी मैंने उसे जवाब दिया कि मैं आपसे शादी नहीं करना चाहती। मैंने कभी आपके बारे में ऐसा नहीं सोचा है लेकिन फिर भी वह नहीं माना। इसके बाद उसने कहा कि तुम एक बार कूल माइंड से सोच लो और वह चला गया। उसके जाने के बाद मेरे दिल में बहुत ही टेनसन बढ़ गई।

मेरे दिल में यह डर बैठ गया था, कि कहीं मेरे परिवार वाले सच में उससे मेरी शादी ना करवा दें। क्योंकि वह दिखने में भी बहुत अच्छा था और रिच फैमिली से बिलॉन्ग करता था। अब कुछ दिन बीत गए। मेरी मां ने मेरे पिताजी को उसके बारे में बताया। मेरे पापा और उसने कभी एक दूसरे से बात नहीं की थी। क्योंकि मैं एक सिक्ख परिवार से बिलॉन्ग करती थी। मेरे पिताजी एक सरदार थे, और उसका मानना था कि सरदारों की बहुत इज्जत होती है। सच कहूं, तो उस समय मेरे परिवार की हालत बहुत अच्छी नहीं थी। उसने यहां तक कह दिया था कि वह मेरे परिवार के लिये नया घर बनवा कर देगा, लेकिन मेरी फैमिली ऐसा कुछ नहीं चाहती थी।

मेरे घर आता था और मुझसे बहुत सारी बातें किया करता था। और वह हर बार मुझे मनाने की कोशिश करता था। एक दिन मेरी मां ने उससे कहा कि हमारे घर में हमारी बड़ी बेटी है, आपको अगर शादी करनी है, तो उससे शादी करनी होगी क्यूंकि उसकी शादी पहले होगी। फिर मैंने भी उसे समझाया, कि तुम मेरी बड़ी दीदी से शादी कर लो। लेकिन उसने कहा नहीं, मुझे तुम्हारे जैसी पढ़ी-लिखी लड़की चाहिए। और मैं तुम्हे चाहता हूँ।

मेरे मां और मेरे भाई ने भी उसे बहुत समझाया, लेकिन वह नहीं माना और वह अपनी ट्रेनिंग कैंप में चला गया। क्योंकि रात बहुत हो चुकी थी। उस समय हमारे पास फोन नहीं था, क्योंकि हम सब छोटे थे, और सच कहूं तो हमें फोन का कोई क्रेज नहीं था। एक फोन था जो हमारे पापा के पास बस हुआ करता था। मेरे भाई ने उसे हमारे पापा का नंबर दे रखा था। इसलिए वह बार-बार फोन नहीं कर सकता था, क्योंकि वह मेरे पापा से डरता था। मेरे फैमिली वालो ने भाई को मना कर दिया था, कि उसे लैंडलाइन नंबर नहीं देंगे। लेकिन वह बहुत स्मार्ट था, उसने कहीं से लैंडलाइन फ़ोन देख लिया था। एक दिन उसने मेरे भाई से कहा कि तुम्हारे पापा का फोन नहीं लगता, तो उसको मेरे भाई ने लैंडलाइन नंबर दे दिया। अब वह रोज-रोज लगातार मेरे घर में कॉल करने लगा।

एक दिन मेरी मां ने उसका फोन उठा लिया तो उसने मेरी मां से ज्यादा कुछ बात नहीं की फिर मैंने उसे कॉल करके बहुत डांटा। उसके बाद उसने फोन रख दिया। एक बात कहूं मेरी बड़ी बहन उसे मन ही मन बहुत पसंद करने लगी थी। आर्मी वाले ने भी मुझे चिढ़ाने के लिए बार-बार मेरी बहन से बात किया करता था। लेकिन मुझे कोई फर्क नहीं पड़ा क्योंकि मैं उससे ना लाइक करती थी ना ही उसके चिढ़ाने पर चढ़ती थी। मैं तो खुश थी।

