पीरियड्स के वो 3 सबसे गंदे दिन – My First Period Story in Hindi

My First Period Story in Hindi Submitted by Shobha Minal

मेरा नाम शोभा मीनल है और मैं आपको My First Period Story in Hindi बताने जा रही हू. आपको बता दू कि मेरे पहले पीरियड्स के वो 3 दिन थे सबसे गंदे और तब से लेकर अब तक मुझे नफरत हैं जब भी मुझे पीरियड्स होते है.

 

जब भी मुझे पीरियड्स आते है तो मेरे पेट के निचले हिस्से में जोर का दर्द होता है. मुझे पहला पीरियड 14 साल की उम्र में हुआ था, उस वक़्त मैं 15 साल की थी और किस्मत से मेरी उस दिन स्कूल की छुट्टी थी. जब मुझे पेट में दर्द हुआ तो मुझे लगा कि शायद गैस है या मैंने सोचा कि कुछ गलत खा लिया लेकिन कुछ देर के बाद ही मुझे पता चल गया था कि मेरे पीरियड्स शुरू हो गए है.

 

पहले पीरियड में मुझे इतना जोर की पेट दर्द हुआ कि मुझे डॉक्टर के पास ले जाना पड़ा और दवाई खाने के बाद ही थोड़ा आराम आया.

My First Period Story in Hindi

जब पहली बार मुझे पीरियड्स हुआ था तो ऐसा लगा था जैसे किसी ने खंजर मार दिया हो क्यूंकि बहुत खून आ रहा था. खून इतना ज़्यादा था कि मैं घबरा गयी. जब खून मेरी जांघो तक पहुंचा तो मुझे बहुत बेचैनी हुई थी, उस दिन मुझे खुद से जैसे नफरत सी हो रही थी और मैं सोच रही थी कि भगवान् ने मुझे लड़की क्यों बनाया।

my first period story in hindi

 

मेरा नया पजामा तो खून की वजह से खराब हो गया था लेकिन मुझे पूरा दिन ये डर लग रहा था कि अगर मैं बेड पर बैठ गयी तो बेडशीट भी खराब हो जायेगी इसलिए काफी देर तो मैं बैठी ही नहीं. आज भी जब अचानक से मुझे पीरियड्स आते है तो अंडरवियर या पैंट ज़रूर खराब होती है.

 

जब मैंने पहली बार मेंसेस में पैड पहना तो वो बहुत ही बेकार अनुभव था. उस वक़्त मुझे ये टेंशन थी कि पैड पहन कर मैं बाहर कैसे जाउंगी क्यूंकि मुझे चलने में बहुत दिक्कत हो रही थी. वो पैड मेरी जांघो के बीच चिपके हुए ऐसा लग रहा था जैसे मैंने कोई बच्चे का डायपर (Diaper) पहना हुआ हो.  मुझे पैड लगाना बहुत बेकार लगता है लेकिन ये मेरी मजबूरी है. और सबसे गन्दी बात ये है कि आप चाहे दिन में जितने मर्जी पैड बदल लो, खून का कोई न कोई दाग मेरी अंडरवियर या पैंट में लग ही जाता है.

 

अगर मूड की बात करू तो मेन्सेस के दौरान मैं हमेशा चिड़चिड़ी रहती हु क्यूंकि मुझे अपनी टांगों के बीच पैड लगाना पड़ता है जिससे कि मुझे बहुत परेशानी होती है.

My First Period Story in Hindi

अगर मैं बात करू कि पीरियड्स कितने दिन रहता है तो मैं कहूँगी हर लड़की के लिए अलग अनुभव होता है. शुरू में मुझे 5 दिन पीरियड्स रहता था लेकिन अब 3 दिन ही होता है. शुरू में तो बहुत ज़्यादा मेन्सेस होती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है. शुरू के 2 दिन तो बहुत मुश्किल होती है, पेट में दर्द, कमर में दर्द, मूड खराब और पता नहीं क्या क्या.

 

अब मैं 36 साल की हू और कई बार तो मेरे पीरियड्स 2 महीने के बाद आते है. ऐसे में  राहत तो मिलती है लेकिन फिर दिल में एक डर भी होता है कि कही पीरियड्स आने बंद तो नहीं हो गए.

खैर ये थी मेरी My First Period Story in Hindi और अब शायद ज़्यादातर लोगों को एहसास हो गया होगा कि पीरियड्स आना कोई आसान बात नहीं. एक औरत या लड़की की ज़िन्दगी ऐसी ही होती है लेकिन हम लड़कियों को पीरियड्स से कोई ख़ास शिकायत नहीं क्यूंकि इसी की वजह से तो हम माँ बनने का सुख हासिल कर पाती है।

 

धन्यवाद

आपके पास भी कुछ स्टोरी हो तो हमें बताएं, जल्दी पब्लिश किया जायेगा।

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