चार बहनो का इतलौता भाई जब शहीद हुआ – Indian Army Kahani Emotional

Indian Army Kahani Emotional in Hindi

मुझे हमेशा से गर्व था और रहेगा अपने देश के जवानो पर जो दिन रात सरहदों की रक्षा करते है बिना अपने परिवार के बारे में सोचे.

18 नवंबर 2018 का दिन था जब कमांडो ज्योति प्रकाश निराला जम्मू कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ कर रहे थे. चारो तरफ गोलियां चल रही थी और अपनी जान की परवाह किये बिना ज्योति प्रकाश खुद अकेले ही आतंकियों के झुण्ड में गए और लश्कर-इ-तोइबा के सरदार को वही ढेर कर दिया लेकिन इस दौरान उन्हें कई गोलियां लग गयी और वे शहीद हो गए. उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था.

लेकिन एक माँ के लिए उसका बेटा और एक बहन के लिए उसके भाई से ज़्यादा प्यारा कुछ नहीं होता.

शहीद ज्योति प्रकाश निराला अपने परिवार में अकेले बेटे थे, उनकी 4 बहने थी. आपको बता दे कि इनका परिवार काफी गरीब था और शहीद निराला ही एकमात्र कमाते थे और उनकी शहादत के बाद तो जैसे परिवार पर दुखों के बादल छा गए.

कुछ ही दिनों में शहीद ज्योति प्रकाश की एक बहन की शादी थी लेकिन दुविधा ये थी कि शादी का खर्च कैसे पूरा होगा. वो कहते है ना जब सभी दरवाज़े बंद हो जाते है तो भगवान कोई ना कोई रास्ता निकाल ही देता है.

और हुआ भी कुछ ऐसा ही. शहीद ज्योति प्रकाश की शादी के लिए इनके ही रेजिमेंट के सभी गरुड़ कमांडो ने 500-500 रुपये इकट्ठे किये और वो कुल राशि थी 5 लाख रुपये. ये सब इन कमांडोज़ ने अपने साथी ज्योति प्रकाश को श्रद्धांजलि देने के लिए किया।

Indian Army Emotional Story in Hindi

Garud commandos in the wedding ceremony of Martyr Jyoti Prakash Nirala's Sister

हालांकि सरकार ऐसे वीर सैनिको के परिवार के लिए काफी कुछ करती है लेकिन आम जान की भी ये ज़िम्मेदारी बनती है कि वे कम से कम साल में अपनी आय का कुछ ना कुछ हिस्सा शहीद परिवार वालो को ज़रूर भेजे.

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अगर को भी व्यक्ति कुछ राशि सैनिको के नाम भेजना चाहता है तो वो https://bharatkeveer.gov.in/ वेबसाइट पर जा कर भेज सकता है. ये सरकार द्वारा संचालित वेबसाइट है जिसकी मदद से दान की हुई राशि शहीद परिवारों को भेजी जाती है. जय हिन्द जय भारत

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