फिर एक दिन उसने मेरी मॉम को मेरी बड़ी बहन के लिए हां कह दिया और यह सुनकर मेरे सभी परिवार वाले बहुत खुश हुए। वह सभी बच्चों को घुमाने ले जाया करता था सभी को खाना खिलाता-पिलाता था। गरीबों को राशन पानी देता था और वह दिल का बहुत साफ था यह सब चीजें मुझे उस में बहुत अच्छी लगती थी। एक दिन हमारे घर से 4 किलोमीटर दूर एक मार्केट थी वहां पर वह मेरे भाई के साथ जाकर खूब सारी शॉपिंग की। वहां मेरे दीदी के लिए एक पंजाबी सूट भी खरीदा जो कि दिखने में बहुत ही खूबसूरत था। फिर उसने वह सूट घर आकर मेरी दीदी को गिफ्ट में दिया हम सब बहुत खुश थे कि हमारे दीदी को एक बहुत ही अच्छा लड़का मिल गया। क्योंकि मेरी दीदी ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं थी।

सब ठीक चल रहा था लेकिन अचानक ही मेरे पापा इस रिश्ते को एक्सेप्ट नहीं करने लगे और उनका लिया गया डिसीजन ही हमारे घर में आखरी डिसीजन होता था। इसके बाद मुझे बहुत गुस्सा आया क्योंकि उन्होंने मेरी दीदी को बहुत सारे सपने दिखाए थे और अब वह इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं थे। अब शाम को आर्मी वाले लड़का हमारे घर आया और उसने पूछा क्या हुआ। मैंने जवाब दिया कि पापा ने रिश्ते के लिए मना कर दिया।

फिर मेरी मां ने कहा कि बेटा असम बहुत दूर है। तो इसमें उसने जवाब दिया कोई बात नहीं मैं पंजाब में ही घर बना लूंगा, इसमें कौन सी बड़ी बात है। लेकिन हम लोग में से कोई इस बारे में कुछ नहीं कर सकता था क्योंकि आज तक पापा ने मां की बात कभी नहीं सुनी थी। अब आर्मी वालों की ट्रेनिंग खत्म होने वाली थी वहां से जाने वाला था। उस वक्त मैंने अपने दीदी को यह कहा कि तुम अपना स्टैंड लो उस समय मेरी समझ इतनी ही थी। लेकिन मेरी बहन पापा के सामने यह नहीं कह पायी कि मुझे उससे शादी करना है।

अगर वह उस समय अपना स्टैंड देती तो मैं जरूर उसका साथ देती। अपने घर जाने से एक शाम पहले आर्मी वाला हमारे घर आया उसने हमारे साथ बहुत समय बिताया। बहुत बातें कि उसने यह भी कहा कि मैं तुम लोगों को कभी नहीं भूल पाऊंगा। मैं तुम लोगों को बहुत मिस भी करूंगा। उसने मुझे बार-बार यही कहा कि फोन कभी तो उठा लिया करो। मुझे भूल मत जाना। मैंने उसे जवाब में कहा आप यहां की टेंशन मत लीजिए हम लोग आपको बहुत मिस करेंगे। उसने हंसकर कहा सिर्फ मिस कॉल कर देना मैं तुम्हें कॉल जरूर करूंगा। उसने कहा मेरी गाड़ी इधर ही से होकर जाएगी तुम लोग दरवाजे पर खड़ा रहना, मैं तुम लोगों को देख कर जाऊंगा।

अगले दिन मेरी मां ने हम लोगों को कहा कि, तुम लोग सभी सोए पड़े हो सिंगा अभी तक चला भी गया होगा। फिर मैं जल्दी से झटपट उठी और बाहर निकला तो देखा कि बहुत सारी आर्मी की गाड़ियां जा रही थी। अब हमें यह तो नहीं पता था कि सिंगा की गाड़ी कौन हैं। लेकिन मुझे यह जरुर पता है कि वह जरूर हमारे घर की तरफ देखते हुए गया होगा। क्योंकि मेरे परिवार ने भी उससे कभी भेदभाव नहीं किया था। उसे अपने घर में खाना खिलाते। कभी दूसरों की तरह उसे महसूस नहीं होने दिया। मां ने कहा कि आज सिंगा का फोन नहीं आया मैंने उसे हंसते हुए कहा कि अब जाने के बाद वो थोड़ी ना हमें कॉल करेगा। क्योंकि अब नयी जगह जा चुका होगा।

