ताज महल की कहानी Taj Mahal Short Story in Hindi
दोस्तों आप सब ताज महल के बारे में तो बहुत अच्छी तरह से जानते होंगे। Taj Mahal को विश्व के सात अजूबों में से एक माना जाता है। ताजमहल को मुगल राजा शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज बेगम की याद में बनाया था, लेकिन क्या आप जानते हैं इसके पीछे की पूरी कहानी, तो चलिए जानते हैं।
यह कहानी है अकबर के पोते और जहांगीर के बेटे खुर्रम के बारे में जिसे जनता के द्वारा शाहजहां उपनाम दिया गया। जिनका जन्म 1592 में हुआ।
Shah Jahan and Mumtaz Mahal Love Story
एक बार की बात है जब शाहजहां मीना बाजार में गए थे। वे उस बाजार में टहल ही रहे थे तभी उनकी नजर अर्जुम्मन बेगम पर पड़ी। जो कि एक बहुत खूबसूरत राजकुमारी थी। Shah Jahan को उन्हें देखते ही पहली नजर का प्यार हो गया था। उस समय अंजुमन बेगम केवल 14 साल की थी, और एक मुस्लिम फारसी राजकुमारी थी।
फिर वहां से लौटते वक्त ही शाहजहां ने अपने पिता को बताया कि वह अर्जुम्मन बानो बेगम से शादी करना चाहते हैं। उस वक्त से महज 5 साल बाद दोनों की शादी हो गई। इसके कुछ दिनों बाद ही शाहजहां राजा बन गए और उन्होंने शाही मोहर अर्जुम्मन बानो बेगम को सौंपा।
इसके बाद ही Shah Jahan ने अर्जुम्मन बानो बेगम को “मुमताज महल” का उपनाम दिया। जिसका अर्थ होता है “महल का रत्न “। हालांकि शाहजहां की और कई पत्नियां थी, लेकिन मुमताज उन सब में उनकी पसंदीदा थी। साथ ही मुमताज सैन्य अभियानों में भी शाहजहां की मदद करती।
1631 में जब मुमताज अपने 14 बच्चे को जन्म दे रही थी तो कई प्रकार की जटिलताओं के कारण उनकी मृत्यु हो गई। मुमताज की मृत्यु के समय शाहजहां ने उन्हें वचन दिया कि वह पुनर्विवाह नहीं करेंगे और साथ ही दुनिया के सबसे शानदार और अमीर मकबरे का निर्माण करेंगे।
कहा जाता है शाहजहां मुमताज की मृत्यु के बाद इतने हताश हो गए थे, कि उन्होंने अपने राज्य में 2 साल का शोक लागू किया। और मुमताज की मृत्यु के कुछ दिनों बाद ही अपनी बीवी के याद में उन्होंने ताजमहल का निर्माण करवाया।
Tajmahal को बनाने में 22 साल लग गए और करीब 22000 मजदूरों ने इसे बनाने में मदद किया। यहीं पर मुमताज बेगम के कब्र दफन है। 1667 में जब शाहजहां की मृत्यु हुई तो उनका आदेश था कि उन्हें मुमताज बेगम की कब्र के बगल में दफनाया जाए। उनके कब्र को मुमताज बेगम के बगल में एक मकबरे में रखा गया था।
ताजमहल Shah Jahan और Mumtaz Mahal के सच्चे प्रेम की निशानी है। इसकी प्रसिद्ध नक्काशी और सुंदरता लोगों को मंत्रमुग्ध करती है। यह दुनिया के 7 अजूबो में शामिल हैं।
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