महान वैज्ञानिक जेम्स वाट की जीवनी – James Watt Story in Hindi

नाम- जेम्स वाट

जन्म- 19 जनवरी, 1736

मृत्यु-25 अगस्त1819,बर्मिंघम, इंग्लैंड

राष्ट्रीयता- स्कॉटिश

प्रसिद्धि- भाप इंजन के अविष्कारक

जेम्स वाट का नाम लेते ही जुबान पर सबसे पहले शब्द आता है, वो है भाप इंजन। 1769 में भाप इंजन का अविष्कार कर के जेम्स वाट ने उद्योगिक क्षेत्र में क्रांति ला दी। जेम्स वाट एक स्कॉटिश (Scottish) खोजकर्ता, मैकेनिकल इंजीनियर और केमिस्ट भी थे। एनर्जी की इंटरनेशनल सिस्टम ईकाई ‘वाट (Watt)’ भी जेम्स वाट के नाम पर ही रखा गया है।

जीवन परिचय

जेम्स वाट का जन्म 19 जनवरी, 1736 को स्कॉटलैंड के ग्रीनोक में हुआ था। जेम्स बचपन से ही काफी गंभीर प्रवृति के थे। उनमें बचपन वाली चंचलता बिल्कुल भी नहीं थी। उनके खेलों में भी एक अलग तरह का अनोखापन नजर आता था। जेम्स हमेशा नई- नई चीजों के तरफ आकर्षित होते और उसके तह तक जाने की कोशिश करते थे। जेम्स वाट के पिता ठेकेदार, जहाज के मालिक और गांव के मुख्य बेली भी थे। जेम्स वाट की मां भी काफी पढ़ी – लिखी थीं। वहीं वाट के दादा थॉमस वाट भी गणित के शिक्षक और बेली थे। इन वजहों से वाट के घर का माहौल काफी अच्छा था। वाट अपने आठ भाई – बहनों में छठें नंबर पर थे।

शिक्षा और ट्रेनिंग

जेम्स वाट ने प्रारंभिक शिक्षा अपने घर में ही हासिल की। बाद में उन्होंने ग्रीनोक्क ग्रामर स्कूल जाना शुरू किया। जेम्स वाट की शिक्षा का सबसे बड़ा स्त्रोत उनके पिता का वर्कशॉप रहा। जहां उन्होंने जहाज के उपकरणों को बनाना सिखा। वे उसी समय से मशीन सम्बन्धी समस्त छोटे-बड़े उपकरणों में रूचि लेने लगे थे। 17 साल की उम्र में गणितीय उपकरण निर्माता बनने का फैसला करते हुए, वाट पहले ग्लासगो (Glasgow) चले गए। इसके बाद 1755 में उन्होंने लंदन जाकर भी शिक्षा हासिल की। लेकिन स्वास्थ्य में लगातार आ रही गिरावट की वजह से जेम्स वाट वापस ग्लासगो आ गए। यहां उन्होंने 1757 में विश्वविद्यालय में एक गणित के यंत्र (जैसे- चतुर्भुज, कंपास, तराजू) बनाने वाली दुकान खोली। इस दौरान वे कई वैज्ञानिकों से भी मिले। जिसके बाद ब्रिटिश केमिस्ट स्मिथ और भौतिक विज्ञानी जोसेफ ब्लैक उनके मित्र बन गए।

एक रात में बालक जेम्स ने चूल्हे पर चढ़े पतीले को देखा, जिसका पानी उबल रहा था। जेम्स ने देखा कि केतली का ढक्कन भाप की वजह से बार-बार ऊपर उठ रहा है। उन्होंने भाप की शक्ति को पहचानकर उसका उपयोग करने की योजना बनायी। इसी बीच उन्हें गुप्त ताप की खोज की घटना के बारे में जानकारी मिली, इसके बाद उन्हें भाप सम्बन्धी शक्ति का ध्यान प्रबल हो गया।

जेम्स वाट की कहानी

भाप इंजन का अविष्कार

जेम्स वाट से पहले थॉमस न्यूकोमन ने भाप इंजन का अविष्कार किया था, लेकिन वो ठीक से चलता नहीं था। 1763 में वाट की वर्कशॉप में वो भाप इंजन ठीक होने आया। इसमें एक ही सिलिंडर था, जेम्स वाट ने इस इंजन में भाप को इकट्ठा करने के लिए एक कंडेनसर लगा दिया। शून्य की स्थिति को बनाए रखने के लिए पिस्टन की पेकिंग को दुरुस्त और मजबूत किया और एक वायुपम्प लगा दिया। बस ऐसा करने का बाद ही इंजन पावरफुल हो गया। इस तरह भाप इंजन का निर्माण करने वाल जेम्स वाट पहले आविष्कारक बने। अपने इंजन में और सुधार करते हुए जेम्स ने इसे खदानों से पानी निकालने के लिए भी काम में लिया।

जेम्स वाट के जीवन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें

  • 1753 में मां के देहांत के बाद जेम्स वाट को घर चलाने के लिए अपरेंटिस और घड़ी के निर्माता के यहां भी काम करना पड़ा था।
  • स्कूल के दिनों में जेम्स वाट की रुचि लैटिन और ग्रीक भाषा में नहीं थी।
  • साल 1764 में जेम्स वाट ने अपने चचेरी बहन मार्गरेट मिलर से शादी कर ली। जिनसे उनके 6 बच्चे पैदा हुए।
  • जेम्स वाट का जीवन काफी संघर्षो से भरा था । उनकी पहली पत्नी का निधन हुआ। सौभाग्य से दूसरी पत्नी अच्छी मिली।
  • बचपन में एक बार जेम्स वाट की मां चुल्हे पर खाना बना रही थी, तो उन्होंने देखा कि पतीले से भाप उठ रहा है और वो ढक्कन को हिला रहा है। उन्होंने उसके उपर पत्थर रख दिया। तब भी भाप की वजह से ढक्कन हिलने लगा। तभी वो समझ गए कि भाप में ताकत तो जरूर है।
  • जेम्स वाट के नाम भाप इंजन समेत 6 चीजों पर एकल अविष्कार का पेटेंट है।

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दोस्तों James Watt Story in Hindi से आपको क्या सिख मिली हमें कमेंट में बताएं।

2 Responses

  1. Soumaya ranjan Swain says:

    Hy vinnet sir thank you for this story

  2. Hiralal says:

    nice

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