अगली बार वह कहां जा रहा था, ना उसने हमें बताया और ना ही हमने उससे पूछा था। रात को उसका कॉल आया हमारे परिवार के सभी लोगों ने बारी-बारी करके उससे बात की। उसने मां से कहा कि किरण को फोन दीजिएगा। मैंने उसे मना कर दिया क्योंकि मैं मेरी दीदी और उसके बीच नहीं आना चाहती थी। मेरे मां ने कहा बिचारे इतनी दूर से कॉल किया है बात तो कर ले। फिर जैसे ही मैंने फोन लिया वह बहुत खुश हुआ। वह मुझे बहुत सारी बातें बताने लगा। उसने बताया कि यहां मेरा दिल बिलकुल नहीं लग रहा। मैं तुम्हें बहुत मिस कर रहा हूं। फिर उसने मुझे आई लव यू कहा।

मैंने तो जवाब में कहा कि तुम्हारा दिमाग तो खराब नहीं? तुम्हारा मेरी दीदी के साथ अफेयर है। वह क्या है? तो उसने कहा कि अगर तुम्हारी दीदी की शादी हो जाएगी तो मैं तुमसे ही शादी करूंगा क्योंकि मैं तुम्हें लाइक करता हूं। मैंने गुस्से में फोन काट दिया और अपनी मां को सारी बात बताई लेकिन मेरी मां कहीं ना कहीं यह बात जानती थी। कि वह मुझे लाइक करता है। इसके बाद हमेशा उसके ऐसे ही फोन आने लगा। फिर हमारा लैंडलाइन भी खराब हो गया और हमारे पापा ने हमें उससे बात करने से मना कर दिया। हमारे पापा ने हमारा सिम चेंज कर दिया और साथी एक पेपर जिसमें उसका नंबर लिखा था वह गलती से रद्दी में चला गया।

अब इस बात को भी 7 साल हो गए हैं लेकिन मेरी फैमिली ने उसे कभी नहीं भूला। जाने के बाद भी कई आर्मी वाले लोग आए और वह अभी भी मेरे दोस्त हैं, लेकिन उस जैसा कोई नहीं है। अब मैं उससे बहुत प्यार करती हूं और सोचती हूं कि अगर मैं उस समय सही डिसीजन लेती तो मैं उसे जरूर हां कर देती। उसके जाने के बाद आज तक मेरी बहन ने भी शादी नहीं की। वह भी अपना दिल उसे ही दे बैठी है। उसने कभी उसका नाम या फिक्र नहीं किया।

अब मेरे पापा का कहना है कि अगर तुम्हारी बड़ी बहन शादी नहीं कर रही तो क्यों ना तुम्हारे ही शादी करवा दूं। पर पता नहीं जब भी मैं शादी के बारे में सुनती हूं मुझे बहुत गुस्सा आ जाता है। और मैं अकेले में जाकर रोती हूं। जब मैं यह कहानी अपने दोस्तों के साथ शेयर करती हूं तब कई दोस्त कहते हैं कि हम आपका हाथ थामने को तैयार हैं। हम आपसे शादी करेंगे, वह भी आर्मी वाले हैं। लेकिन मेरा दिल नहीं मानता। मुझे तो यह भी नहीं पता कि वह कहां है? और हमारी कहानी अधूरी है।

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यह Love Story in Hindi Heart Touching कहानी काल्पनिक नहीं हैं। यह कहानी को पंजाब की रहने वाली किरण जी ने शेयर की हैं। यह उन्ही की लव स्टोरी हैं। अगर आपके पास भी कोई कहानी हो और उसे शेयर करना चाहते हैं तो आप हमें सेंड कर सकते है। हम उसे जल्द ही पब्लिश करेंगे, धन्यवाद।

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